तारिक आज़मी
हाथरस के शर्मनाक प्रकरण में एक और कड़ी जुडती हुई दिखाई दे रही है। आज देर रात जब सुबह की पहली किरण फूटने के लिए तैयारी कर रही है तभी अचानक गाव में एक एम्बुलेंस आती है।
एक टीवी चैनल की वरिष्ठ महिला पत्रकार तनुश्री पाण्डेय के एक ट्वीट के मुताबिक परिजनों और मीडिया को दूर रख दिया जाता है। पुलिस और विभाग के कुछ लोग एक चिता जैसी किसी चीज़ को सजा कर अग्नि के हवाले कर देते है।
तनु श्री पाण्डेय ने प्रकरण में कई ट्वीट किया है। उनके एक ट्वीट में अटैच वीडियो के मुताबिक मौके पर मौजूद एक महिला पत्रकार ने इस मामले में वहा मौजूद एक इस्पेक्टर संजीव कुमार शर्मा से सवाल “क्या कि ये जल क्या रहा है ?” जिसके जवाब में संजीव शर्मा जी कहते है मुझे नहीं मालूम। फिर महिला पत्रकार वापस सवाल करती है कि आप आपने अभी बताया कि ये बॉडी है। इसके बाद इस्पेक्टर साहब कैमरे से पहले तो मुह बचाते दिखाई दिए और फिर उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “मैं एक थर्ड क्लास का पुलिस आफिसर हु, मैं कोतवाल तो बन सकता हु मगर बयान नही दे सकता हु। ये क्या है मुझको नही पता। मैं बाहर से आया हु और ला एंड आर्डर के लिए यहाँ लगाया गया हु। आपको जो पूछना है डीएम साहब से पूछे। फिर उन्होंने डीएम साहब से बात हुई का पहाड़ा पढना शुरू कर दिया। किसी सवाल को सुन कर जवाब देने के बजाये साफ़ उनका केवल एक ही शब्द था डीएम साहब से बात हुई आपकी।
इस दरमियान कैमरा कई तरफ घूमता है। कोई पुलिस कर्मी ये बताने को तैयार नही है कि ये क्या जलाया गया है। अगर डेड बॉडी है तो किसकी है ? सभी कैमरे से बचते दिखाई दे रहे थे। अगर ये हाथरस की बहादुर बेटी जो इतनी हड्डिया टूटने के बाद भी ज़िन्दगी और मौत के बीच कई दिनों तक जद्दोजेहद करती है कि डेड बॉडी नही थी तो फिर इस बात को स्पष्ट शब्दों में कहने में क्या हर्ज था ? वही अगर डेड बॉडी है जिसका अंतिम संस्कार किया गया तो फिर आखिर इतनी रात में करने की क्या ज़रूरत थी ? अगर ला एंड आर्डर की समस्या थी तो फिर उस समस्या को परिजनों को बता कर क्यों नही अंतिम संस्कार किया गया।
समय के साथ रीतिरिवाज बदलते रहते है
महिला पत्रकार तनुश्री के ट्वीट एक वीडियो में मृतका के घर पर मौजूद अधिकारी द्वारा परिजनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। इस वीडियो में साफ़ सुना जा सकता है कि किस प्रकार वो कह रहे है कि “कुछ गलतियाँ आपसे भी हुई है, समय के साथ रीतिरिवाज बदलता रहता है।”
इस वीडियो में परिजनों के साथ खड़े एक शख्स ने अधिकारी से एक ज़बरदस्त सवाल दाग दिया। सवाल में उसने कहा कि “मानते है कि बेटी हमारी भी है और आपकी भी है। मगर आपके हाथ पीछे से बंधे हुवे है, क्या आपके ऊपर कोई पोलिटिकल दबाव है ?” इस जवाब में अधिकारी हडबडा जाते है और कहते है नही हमारे ऊपर कोई पोलिटिकल दबाव नही है।
आखिर क्यों नही दिया गया परिजनों को डेड बॉडी
परिजनों का गुस्सा ज़ाहिर हो रहा है। मौके पर पुलिस से तीखी नोकझोक भी हुई है। इस दरमियान धक्का मुक्की भी हुई है। महिला पत्रकार द्वारा पोस्ट एक वीडियो में साफ़ दिखाई देता है कि एक युवक को पुलिस अधिकारी खीच कर पीछे धकेलते है। इस दरमियान उनको इतना भी ख़याल नही रहता है कि उसी जगह एक महिला पत्रकार भी खड़ी है। वह एक असहज स्थिति में पहुच जाती है। मगर सवाल कौन करे? उनका तो एक ही जवाब होगा, हम जवाब नही दे सकते है।
आखिर इतना पर्दा क्यों है साहब
हाथरस की बेटी के प्रकरण में शुरू से ही मामले में हीलाहवाली और परदे के अन्दर तथ्य दिखाई दिए। परिजनों ने गैंग रेप का आरोप लगाया, वही पुलिस ने अब तक न तो इस बात का खंडन किया है और न ही गैंग रेप अथवा रेप जैसी घटना की पुष्टि किया है। वही दूसरी तरफ गर्दन की हड्डी टूटने का दावा परिजन कर रहे थे। जबकि पुलिस इसका खंडन करती दिखाई दे रही है। शायद स्थानीय प्रशासन ने इस बात पर भी ध्यान नही दिया होगा कि जिस स्तर के इलाज की ज़रूरत पीडिता को है क्या उस स्तर का इलाज उसको मुहैया हुआ है। हम मानते है कि प्रशासन कह रहा है कि जीभ काटी नही गई बल्कि गला दबाने से बाहर निकल आई है। मगर क्या स्थानीय प्रशासन इस पुरे मामले में खुद की लेट लतीफी को क्लीन चिट दे सकता है ?
स्वरा भास्कर ने किया ट्वीट, माँगा मुख्यमंत्री से इस्तीफा
राष्ट्रहित और सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक टिप्पणी करने वाली स्वरा भास्कर ने इस प्रकरण पर भी ट्वीट करते हुवे प्रदेश में बढ़ रहे अपराधो पर सरकार द्वारा लगाम न लगा पाने का आरोप लगाया गया है। इस ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री के इस्तीफे के लिए कहा है।
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