गौरव जैन
रामपुर। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में चार्टेड अकाउंटेंट तथा वस्तु एवं सेवाकर दिन पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुल्तान अहमद खान ने सभी को चार्टेड अकाउंटेंट दिन की शुभकामनाऐं दी। तत्पश्चात कार्येक्रम का शुभारम्भ एस. एस . पी.जी.कॉलेज के प्राचार्य डा. ए. के. मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा वर्तमान परिदवेश में चार्टेड अकाउंटेंट की महत्व को बताया।
डा. पुलकित अग्रवाल (कन्वीनर) ने बताया कि चार्टेड अकाउंटेंट आर्थिक शास्त्र के ज्ञाता होने के साथ – साथ किसी भी आर्थिक गतिविधि के स्तम्भ होते हैं तथा बिना चार्टेड अकाउंटेंट के कोई भी आर्थिक गतिविधि सुदृण रूप से सम्भव नहीं है।
डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि लेखांकन एवं अंकेक्षण के क्षेत्र में चार्टेड अकाउंटेंट रीढ़ कि हड्डी का कार्य कर रहे हैं।
चार्टेड अकाउंटेंट जी. एस. वर्मा ने बताया कि अंकेक्षण जो होता है वो एक खोजी होता है नाकि सजा देने वाला और चार्टेड अकाउंटेंट अच्छे से निभाता है। चार्टेड अकाउंटेंट संजीव अग्रवाल ने बताया कि किसी भी देश में अंकेक्षक और चिकित्सक एक दूसरे के पूरक होते हैं। बिना अंकेक्षक के एक देश की आर्थिक गतिविधि प्रभावित होती है उसी प्रकार बिना चिकित्सक के एक देश की स्वास्थ सेवाएं प्रभावित होती हैं।
अंकेक्षक सौरव अग्रवाल ने कोविद – 19 का भारतीय कर व्यवस्था के ऊपर प्रतिकूल प्रभाव के बारे में चर्चा की तथा जो बदलाव भारतीय कर व्यवस्था में हुए उनके बारे में बताया। अंकेक्षक सुरभि प्रेमी ने अंकेक्षक दिवस तथा वस्तु और सेवाकर के तीन वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाऐं दीं तथा बताया कि वस्तु और सेवाकर लागू होने से क्या – क्या फायदे जनता तथा व्यापारियों को मिले।
सीए सागर अग्रवाल ने आत्मनिर्भर भारत के बारे में चर्चा की तथा बताया कि किस प्रकार से तथा किन – किन क्षेत्रों में भारत आत्मनिर्भर बन सकता है। अंकेक्षक तुषार अग्रवाल ने “मेक एन इंडिया” कार्येक्रम के बारे में बताया तथा किस प्रकार से हम “मेक एन इंडिया” कार्येक्रम में भाग लेकर अपने देश को उन्नति के पथ पर ले जा सकते हैं। अंकेक्षक आकांशा बंसल ने भारत सरकार की ओर से जो भी आर्थिक पैकेज दिए गए हैं उनके बारे में बताया तथा उनका क्या – क्या लाभ किस – किस को मिल सकता है।
अंकेक्षक इन्दर पाल सिंह ने बताया कि कोविद – 19 का व्यापारियों पर कैसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा तथा किस प्रकार से वह अपनी देनदारियों को पूरा करें तथा इस प्रतिकूल समय का सामना करें। इसी क्रम में इस कार्येक्रम के समापन समारोह में समापन भाषण प्रस्तुत करते हुए इंतेखाब नदीम खान ने सभी को अंकेक्षक दिवस की शुभकामनाऐं देते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस कार्येक्रम में मुख्य रूप से राबिया खान, माहिरा अखलाख, डा. शुमाइला नईम, यासीन खान, कमलेश कुमार, मुहम्मद अली, ऐमन खान, जमीर अहमद रिज़वी आदि का सहयोग रहा।
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