आफताब फारुकी
नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर 5वें दौर की बैठक के दौरान नाराज किसानों ने कुछ वक्त तक खामोशी साधे रखी और हां या ना की तख्तियां लेकर संकेतों में अपनी बात रखी। किसानों की ओर से बातचीत का मुख्य मुद्दा इन तीन कृषि कानूनों को खत्म करने का रहा है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान नेता हफ्ते में दूसरी बार अपना भोजन भी लेकर आए थे। उन्होंने सरकार की ओर दिए गए लंच के न्योते को स्वीकार नहीं किया।
किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा था कि वे सरकार पर दबाव डालने के लिए दिल्ली की सड़कों के साथ देश भर के राजमार्गों को जाम कर देंगे। किसान एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार कानूनों को बनाए रखने को लेकर दृढ़ है। लेकिन वह उन अन्य संभावनाओं पर विचार कर रही है, ताकि किसानों को मनाया जा सके। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लिखित आश्वासन शामिल है। इस पर किसानों की सबसे बड़ी चिंता है।
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