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धरनारत किसानों की अपर जिला अधिकारी से हुई वार्ता

सरताज खान

गाजियाबाद लोनी। मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों का धरना जारी रहा एवं किसान प्रतिनिधियों की वार्ता भी अपर जिला अधिकारी ( भू अर्जन ) की अध्यक्षा में हुई। करीब दो घंटे चली वार्ता में एक बहुत बड़ा सडयंत्र उजागर हुआ है जिसका स्तेमाल परिषद के तत्कालीन भ्रष्ट अधिकारियों ने किसानों की उपजाऊ एवं बहुफसलीय जमीन को हड़पने में किया है। खुलासा हुआ जो भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 7/17 को लेकर है।

अपर जिला अधिकारी ने किसान प्रतिनिधियों से कहा कि मंडोला विहार योजना के लिए अधिग्रहीत जमीन पर अपातकालीन धारा 7/17 कभी लगाई ही नहीं गई है जब किसान प्रतिनिधियों ने परिषद द्वारा दिए गए आधिकारिक पत्र में उक्त धारा लागू होने की तारीख दिखाई तो अपर जिला अधिकारी ने अपने स्टाफ से इस बाबत जानकारी ली तो यही पता चला कि उक्त भूमि अधिग्रहण में आपातकालीन धारा 7/17 को लागू नहीं किया गया। इस तरह का सडयंत्र तत्कालीन सरकारी व्यवस्था एवं सरकार पर सवालिया निशान खड़े करता है किसान प्रतिनिधि इतने बड़े फर्जीवाड़े को देखकर दंग रह गए।

आज वार्ता में केवल यही विषय रहा कि जब धारा 7/17 नहीं लगी तो उसका आधिकारिक रूप से पत्राचार क्यों किया गया एवं 2006 में प्रमुख सचिव के आदेश पर योजना स्थगित होने का पत्र परिषद कार्यालय की फाइलों में क्यों नहीं है इतने बड़े शासनादेश को रद्दी की टोकरी में क्यों फाड़कर फेक दिया गया। किसानों में आज की वार्ता के बाद भारी रोष भी है और फर्जीवाड़े का खुलासा होने की स्थिति के मद्देनजर खुशी भी है। किसान इस फर्जीवाड़े को पिछले चार वर्षों से उजागर करने का प्रयास इसलिए कर रहे थे कि उनकी बात को कोई भला अधिकारी समझ ले ओर उनको न्याय दिला दे अब जिन अधिकारियों ने किसानों को बात को तसल्ली से सुनना सुरु किया तो उनका तबादला करा दिया गया।

कल जिलाधिकारी की अध्यक्षा में किसान प्रतिनिधियों के साथ जो वार्ता हुई थी उसमे परिणाम तो कुछ नहीं निकला था लेकिन बिंदुवार जिन शासनादेश व बिंदुओं पर चर्चा हुई थी उसमे ही सडयंत्र उजागर होता दिखाई देने लगा था किसान प्रतिनिधि इस बात को भली भांति समझते हैं कि जब तक अधिग्रहण की प्रक्रिया गलत सिद्ध नहीं होगी और कोई भला व इमानदार अधिकारी किसानों का मददगार नहीं बनेगा तब तक पीड़ित किसानों को न्याय नहीं मिलेगा। इसलिए किसान वर्षों से जिस फर्जीवाड़े को उजागर करने का प्रयास कर रहे थे अब वह परवान चढ़ता नजर आ रहा है जो अधिकारी किसानों के मुद्दे को सुलझाने के प्रयास निरंतर करते रहे, उनके लिए मददगार साबित हो रहे थे उसका तबादला भी किसानों को सडयंत्र ही लग रहा है जिसके चलते किसान अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार 7 तारीख को परिषद कार्यालय की तालाबंदी करेंगे।

जबकि कल जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किसान प्रतिनिधियों के साथ जो बैठक जिला सभागार में हुई थी उसमे किसान प्रतिनिधियों ने जिला अधिकारी के आग्रह पर तालाबंदी कार्यक्रम को यह कहकर स्थगित करने की बात कही थी कि सकारात्मक वार्ताओं का दौर चलता रहा तो तालाबंदी कार्यक्रम स्थगित कर दिया जाएगा। लेकिन अपर जिलाधिकारी का तबादला जिन भ्रष्टाचारियों के दबाव में किया गया है उनको जवाब देने के लिए किसानों ने अपने घोषित कार्यक्रम परिषद कार्यालय की तालाबंदी को स्थगित नहीं किया है भारी संख्या में किसान परिवार इकठ्ठा होंगे और परिषद कार्यालय का घेराव कर तालाबंदी करेंग।आज अपर जिला अधिकारी की अध्यक्षा में परिषद के अधिकारी व किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे जिनमें मुख्यरूप से महेंद्र सिंह त्यागी,नीरज त्यागी, रामनरेश त्यागी,टेकचंद त्यागी,योगेश कुमार,नवीन गुप्ता , विनोद त्यागी, व तनुज त्यागी मौजूद रहे।

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