तारिक़ आज़मी
छपास रोग कभी कभार भारी भी पड़ जाता है। छपास के रोग से ग्रसित लोग कभी कभार अपनी ऐसे फोटो भी खिचवा लिया करते है जिससे उनको ही बाद में जवाबदेही देनी पड़ जाए। ऐसा ही कुछ हो गया है भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर महामंत्री आसिफ शेख के साथ। कहने को तो नेता जी भाजपा के सदस्य और पदाधिकारी है और प्रधानमन्त्री मोदी के हर एक शब्दों का पालन करते है। मगर जब प्रधानमंत्री खुद लाल किले के प्राचीर से भाषण दे रहे थे और कोरोना से बचाव के लिए देश के नागरिको को सोशल डिस्टेंस का ख्याल करने की बात कह रहे थे उसी वक्त शायद नेता जी उसी सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ा रहे थे।
बहरहाल, तस्वीर जो वायरल हो रही है वह 15 अगस्त की तस्वीर है। यानी शनिवार की। नेता जी नियमो की भी थोडा बात हो जाये। काफी कायदा कानून आप भी जानते है। थोडा हम भी जानते है। शनिवार को संपूर्ण लॉकडाउन था। बिना किसी बहुत ज़रूरी काम के घरो से बाहर निकलने पर चालान, मुक़दमे जैसे कार्यवाही होती है। नेता जी लॉक डाउन तो आपके लिए भी था। तो फिर इतने लोग एक साथ इकठ्ठा कैसे हो गए? क्या अनुमति पत्र आपको मिला था ? या फिर सत्ता की हनक पर ही आप कुछ भी अवैध कृत्य कर सकते है। फोटो जो वायरल हो रहा है नेता जी वह तो बता रहा है कि कार्यक्रम लगभग 25 लोगो से अधिक का ही था। क्योकि फोटो में ही लगभग 20 लोग दिखाई दे रहे है। क्या इसके लिए आपने अनुमति प्रशासन से लिया था ? जबकि हमारी जानकारी कहती है कि ऐसे किसी कार्यक्रम की कोई अनुमति दिली ही नही थी। तो फिर क्या आप सिर्फ सत्ता के हनक पर ही सभी नियम कायदे कानून ताख पर रख देंगे। ऐसा आपको हो सकता है अधिकार हो। मगर नियम ऐसे किसी अधिकार को आपको नही देता है।
एक तरफ जहा लॉक डाउन के नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ प्रशासन मुकदमा पंजीकृत कर रहा है वही पटाखा कारोबारी और भाजपा नेता आसिफ शेख का ऐसा कार्यक्रम काफी सवाल खड़े कर रहा है। अब देखना होगा कि क्या वाराणसी प्रशासन इस प्रकरण को संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज करने अथवा मामले की जाँच करवाता है अथवा सत्ता पक्ष के कारण नेता जी को इस गलती के लिए वाक ओवर दे दिया जाता है। बड़ा सवाल यह भी है कि क्या अब प्रशासन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा या फिर सत्ता पक्ष के होने के कारण इन्हें नियमों को तोड़ने की आजादी होगी।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : समाचार वायरल फोटो और नियमो के आधार पर लिखा गया है। PNN24 न्यूज़ फोटो की वास्तविकता को प्रमाणित नही करता है।
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