फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी= भारत से नेपाल के लिए अचानक प्याज के निर्यात पर लगाये गए प्रतिबंध के बाद पलिया मंडी समिति के आढ़तियों का बुरा हाल है। नेपाल बॉर्डर से सटी पलिया मंडी समिति से रोजाना करीब आधा दर्जन गाड़ियां प्याज लेकर गौरीफंटा बॉर्डर होते हुए नेपाल जाती थी, जो प्रतिबंध के बाद लोड खड़ी हुईं हैं। आढ़तियों का कहना था कि अगर सरकार को प्रतिबंध लगाना था तो उन्हें एक सप्ताह पहले ही सूचना दे देनी चाहिए थी. जिससे उन लोगों का इतना बड़ा नुकसान ना होता। गोदामों में भरा आढ़तियों का प्याज सड़ने की कगार पर पहुंच रहा है।
भारत नेपाल सीमा पर प्याज पर लगे प्रतिबंध से मंडी आढ़तियों को भारी नुकसान पहुंचा है वहीं मंडी आढ़तियों का कहना है कि नेपाल में प्याज बैन होने से प्याज की स्थिति खराब हो गई है। पहले से सूचना ना होने के कारण भारी मात्रा में पलिया मंडी में प्याज इकट्ठा हो गया है। जिससे प्याज में सड़न शुरू हो गई है। इसी सड़न को छांटने के लिए 12 लेबर लगा दिए गए हैं।
वहीं बातचीत में प्रमुख मंडी आढ़ति और आलू प्याज के कारोबारी बुंदू मियां का कहना है कि नेपाल प्याज जा नहीं सकता और इतना प्याज हम करें क्या? यह सब प्याज सड़ जाएगा और हमारे साथ सभी सब्जी कारोबारियों का बेहद नुकसान होने वाला है। सरकार को अगर प्याज बैन करना था तो एक सप्ताह पूर्व कारोबार करने वाले लोगों को सूचना दी जानी चाहिए थी। जिससे नुकसान से बचा जा सकता था।वहीं पलिया मंडी समिति भारतीयों की माने तो उनके पास करीब 3000 क्विंटल प्याज डंप है। जो कि अब नेपाल जाने पर लगे प्रतिबंध के बाद धीरे-धीरे सड़ने लगा है। ऐसी स्थिति में आढ़ती लेबरों को लगाकर उनकी छटाई कराने का कार्य कर रहे हैं।
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