आदिल अहमद
कोलकाता: भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिनों के बंगाल दौरे पर हैं। दौरे के पहले दिन गुरुवार को उन्होंने आदिवासी बहुल बांकुड़ा में स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। गौरतलब हो कि आजादी की लड़ाई में बिरसा मुंडा की 25 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी। आदिवासियों को लुभाने की इस कोशिश में शाह का पहला कार्यक्रम बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने का था लेकिन वहां मूर्ति को लेकर ही विवाद हो गया। जिस मूर्ति पर भाजपा के नेतागण फूल माला चढ़ाने जा रहे थे, वह दरअसल बिरसा मुंडा की प्रतिमा नहीं थी बल्कि एक अन्य आदिवासी नेता की प्रतिमा थी।
अब,आदिवासी नेताओं के एक संगठन भारत जकात माझी परगना महल ने कहा है कि गुरुवार की घटना से आदिवासी समाज खुद को ठगा हुआ और व्यथित महसूस कर रहा है। संगठन ने इसे बिरसा मुंडा का अपमान बताया है। आज, स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर मूर्ति को “शुद्ध” करने के लिए गंगा जल छिड़का।
इस विवाद ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा पर हमला करने के लिए सियासी गोला-बारूद प्रदान कर दिया है। पार्टी ने शाह को बाहरी करार देते हुए आज सुबह ट्वीट किया है, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल की संस्कृति से इतने अनभिज्ञ हैं कि उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को एक गलत मूर्ति की माला पहनाकर अपमानित किया और उनकी तस्वीर को किसी और के पैर में रख दिया। क्या वह कभी बंगाल का सम्मान करेंगे?”
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