तारिक़ आज़मी संग रोहित कुमार
वाराणसी। वाराणसी के चौकाघाट क्षेत्र स्थित काली मंदिर के समीप बाइक सवार बदमाशों ने शुक्रवार को सुबह ताबड़तोड़ फायरिंग कर सरेराह डबल मर्डर केस की घटना को अंजाम दे डाला। इस घटना में एक अन्य व्यक्ति भी ग्याल हो गया था जिसका उपचार एक निजी चिकित्सालय में चल रहा है। समाचार लिखे जाने तक उसकी स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। सुबह प्रथम रूप से कई नामो के साथ समाचार वायरल हुवे। इसके बाद मृतक की पहचान कैंट थाने के हिस्ट्रीशीटर और खजुरी निवासी अभिषेक सिंह प्रिंस (36) के रूप में हुई। मृतक अवैध असलहों की खरीद-फरोख्त के लिए चर्चित था।
घटना के समय बताया जा रहा है कि अभिषेक सिंह प्रिंस मुगलसराय की ओर से बाइक द्वारा अपने एक अन्य साथी दीपक के साथ आ रहा था। तभी चौकाघाट स्थित काली मंदिर के सामीप होंडा शाइन बाइक सवार बदमाशों ने अभिषेक को तीन गोली मारी। फायरिंग में एक गोली दीपक की रीढ़ की हड्डी पर लगी है। जिसका इलाज मलदहिया स्थित एक निजी चिकित्सालय में चल रहा है। घटना के दौरान मौके से गुजर रहे चौकाघाट क्षेत्र निवासी एक गरीब ट्रॉली चालक बाल्मीकि (52) को भी गोली लगी और मौके पर ही उसकी भी मौत हो गई। भदैनी मिरर ने अपने फेसबुक वाल पर सीसीटीवी फुटेज पोस्ट भी किया है. ये वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है.
वारदात में गंभीर रूप से घायल दीपक गौड़ के रीढ़ की हड्डी में गोली लगी है, जो पेट में धंस गई है और दोनों पैर सेंसलेस हो गए हैं। दीपक चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के आलू मिल निवासी है। पांच साल पहले प्रेम विवाह करके यह शिवपुर के नेपालीबाग में अकेले रहता है। पिता रामअवध का पांच साल पहले निधन हो चुका है। मां सुशीला देवी और भाई दिलीप एक साथ रहते हैं। वही स्थानीय पुलिस दीपक के भाई दिलीप से पूछताछ कर रही है। समाचार लिखे जाने तक दीपक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
इस घटना की सुचना पाकर मौके पर एसएसपी अमित पाठक और एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी मय फोर्स के घटनास्थल पर पहुंचे। मामले में मौका मुआयना किया और अधिनस्थो को दिशा-निर्देश भी जारी किया। वही पुलिस इस मामले में अवैध असलहों की खरीद-फरोख्त के दौरान ही किसी बात को लेकर मामला बिगड़ा होगा और अभिषेक की हत्या की गई है। इस दौरान अभिषेक सिंह की क्राइम हिस्ट्री भी जमकर वायरल होने लगी। मामले में घटना को अंजाम देने का तरीका अपराधियों के पेशेवर होने की कहानी कह रहा है।
अभिषेक सिंह की जरायम की दुनिया में आमद हनी गुट के साथ होने की बाते पुलिस के प्रकाश में आई थी। इसके बाद अभिषेक वकालत करने के साथ ही अवैध असलहों की खरीद-फरोख्त करने लगा था। अभिषेक के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोपों में 10 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमे हत्या, हत्या के प्रयास के मामले भी है। उसके ऊपर पुलिस ने गैंगेस्टर की भी कार्यवाही किया था।
पहली बार अभिषेक सिंह का नाम एक हत्या के मामले में सामने आया था। बड़े ही नाटकीय अंदाज़ में वह काफी समय तक पुलिस की सुरक्षा लेकर घूमता था। घटना कुछ इस प्रकार थी कि वाराणसी के कैंट थाना अंतर्गत खजुरी में 9 अगस्त 2017 की देर रात भभुआ के गिट्टी-बालू युवा व्यापारी मोहम्मद आसिफ अंसारी उर्फ पिंकू (26) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अपने दोस्त अधिवक्ता अभिषेक सिंह के घर ठहरे पिंकू के सिर, गर्दन और सीने पर करीब से चार गोली मारी गई है। मौके से पुलिस ने तीन खोखे बरामद किए थे। अभिषेक ने तब कहा था कि पुरानी रंजिश में पूर्व में इनामी बदमाश रहे अभिषेक सिंह उर्फ हनी और विवेक सिंह कट्टा उसकी हत्या करने आए थे लेकिन सफल नहीं हुए। उस समय आसपास के मकानों के सात सीसी कैमरों की फुटेज की खंगाली गई थी और फुटेज में मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता के घर की गली से अलग-अलग दिशा में भाग रहे चार युवकों की तस्वीरों के सहारे क्राइम ब्रांच सहित चार थानेदार जांच में जुटे थे।
