आदिल अहमद
लखनऊ। दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे की ड्रामेटिक गिरफ्तारी पर अब राजनीतिक सवाल उठना शुरू हो गए है। इस क्रम में कांग्रेस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सीबीआई जांच की मांग करते हुवे उसकी मोबाइल सीडीआर को सार्वजनिक करने की मांग किया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में बढ़ रहे अपराध और ध्वस्त होती कानून व्यवस्था के बीच आज कानपुर में पुलिस कर्मियों की जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे की गिरफ्तारी को स्क्रिप्टेड संदिग्ध गिरफ़्तारी कहते हुवे गंभीर सवाल उठाया है और पूरे प्रकरण की सीबीआई जाँच की मांग करते हुए कहा है कि प्रदेश में अपराधियों को सत्ता का खुला संरक्षक प्राप्त है। अभी हाल में कानपुर में जो हुआ है उससे प्रदेश सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा बेनकाब हो गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज जारी बयान में विकास दुबे की उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर परिसर से हुई संदिग्ध गिरफ़्तारी की सीबीआई जांच हेतु मांग उठाते हुए कहा है कि पूरा प्रदेश जंगलराज में तब्दील हो गया है। योगी आदित्यनाथ से प्रदेश की कानून व्यवस्था संभल नहीं रही है। कानून व्यवस्था दिन बा दिन लचर होती जा रही है। अपराधियों के हौंसले बुलंद है।
जारी बयान में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कई सवाल उठाते हुए योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुवे कहा कि प्रदेश में जंगलराज का यह आलम है कि आला अफसर-पुलिस के आपराधिक गठजोड़ के चलते अपराध फल फूल रहा है। उन्होंने विकास दुबे की वेल स्क्रिप्टेड संदिग्ध गिरफ़्तारी बताया और उससे जुड़े हुए कुछ सवाल उठाते हुवे कहा कि जब सूबे पूरी सीमा सीज थी। बड़ी तादात में एजेंसियों और पुलिस टीम लगी थी तो विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंच गया? इसकी जांच होनी चाहिए। कहा कि विकास दुबे के प्रकरण में जिन लोगों का नाम समाने आया है उनकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस से विकास दुबे की साठगांठ सबके सामने है। एक बड़े पुलिस अधिकारी को हटाया भी गया है, जिसके साथ विकास के सहयोगी जय वाजपेयी की तस्वीर वायरल हुई थी, उसी से जुड़ी तस्वीर पंचमतल के अधिकारी के साथ भी है। भाजपा के विधायक और मंत्रियों की भी तस्वीरें दिखीं है। इस सब लोगों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग किया है कि विकास दुबे के मोबाइल नेटवर्क की स्थिति सार्वजनिक की जाए।
अजय लल्लू ने कहा कि मध्य प्रदेश के गृहमंत्री जो कि पहले कानपुर के प्रभारी रहे हैं उनके ऊपर सवालिया निशान लग रहा है। यह भी बात सामने आई है कि अचानक महाकाल मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों का ताबदला हुआ है। यह क्यों और कैसे हुआ इसकी जांच होनी चाहिये। अक्सर यह देखा जाता है कि किसी भी बड़ी घटना के बाद पुलिस के बड़े अधिकारी प्रेस ब्रीफिंग करते हैं आखिर क्या परिस्थिति थी कि मध्यप्रदेश गृहमंत्री खुद प्रेस ब्रीफिंग किये।
उन्होंने कहा यह सारे सवाल आम आवाम के जेहन में उठ रहा है। सरकार को जवाब देना चाहिए। इस तरह खामोश रहकर प्रदेश में जंगल राज की हुई स्थापना पर रोक लगाई जानी चाहिये।