आदिल अहमद
डेस्क. पिछले कई दिनों से व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी पर ज्ञानियों ने एक ज्ञान बघारना शुरू किया है कि कोरोना संक्रमण अगर है तो फिर ये जानवरों को क्यों नही हो रहा है ? सवाल बड़ा अजूबा आपको भले लगे मगर इस मायावी दुनिया व्हाट्सएप पर इस सवाल को वायरल करने वालो की कमी नही है। हाथो में महंगा मोबाइल लिए वास्तविक दुनिया से बेफिक्र इन ज्ञानियों को तकलीफ शायद इस बात की हो रही होगी कि जानवर क्यों नही मर रहे है ? अमा कमाल करते हो राजा साहब लोग, जिस भयानक बिमारी से दुनिया के बड़े मजबूत खुद को कहने वाले अमेरिका ने घुटने टेकने शुरू कर दिए। जिस बिमारी के वजह से दुनिया में दूसरी सबसे अच्छी स्वास्थ सेवा रखने वाला इटली घुटनों के बल बैठ गया। उस खतरनाक वायरस को ही कटघरे में खड़ा करके सवाल पूछ रहे हो कि अगर तू वायरस है तो बता आखिर तू जानवरों पर असर क्यों नही करता है।
अरागॉन प्रांत के इस फ़ार्म में मई महीने में एक फार्म कर्मचारी की पत्नी का टेस्ट पॉज़ीटिव आया था। इसके बाद जब इस महिला के पति और अन्य छह फ़ार्म कर्मचारियों का टेस्ट किया गया तो वे सब भी पॉज़ीटिव पाए गए। बताते चले कि ऊदबिलाव का फ़र्र कई तरह की चीज़ें और गर्म कपड़े बनाने के काम में इस्तेमाल होते हैं और यह काफी क़ीमती भी होता है। इन कर्मचारियों के संक्रमित पाए जाने के बाद से फ़ार्म के ऊदबिलावों को अलग रखा गया था और इन पर नज़र भी रखी जा रही थी। लेकिन 13 जुलाई को एक बार फिर इन ऊदबिलावों का कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें फ़ार्म के क़रीब 87 फ़ीसदी मिंक कोरोना पॉज़ीटिव पाए गए।
प्रांत के कृषि मंत्री जाओक्वीन ओलोना ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि यह फ़ैसला इंसानों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए लिया गया है। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि जानवरों से इंसानों को संक्रमण का ख़तरा है या नहीं। या फिर यह इंसानों से जानवरों में होता है या नहीं। लेकिन उन्होंने यह ज़रूर कहा कि इस बात की संभावना से इनक़ार नहीं किया जा सकता है कि संक्रमित कर्मचारी की लापरवाही के कारण ही ऊदबिलाव संक्रमित हुए होंगे। जानवरों से इंसानों के कोरोना संक्रमित होने के बारे में जो अब तक हम जानते हैं। कई अध्ययनों से यह पता चला है कि कोरोना वायरस बिल्लियों और कुत्तों सहित कुछ अन्य जानवरों के बीच संक्रामक है।
शोधकर्ता इस संबंध में अभी इस तरह के संक्रमण की संभावनाओं को तलाशने के लिए शोध कर रहे हैं। स्पेन के अलावा डेनमार्क और नीदरलैंड में भी कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां मिंक फ़ार्म के कर्मचारी पॉज़ीटिव पाए गए हैं। मिंक या ऊदबिलाव मांस और फ़र्र के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल होते हैं। महामारी के बाद से नीदरलैंड में अब तक के कुछ महिनों में दसियों हज़ार ऊदबिलावों को मारा जा चुका है। फ़ार्म के इन ऊदबिलावों को संक्रमण ना फैले इस डर से मार डाला गया। यह फ़ैसला मई में दो संदिग्ध मामलों के आने के बाद डच सरकार की ओर से लिया गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हो सकता है कि संक्रमण के ये मामले जानवरों से इंसानों के संक्रमित होने से पहले के मामले हों। जून में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विश्व स्वस्थ्य संगठन की एपिडिमियोलॉजिस्ट मारिया वान केरखोव का कहना था “ऊदबिलावों में संक्रमण लोगों से पहुंचा। ये ऊदबिलाव इंसानों के संपर्क में आकर संक्रमित हुए और बाद में इन ऊदबिलावों से कुछ लोग संक्रमित हुए।” उन्होंने आगे कहा था कि इस दिशा में और जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है कि दरअसल इसके मायने क्या हैं और ऊदबिलाव इसमें किस लेवल तक शामिल हैं।
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