आदिल अहमद,
आगरा। गुरुग्राम से 34 यात्रियों को लेकर मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही डबल डेकर निजी स्लीपर बस मंगलवार रात आगरा में हाईजैक कर ली गई। इस मामले में पुलिस ने 15 घंटे बाद बस तो बरामद कर लिया है, मगर पुलिस के बयान और फाईनेन्स कंपनी के बयानो के बीच बड़ा फासला है। जहा पुलिस ने बयान दिया है कि बस पर फाईनेंस कंपनी का बकाया था और फाईनेंस कंपनी वाले बस ले गए थे। वही दूसरी तरफ सम्बंधित फाईनेंस ने अपना बयान जारी करके पुलिस के बयान पर सवालिया निशाँन लगाते हुवे कहा है कि उक्त बस पर उनका कोई बकाया ही नहीं है।
सुबह 4 बजे उन्होंने थाना मलपुरा जाकर सूचना दी। बुधवार सुबह छतरपुर में एक यात्री से पुलिस की बात हुई। उसने बताया कि हाईजैक बस से ही ग्वालियर तक वे पहुंचे हैं। वहां से उन्हें झांसी को बस में बैठा दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार फीरोजाबाद निवासी प्रदीप गुप्ता नाम के व्यक्ति ने घटना की है। वह एत्मादपुर आगरा में रह रहा है। फतेहाबाद टोल प्लाज़ा से पुलिस को एक फुटेज मिला है। इसमें प्रदीप दिखा है। बस अशोक अरोरा की बेटी कल्पना अरोरा के नाम रजिस्टर्ड है। हाईजैक बस का फुटेज फीरोजाबाद के सिरसागंज टोल प्लाजा पर रात 2।30 बजे मिला।
पुलिस बस की तलाश में रात से दोपहर तक छापेमारी करती रही। झांसी के एसएसपी दिनेश कुमार पी। ने बताया कि फाइनेंस कर्मियों ने यात्रियों को दूसरी बस बिठा दिया था। मऊरानीपुर पर यात्रियों के होने की जानकारी मिली है। चूंकि सभी यात्री अपने गंतव्य को अलग-अलग रवाना हो चुके हैं, इसलिए उनको ट्रेस कर पाना मुश्किल हो रहा है। फाइनेंसकर्मी बस को लेकर भागे थे। उनकी तलाश में पूरे जिले में अलर्ट कर दिया गया है। सीमाओं पर चेकिंग की जा रही है।
वही बस के बरामद होने के बाद फाईनेंस कंपनी ने अपना बयान और ब्यौरा जारी कर दिया जिससे पुलिस की स्टोरी पर सवालिया निशान लग रहा है। श्रीराम फाइनेंस कम्पनी ने ब्यौरा जारी करते हुवे कहा है कि उक्त बस पर कंपनी का कोई पैसा बकाया ही नहीं है, कंपनी को बदनाम करने की नियत से किसी ने ऐसी घटना को अंजाम दिया है। श्रीराम फाईनेंस के हेड इकबाल अब्बासी ने अपने बयान में कहा है कि मौजूद वक्त में बस पर कोई लोन नहीं है। 2 साल पहले ही लोन सेटल हो चुका है। अब्बासीने कहा कि श्रीराम फाइनेंस को बदनाम करने की साजिश है। 2018 के लोन सेटलमेंट का ब्यौरा जारी करते हुवे अब्बासी ने बताया कि बस दीपा अरोड़ा के नाम खरीदी गई थी।
बहरहाल, पुलिस बस को हाईजेक करने वालो की तलाश में जुटी हुई है। बस को क्यों हाईजेक किया गया अब इसकी जानकारी तो हाईजैकर्स के मार्फ़त ही मिल सकती है। मगर हाईवे पर किस कदर अपराधिक गतिविधि का खतरा बढ़ गया है इसका अंदाज़ा इस घटना से लगाया जा रहा है।
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