तारिक खान/आफताब फारुकी/आदिल अहमद
डेस्क. उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी कुख्ताय गैंगस्टर विकास दुबे को नाटकीय ढंग से कल गुरुवार को मध्यप्रदेश पुलिस ने सुबह उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया। जिस विकास दुबे के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस कभी दिल्ली तो कभी हरियाणा की ख़ाक छान रही थी, वह विकास दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस को चकमा देता हुआ मध्य प्रदेश पहुच गया। दोनों पैरो से सही सलामत न चल सकने वाला विकास उज्जैन में एक रात गुजारता है। सुबह होने पर महाकाल के मंदिर जाता है। वहा प्रसाद खरीदता है। मंदिर में वीआईपी दर्शन की पर्ची कटवाता है। फिर दर्शन करता है और आखिर पकड़ा जाता है।
जिस विकास दुबे के लिए पुलिस इतने पसीने बहा रही थी। उत्तर प्रदेश के काबिल पुलिस वालो की विशेष टीम उसकी सुरग्गाशी में लगी थी। उसके कांटेक्ट ट्रेस किये जा रहे थे। उसके फोटो कानपुर ही नही बल्कि मशक्कत के साथ गाजीपुर में भी चिपकाए जा रहे थे। जिसको खुद की शाबाशी देता हुआ गाजीपुर पुलिस का ट्वीट भी है। वह विकास दुबे जिसके ऊपर पांच लाख का इनाम है, मिली जानकारी के अनुसार फरीदाबाद से कोटा 500 किलोमीटर से अधिक दुरी तय करके कोटा आता है। फिर वह से महाकाल मंदिर उज्जैन जाता है। उसके बाद दर्शन करता है और फिर वहा के एक सिक्योरिटी गार्ड के हाथो पकड़ा जाता है।
इस हाईटेक गिरफ़्तारी के सम्बन्ध में दोनों प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस खुद को बधाई दे रही है। एक गिरफ़्तारी के लिए खुद राज्य के गृहमंत्री अपना वक्तव्य देते है। यहाँ तक कि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश भी अपना बयान जारी करते है। इस सबके बीच खबरों में वह सिक्योरिटी गार्ड लखन यादव भी मीडिया के कैमरे पर आ जाता है जिसने सबसे पहले इसको पकड़ा था। यहाँ तक की वहा मौजूद मीडिया कर्मियों ने और आम जनता ने वीडियो भी वायरल किया कि किस तरीके से विकास दुबे आराम से टहलता हुआ सुरक्षा कर्मियों के साथ जा रहा है।
इस मामले में मंदिर की सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव का बयान भी सोशल मीडिया पर आ रहा है कि विकास दुबे सफेद बोलेरो गाड़ी से आया था। मंदिर आने से पहले शिप्रा नदी में स्नान किया था। इसके बाद विकास ने बंटी नाम से एक शख्स को इशारा किया था, पकड़े जाने पर बंटी से वीडियो बनाने को कहा था। इस बीच सूत्रों से मिली सुचना के अनुसार जिस गार्ड लखन ने विकास को पहचान कर पकड़ा था उसको छुट्टी पर भेज दिया गया है। इस खबर की वैसे अभी तक यानि समाचार लिखे जाने तक कोई पुष्टि नही हुई है।
बहरहाल, विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि वह कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा। उज्जैन में उसे किसने आश्रय दिया। इस दरमियान पुलिस ने बताया कि दुबे को उज्जैन में एक स्थानीय शराब ठेकेदार आनंद तिवारी ने आश्रय दिया था। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी आनंद तिवारी ने बुधवार को अपने घर पर ही दुबे के रात्रि विश्राम की व्यवस्था किया था ऐसा पुलिस का कहना है। यही नही पुलिस का कहना है कि सुबह मंदिर जाने की व्यवस्था भी आनंद तिवारी ने ही किया था।
उज्जैन पुलिस ने आज सुबह ही इस प्रकरण में नाम आने के बाद से आनंद तिवारी और उसके कुछ अन्य सहयोगियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। विकास दुबे ने मंदिर में कतार में खड़े होकर काउंटर से 251 रुपये का टिकट प्राप्त किया और फिर पूजा-अर्चना किया। इसकी भी उज्जैन पुलिस पुष्टि कर चुकी है। समाचार एजेंसी ANI पर पोस्ट वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल हुवे वीडियो में साफ़ दिखाई दिया और सुनाई दिया कि जैसे ही पुलिस ने विकास को पकड़ा तो उसने चिल्ला कर कहा कि “मैं विकास दुबे हु कानपुर वाला।” इसके बाद एक कांस्टेबल द्वारा एक थप्पड़ उसके सर के पीछे लगाया जाता है जिस पर एक अन्य कांस्टेबल की आवाज़ आती है कि “शर्मा जी मरवाओगे क्या ? थोड़ी अकल ले लो।”
बहरहाल, ये सुबह का सीन था और अब तक आप सबके आँखों के सामने से गुज़र चूका है। इसके बाद विकास दुबे को बीच सड़क पैदल लेकर जाता हुआ कई सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुआ है। जो इस बात को दर्शाता है कि विकास दुबे पूरी प्लानिंग के साथ उज्जैन गया था। जैसा कि उसकी माँ ने सुबह ही बयान में कहा था कि विकास दुबे हर साल उज्जैन जाता है। इसके बाद उज्जैन पुलिस ने कागज़ी कार्यवाही पूरी किया वही दूसरी तरफ विकास दुबे के पकडे जाने की जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश पुलिस मध्य प्रदेश के उज्जैन पहुच जाती है।
