आदिल अहमद
कानपुर: शायद आपके लिए खबर पुरानी हो चुकी होगी. सुबह से हर एक टीवी पर यही खबर हर एक सोशल मीडिया पर भी यही खबर है। कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद 6 दिन तक पुलिस को छकाने वाला गैंगेस्टर विकास दुबे पुलिस के साथ मुठभेड़ में आज सुबह मारा गया। जिस फ़िल्मी अंदाज़ में विकास दुबे खुद को पुलिस के हावाले करता है अथवा पुलिस उसको गिरफ्तार करती है उसी तर्ज पर आज अहले सुबह विकास दुबे मारा जाता है।
विकास दुबे के एनकाउंट के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान जारी करके बताया कि अभियुक्त विकास दुबे को जब उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था तो रास्ते में एक गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और वह पलट गई। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने एक घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस के अनुसार विकास दुबे को चारों तरफ से घेर कर आत्मसमर्पण के लिए कहा गया लेकिन विकास ने सरेंडर करने के बजाय पुलिस पर गोलियां चला दीं। आत्मरक्षा ने पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। जिसमें हीस्ट्रीशटर घायल हो गया। घायल को लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस एनकाउंटर के बाद मिली जानकारी के अनुसार विकास दुबे को लेकर रवाना हुई गाड़ियों में सबसे आगे चल रही गाड़ी ने गुना के टोल प्लाजा के स्टॉपर पर तेजी से टक्कर मार दी। टक्कर लगने के बाद पीछे काफिले में चल रही अन्य गाड़ियों ने तेजी से ब्रेक लगाए और सभी गाड़ियां असंतुलित होने लगी। विकास दुबे दूसरे नंबर की गाड़ी में दो लोगों के साथ बीच की सीट पर बैठा हुआ था। गाड़ी के पलटने के साथ ही विकास ने भागने की कोशिश शुरू कर दी। उसने एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल निकाल ली और वहां से भागने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान पुलिस ने उसे मार गिराया।
इस घटना पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। कई विपक्षी नेताओं ने भी इस पर योगी सरकार से सवाल किया है। बीएसपी सुप्रीमो ने सुप्रीम कोर्ट से निष्पक्ष जांच कराने की मांग भी की है। अभी गुरुवार की रात ही सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे की सुरक्षा को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। इसमें इस केस में अब तक एक के बाद एक एनकाउंटर होने के बाद विकास दुबे के एनकाउंटक पर भी सवाल उठाए गए थे।
इस याचिका मे इन मुठभेड़ों के बाद सीबीआई जांच की मांग की गई है। वही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस एनकाउंटर के पीछे बड़े राज को छिपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि ‘हादसे में कार पलटी नहीं है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।’ इसके अलावा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर इस मुठभेड़ पर सवाल खड़े किये है। प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?’ इस दौरान अभी थोड़ी देर पहले ही एडीजी ने इस एनकाउंटर पर अपना बयान जारी करते हुवे कहा है कि दुर्घटना में गाडी पलटने के बाद विकास दुबे भागा था। उसने गोली चलाई थी। आत्मरक्षार्थ पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी जिसमे विकास दुबे मारा जाता है।
लेकिन घटना के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जो पुलिस के बयान और वीडियो में दिख रही घटना में विरोधाभास दिखा रहे हैं। एक वीडियो सामने आया है, जो सुबह तकरीबन चार बजे का है। इसमें पुलिस की तीन गाड़ियां एक टोल बूथ से निकलती दिखाई दे रही हैं। इस वीडियो में विकास दुबे जिस कार में बैठा है, वो गाड़ी हादसे में पलटी ही नहीं है। जो गाड़ी पलटी है वो कोई और है। कार की इस अदला-बदली पर फिलहाल पुलिस का कोई बयान नहीं आया है।
वहीं एक और वीडियो भी आया है सामने, जो सुबह करीब साढ़े छह बजे का बताया जा रहा है। यानी कि यह वीडियो एनकाउंटर होने के महज आधे घंटे पहले का है। इस वीडियो को समाचार एजेंसी ANI ने ट्वीट भी किया है जिसमें देखा सकता है कि यहां मीडिया की गाड़ियों को रोका जा रहा है और उन्हें आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। वीडियो जो समाचार एजेंसी ANI द्वारा ट्वीट किया गया है वह सचेंडी का बताया जा रहा है।
समाचार लिखे जाने तक विकास दुबे के लाश को पोस्टमार्टम हेतु लाया गया था. इसके पहला उसकी कोरोना जाँच हुई. जिसकी रिपोर्ट कल तक आने की उम्मीद बताई जा रही है.
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