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विकास दुबे एनकाउंटर – न्यायिक आयोग ने किया घटना स्थल का मुआयना, पूछा पुलिस टीम से कि इतनी चौड़ी सड़क पर कैसे गाडी डिवाइडर पर चढ़ गई ?

आफताब फारुकी

कानपुर. विकास दुबे कांड की जांच करने आई न्यायिक आयोग की टीम ने एनकाउंटर के हर पहलू पर पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की। टीम वारदात स्थल के बाद एक-एक करके एनकाउंटर स्थलों पर पहुंची। एनकाउंटर में शामिल रहे पुलिस कर्मियों सेे पूछताछ की। टीम के सवालों से पुलिस अधिकारियों के भी होश उड़ गए। जांच आयोग ने विकास दुबे के एनकाउंटर में पुलिस की गाड़ी पलटने वाली जगह भौंती हाइवे का मुआयना किया।

उन्होंने एसटीएफ की टीम से पूछा कि हाइवे इतना चौड़ा होने के बाद भी पुलिस की गाड़ी डिवाइडर पर कैसे चढ़ गई और पलट गई। इस हाइवे पर तो तीन गाड़ियां एक साथ ओवरटेक कर सकती हैं। इस पर एसटीएफ की टीम ने जवाब दिया कि बारिश के कारण सड़क दिखाई नहीं दी और गाड़ी काफी किनारे आ गई, आगे वाला पहिया अचानक डिवाइडर पर चढ़ा और गाड़ी पलट गई।

फिर पूछा कि गाड़ी पलटने पर सबसे पहले कौन बाहर निकला। एसटीएफ के दरोगा से पूछा कि आपकी पिस्टल जो छीनी गई थी उसमें कितनी गोलियां थीं। दरोगा ने जवाब दिया दस। इस पर टीम ने कहा एनकाउंटर के बाद उसमें कितनी गोली मिलीं। दरोगा ने कहा एक। उन्होंने बताया कि विकास ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। कांशीराम निवादा गांव पहुंची न्यायिक आयोग की टीम ने आईजी मोहित अग्रवाल और पूर्व एसएसपी दिनेश कुमार से पूछा कि आपको कैसे पता चला कि बिकरू कांड में शामिल दो बदमाश यहां छुपे हुए थे।

आईजी ने बताया कि पुलिस को कुछ संदिग्ध नंबर मिले थे जिन्हें सर्विलांस पर लिया गया था। सर्विलांस और मुखबिरों के जरिए लोकेशन पुख्ता हुई थी। पुलिस जब वहां पहुंची तो बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए थे। फिर आयोग सदस्यों ने पूछा कि कैसे किया था एनकाउंटर। जिस पर उन्होंने बताया कि बदमाशों को चारों तरफ से पुलिस ने घेर लिया था। इसके लिए चार टीमों को लगाया गया था।

निवादा गांव के बाद आयोग की टीम पनकी कूड़ा प्लांट पहुंची जहां प्रभात मिश्रा का एनकाउंटर हुआ था। करीब 20 मिनट तक वारदात स्थल का मुआयना करने के बाद आयोग ने प्रभात के एनकाउंटर में शामिल पुलिस कर्मियों से पूछा कि एनकाउंटर में कितने सिपाही घायल हुए थे। इसपर पुलिस ने दो सिपाही घायल होने की जानकारी दी।

इसके बाद आयोग ने पूछा कि पुलिस की गाड़ी पंचर हुई तो क्या गाड़ी में कोई पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। प्रभात पुलिस की पकड़ से कैसे भाग निकला। इस पुलिस ने जवाब दिया कि प्रभात को बीच में बैठाया गया था। गाड़ी पंचर होने के बाद पुलिस कर्मी बाहर निकलकर देखने लगे। तभी प्रभात पास बैठे पुलिस कर्मी की पिस्टल छीनकर उसे धक्का देते हुए भाग निकला।

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