ज़ीशान अली
बांदा। इन्साफ की रफ़्तार कितनी धीमी है शायद इसको ये घटना ज्यादा साबित कर सके। मामला बांदा जनपद का है जहा एक छेड़छाड़ की पीडिता को इन्साफ के लिए एक दो नही बल्कि कुल साढ़े 12 साल का इंतज़ार करना पड़ा और उसके बाद उसको इन्साफ के तौर पर उसके गुनाहगार को 6 माह कैद की सजा और पांच सौ रुपया जुर्माने की सजा मिली। 500 रुपये जुर्माना नही देने पर उसको एक सप्ताह और जेल में बिताने होंगे।
उसका घर तक पीछा किया। इस पर 27 अप्रैल को महिला के पति ने बिसंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 354, 352, 504, 506 की रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी ब्रह्ममूर्ति यादव ने पैरवी करते हुए चार गवाह पेश किए। आज शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजय कुमार षष्ठम ने इसका फैसला सुनाया। धारा 354, 504 व 506 में आरोपी कल्लू को 6-6 माह की कैद और 500-500 रुपये जुर्माना की सजा दी। जुर्माना न देने पर 7-7 दिन और जेल में रहना पड़ेगा। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियुक्त को मुचलके पर रिहा करते हुए दो दिन के अंदर जमानत दाखिल करने का आदेश दिया गया है। घटना के 12 वर्ष 7 माह और 15 दिन बाद अदालत ने सजा सुनाई।
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