शाम लगभग 4 बजे पुलिस विकास दुबे को अदालत में पेश करती है और उत्तर प्रदेश पुलिस ट्रांजिट रिमांड अदालत से दरख्वास्त करती है। विकास दुबे की ट्रांजिट रिमांड पर सीजेएम तृप्ति पाण्डेय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये सुनवाई किया। थोड़ी देर की ही बहस के बाद ट्रांजिट रिमांड मंजूर हो जाता है और फिर कागज़ी कार्यवाही के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे को लेकर कानपुर के तरफ रवाना हो चुकी है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस अभी विकास दुबे को लेकर कानपुर नही पहुची थी। वही कानपुर पुलिस ने विकास दुबे के परिवार को हिरासत में ले लिया है। इस दौरान समाचार लिखे जाने तक शराब कारोबारी आनंद तिवारी से पूछताछ जारी थी।
मध्य प्रदेश के एक बड़े नेता का नाम उछला
अमर उजाला ने अपनी खबर में दावा किया है कि विकास दुबे के उज्जैन महाकाल मंदिर से पकड़े जाने के बाद वहां के मंत्री को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। खबर में कहा गया है कि वह मप्र के एक बड़े मंत्री के लगातार संपर्क में था। मप्र के यह प्रमुख मंत्री 2019 के लोकसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र से भाजपा के सह प्रभारी रहे थे। कहा जा रहा है कि विकास दुबे की उस मंत्री से कई बार मुलाकात हुई है। इस संबंध में स्थानीय भाजपा नेता सीधे कुछ भी कहने से बच रहे हैं। इन नेताओं की तरफ से कहा जा रहा है कि चुनाव के दौरान राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व की तरफ से प्रचार के लिए समय समय पर नेताओं को भेजा जाता है। मप्र के यह मंत्री भी उस समय यहां पार्टी प्रचार के लिए भेजे गए थे। इससे ज्यादा कुछ नहीं है।
सीओ को पता था कि हुई है मुखबिरी, इसीलिए तय समय से पाले दिया दबिश – विकास दुबे
चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र को मुखबिरी का डर था। इसलिए समय से पहले दबिश दी थी। पुलिस के पहुंचते ही दहशतगर्द विकास को एनकाउंटर का खौफ हुआ तो उसने पुलिस पर सीधे हमला कर दिया जिसमें आठ पुलिस कर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। ये बड़ा खुलासा विकास दुबे ने पुलिस की पूछताछ में किया है। उसने बताया कि चौबेपुर थाने से उसको सूचना मिली थी कि सुबह पांच से छह के बीच दबिश पड़ेगी। मगर सीओ देवेंद्र मिश्र को पता चल गया था कि मुखबिरी हो गई है। इसलिए उन्होंने तय समय से करीब चार घंटे पहले तकरीबन रात एक बजे दबिश डाल दी।
मिल गई थी पहले ही दबिश की जानकारी
विकास दुबे ने पुलिस पूछताछ में ये भी बताया है कि दबिश की जानकारी करीब एक घंटे पहले उसको मिल गई थी। विकास का कहना था कि उसने असलहों के साथ साथियों को बुलवाया। जेसीबी लगवाई और मोर्चा लेने को तैयार हो गया। उसको एनकाउंटर होने का डर था। इसलिए पुलिस पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। उसने पुलिस पूछताछ में बताया है कि कुल 30 लोग आये थे और उनके लिए खाने की भी व्यवस्था थी।
विकास दुबे ने पुलिस से यह भी बताया है कि सभी के लिए खाना बना था। उसने ये भी पुलिस पूछताछ में बताया था कि उसकी सीओ से नही बनती थी और सीओ ने उसको देख लेने की धमकी भी दिया था। जिस वजह से उसको डर था कि पुलिस उसका एनकाउंटर कर देगी। इसी डर से उसने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस दौरान सबूत मिटाने के लिए उसने किरोसिन तेल का भी इंतज़ाम किया था। मगर भागने के लिए वक्त कम था तो इस हरकत को अमली जामा नही पहना सका था।
सीओ के सर पर मारी थी आधा दर्जन गोली, प्रेम ने काटा था कुल्हाड़ी से पैर
सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा को दर्दनाक मौत देने की वजह कुख्यात विकास दुबे ने खुन्नस बताई है। हत्या कर पैर काटने और शव क्षतविक्षत करने में विकास के साथ मुठभेड़ में मारे गए प्रभात उर्फ कार्तिकेय मिश्रा व प्रेम प्रकाश पांडेय शामिल थे। ये खुलासा मारे जाने से पहले प्रभात ने पुलिस-एसटीएफ की पूछताछ में किया है।
उसने बताया था कि उसने और विकास ने ही सीओ के सिर में पांच-छह गोलियां मारी थीं। इसके बाद प्रेम प्रकाश, गुड्डन त्रिवेदी ने मिलकर कुल्हाड़ी से उनका पैर काटा था। इतना ही नहीं सभी शवों को जलाने की तैयारी थी पर तभी भागना पड़ा। एसएसपी दिनेश कुमार के मुताबिक देवेंद्र कुमार की हत्या विकास दुबे के मामा घर में की गई थी। प्रभात ने फरीदाबाद में यह जानकारी दी थी। उज्जैन में पूछताछ के दौरान विकास ने यही खुलासा किया है। खुन्नस के चलते विकास ने सबसे दर्दनाक मौत सीओ को ही दी। पूछताछ में विकास ने बताया है कि सीओ बिल्हौर उसके पीछे पड़े थे। पुरानी जांचें खुलवा रहे थे और नए केस भी दर्ज करवा रहे थे। सीओ की ओर से जो भी कार्रवाई की जाती थी, तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी इसकी जानकारी उन्हें देता था। इसलिए वो सीओ से खुन्नस रखने लगा था।
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