तारिक़ आज़मी
वाराणसी। वाराणसी के नई सड़क इलाके के रहने वाले गुलाम नबी उर्फ़ गुड्डू भाई डिश वाले का आज इन्तेकाल हो गया है। वह कैसर से पीड़ित थे। ज़िन्दगी और मौत की जंग लड़ते हुवे मुंबई में आखिर कैंसर से वह अपनी जंग रात 11:30 बजे हार गए और अल्लाह को प्यारे हो गए। उनके इन्तेकाल की खबर बनारस आते ही इलाके में मातमी माहोल कायम हो गया। हर कोई उनके घर पर पुरसा देने नम आँखों से पहुच रहा था। मृतक गुड्डू भाई की उम्र महज़ 44 साल थी और उनके छोटे छोटे बच्चे है। हर कोई उन बच्चो के मुस्तकबिल को फिक्रमंद था।
गुड्डू भाई नई सड़क पर अपने अच्छे कामो के लिए जाने जाते थे। किसी से उनकी कभी अदावत नही रही। खुद के रोज़गार में मशगुल गुड्डू भाई कई घरो में फ्री में डिश कनेक्शन देकर उसके पैसे अपने पास से देते थे। गुड्डू भाई के कुल चार बच्चे है। सबसे बड़ा बेटा महज़ 9 साल का है, वही दूसरा बेटा 7 साल तथा तीसरा बेटा 5 साल की उम्र का है। गुड्डू भाई की बेटी जिसकी उम्र महज़ 2 साल के है सबसे छोटी है।
अमूमन रोज़ शाम को ही गुड्डू भाई सड़क पर आवारा कुत्तो को बिस्किट खिलाते थे। मगर लॉक डाउन में भूख से बिलबिलाते छुट्टा जानवरों का ख़ास ख्याल रखते थे। लॉक डाउन में वह जहा गाय को साग और घास खिलाते दिखाई देते थे, वही सुबह शाम दो वक्त बड़े बर्तन में सड़क पर आवारा कुत्तो को दूध पिलाते थे। उनको दूध देने वाले ग्वाले ने हमसे बताया कि भाई रोज़ सुबह और शाम दो-दो लीटर दूध खरीद कर एक तसले में पलट कर उसमे ब्रेड के टुकड़े डाल देते थे। आस पास के इलाके के सभी कुत्ते आकर उसको खाते थे।
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