अधिवक्ता अभिषेक के अनुसार लगभग आठ महीने पहले उसके एक दोस्त के माध्यम से पिंकू से उनकी दोस्ती हुई थी। वह गिट्टी-बालू के व्यापार के सिलसिले में अक्सर वाराणसी आने वाला पिंकू उनके घर आता-जाता रहता था। इस घटना के बाद अभिषेक को पुलिस सुरक्षा भी मुहैया करवाया गया था। वही पिंकू के सम्बन्ध में भी पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह अवैध असलहो की तस्करी करता था।
पांच जून 2018 को क्राइम ब्रांच और कैंट पुलिस ने इनामी बदमाश सादिक खान और जावेद खान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता लगा था कि अवैध असलहों की बिक्री के दो लाख रुपये के लेनदेन के विवाद में अभिषेक के घर पर पिंकू की हत्या की गई थी। हत्या करने वालों में सादिक, जावेद, इमरान और अभिषेक शामिल थे। इसके बाद से ही अभिषेक फरार हुआ और पुलिस ने उसके ऊपर 15 हज़ार का इनाम घोषित किया था। इसके बाद तत्कालीन क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह और कैंट थाना प्रभारी राजीव रंजन की संयुक्त टीम ने कैंट स्टेशन के पास से अभिषेक को एक मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था।
घायल दीपक का भी अपराध से नाता
दीपक गौड़ इस हत्याकांड में गंभीर रूप से घायल है। दीपक के सम्बन्ध में बताया जा रहा है कि वह अपने परिवार से अलग अपनी पत्नी के साथ रहता है वही दिलीप के साथ उसकी माँ रहती है। माँ और भाई से दीपक गौड़ कोई नाता आखिर क्यों नही रखता ये बड़ा सवाल है। मगर इसका एक जवाब भी सामने आ रहा है। पुलिस सूत्रों और गोपनीय सूत्रों की माने तो दीपक का भी अपराध जगत से पुराना नाता रहा है।
दीपक के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार दीपक दो बार पहले जेल जा चूका है। एक बार उसको आरपीऍफ़ ने किसी चोरी के मामले में पकड़ा था और दूसरी बार भी चोरी के प्रकरण में ही जेल गया था। ये दोनों उसकी जेल यात्रा अभी से पंद्रह साल पहले की बताई जा रही है। वही पुलिस उसके अन्य अपराधिक इतिहास की जानकारी इकठ्ठा कर रही है।
पुलिसिंग पर खड़े हो रहे सवाल
बहरहाल, घटना की कडियों को ही पुलिस अभी जोड़ने में व्यस्त है। वही पुलिस इस घटना का मुख्य कारण अवैध असलहो के कारोबार को मानकर चल रही है। दूसरी तरफ घटना के बाद शहर की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। क्या पुलिस केवल चेकिंग के वक्त ही सक्रिय रहती है। घटना स्थल के महज़ चंद कदमो की दुरी पर ही तीन अलग अलग थानों की पिकेट रहती है। चंद कदमो की दुरी पर ही ट्रैफिक पुलिस रहती है। और दिनदहाड़े भीड़ के बीच सरेराह जिस तरीके से हत्या करने के बाद अपराधी भाग निकले है वह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या पुलिस केवल चेकिंग के वक्त ही सक्रिय रहती है।
घटना ठीक बाद वीडियो और भी संवेदनहीनता दिखा रहा है
घटना के सम्बन्ध में कई वीडियो वायरल हो रहे है। घटना के ठीक बाद का वीडियो बता कर वायरल होता हुवा एक वीडियो इन्सान के अन्दर की ख़त्म होती इंसानियत को दिखा रहा है। बीच सड़क पर शायद लाश में तब्दील हो चूका एक युवक पड़ा हुआ है। लोग अगल बगल से इस प्रकार देखते हुवे चले जा रहे है जैसे वहा पड़ा कोई इंसान हो ही न। भीड़ है मगर शायद लाश में तब्दील इंसान को अनदेखा करके चली जा रही है। कुछ पलट के देख भी रहे है। वीडियो में कही पुलिस नज़र नही आ रही है।
इस वीडियो का तस्किरा आपसे करने का सिर्फ एक ही कारण है कि आप देखे हमारे आपके बीच इंसानियत अब कहा खोती जा रही है। बड़े शहरों के तरह हम सब कुछ देख कर भी अपनी आँखे बंद करते जा रहे है। आखिर एक अपराधी जो कई गोलिया चलाता है और भीड़ के बीच से चला जाता है। सही भी है कोई क्यों बोलेगा, जब पुलिस ही नहीं दिखाई दे रही है तो आम नागरिक अपनी जान क्यों खतरे में डालेगा ?
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