आदिल अहमद
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनके साथ एक चीनी महिला और नेपाल के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन दोनों के जरिए सेल कंपनी बनाकर राजीव को जासूसी के एवज में पैसा सौंपा जा रहा था। पुलिस के मुताबिक राजीव शर्मा 2010 से 2014 तक चीनी सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ के लिए लिखते थे। उनके लेख देखकर एक चीनी खुफिया एजेंसी के अफसर माइकल ने उनसे लिंकडिन एकाउंट के जरिए उनसे संपर्क किया। इसके बाद उनसे भारतीय सेना से जुड़ी जानकारियां ली जाती रहीं।
राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक नेपाली नागरिक राज भोरा और चीनी महिला किंग शी को भी गिरफ्तार किया है। यह दोनों दिल्ली के महिपालपुर में एमजेड फार्मेसी और एमजेड मॉल नाम से दो शेल कंपनी चलाते हैं और इन कंपनियों के जरिए राजीव को अब तक चीन से 30 लाख रुपये से ज्यादा का पेमेंट आ चुका है। हालांकि इन दोनों कंपनियों के असली मालिक एक चीनी दम्पति हैं जो चीन में है और जो सूरज और उषा नाम से कंपनी चलाते हैं।
पुलिस के मुताबिक राजीव शर्मा 2010 से 2014 तक चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखते थे। उनके लेख देखकर एक चीनी खुफिया एजेंसी के अफसर माइकल ने उनसे लिंकडिन एकाउंट के जरिए उनसे संपर्क किया। उन्हें चीन बुलाया गया और भारत-चीन रिश्तों के कई पहलुओं से जुड़ी जानकारी ली गई। उनसे भूटान, सिक्किम और सिक्किम के ट्राई जंक्शन, डोकलाम और भारत म्यांमार के रिश्तों और भारत-चीन सीमा पर सेना की तैनाती से जुड़ी जानकारी ली गई।
पुलिस ने बताया कि राजीव की माइकल से मुलाकात मालदीव और अन्य देशों में हुई। सन 2019 में राजीव की मुलाकात चीन के एक अन्य खुफिया अफ़सर जॉर्ज से चीन में हुई। जॉर्ज ने राजीव से दलाई लामा से जुड़ी जानकारी देने और उनके बारे में लिखने के लिए कहा। जॉर्ज ने खुद को चीन की एक मीडिया कंपनी का जनरल मैनेजर बताया और राजीव से कहा कि अगर वह ये काम करेंगे तो उनको महिपालपुर की एक कंपनी के जरिए एक जानकारी या लेख के लिए 500 यूएस डॉलर से ज्यादा पैसा पहुंच जाएगा। राजीव को 10 किश्तों में हवाला और शेल कंपनी के जरिए पिछले एक साल में 30 लाख से रुपये से ज्यादा दिया गया।
पुलिस के मुताबिक चीनी महिला किंग शी को भी पकड़ा गया है। उसने जामिया विश्वविद्यालय में एक कोर्स में एडमिशन लिया था। पुलिस के मुताबिक राजीव न सिर्फ रक्षा मामलों से जुड़ी जानकारी चीन को भेज रहे थे बल्कि भारत-चीन सीमा से जुड़े खुफिया दस्तावेज भी भेज रहे थे। इसके बदले उन्हें हज़ारों यूएस डॉलर का पेमेंट मिला। पुलिस अब पता लगा रही है कि उन्हें दस्तावेज़ देने वाला शख्स कौन है?
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