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देश में कोरोना संक्रमितो की संख्या हुई 30 लाख 44 हज़ार पार, अब तक 57 के करीब मौतों का सबब बन चुका है कोरोना

तारिक़ आज़मी

नई दिल्ली:  भारत में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। इस बीच देश में कोरोना वायरस का मामला  30.45 लाख के करीब पहुच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज रविवार को सुबह जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या  30,44,940 हो गई है।

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पिछले 24 घंटों में कोरोना के 69,239 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा आज 912 लोगों की मौत हुई है। वहीं, देश में कोरोना से अब तक 56,706 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 22,80,566 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं। इसके बावजूद भी देश में अभी तक के आकड़ो के अनुसार 7.07 लाख से अधिक एक्टिव केस मौजूद है। देश में अभी कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 8.64% पर चल रहा है। यानी कि जितने सैंपलों की जांच हो रही है, उनमें से 8.64 फीसदी मामले कोरोना से संक्रमित निकल रहे हैं। देश में 22 अगस्त को 8,01,147 कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए. अभी तक 3,52,92,220 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं. देश के लगभग सभी राज्यों से कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं. कई राज्य ऐसे भी हैं, जो इस महामारी से मुक्त हो चुके थे लेकिन प्रवासियों के राज्य में दाखिल होने से वह फिर से इस संक्रमण की जद में आ गए.

30 लाख के आंकड़े पर पहुंचने में हमें 206 दिन का समय लगा है। एक लाख के आंकड़े को भारत ने 110 दिनों में पार किया था। इसके बाद से कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिली है। रोजाना 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 95 दिनों में देश में 29 लाख कोरोना के मामले सामने आए हैं।

भारत में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। पिछले 19 दिनों से रोजाना आने वाले मामलों की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिला है। भारत को लेकर WHO ने जो रिपोर्ट जारी की है वह परेशान करने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले 19 दिनों से लगातार भारत में कोरोना के रोजाना आने वाले मामलों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। यानी कि इस दौरान भारत में अन्य देशों के मुकाबले रोजाना ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। कुल संक्रमितों की संख्या भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर आता है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़े चिंता का विषय हो गए हैं।

बताते चलें कि शोधकर्ताओं की एक टीम ने सर्जरी के दौरान मरीजों की नाक से निकाले गए टिश्यू का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि कोरोना से संक्रमित होने से मरीज सूंघने की क्षमता खो देता है, भले ही उन्हें कोई अन्य लक्षण न हों। शोधकर्ताओं ने पाया कि नाक का जो हिस्सा सूंघने में मदद करता है, वहां angiotensin-converting enzyme II (ACE-2) का स्तर काफी ज्यादा था। इस एंजाइम को कोरोना संक्रमण के लिए प्रवेश बिंदु माना जाता है। जहां से कोरोनावायरस शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करता है और संक्रमण फैलता है।

इस शोध का अध्ययन करने वाले प्रोफेसर लेन ने कहा, ‘मैं नाक और साइनस की समस्याओं का विशेषज्ञ हूं, इसलिए कोरोना में सूंघने की क्षमता पर असर होना, मेरे लिए अध्ययन का विषय बना। जबकि अन्य श्वसन वायरस आमतौर पर वायुप्रवाह में बाधा के माध्यम से सूंघने की क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं, कोरोनावायरस कभी-कभी अन्य लक्षणों की अनुपस्थिति में सूंघ न सकने का कारण बनता है।’

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