आफताब फारुकी
चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने भले ही तीन कृषि कानूनों पर रोक लगा दिया है और इसके हेतु बातचीत के लिए एक चार सदस्यो की कमेटी का गठन कर दिया है। मगर दूसरी तरफ किसान अपने आन्दोलन से पीछे हटने को तैयार नही है। किसान अपनी एक मांग “तीनो कृषि कानूनों की वापसी” पर टिके हुवे है। अपनी मांगो के समर्थन में किसानो ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड का कार्यक्रम सफल करने की जद्दोजेहद में लगे हुवे है।
मंगलवार को राज्यभर के गुरुद्वारों से लाउडस्पीकर से दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया गया। गुरुद्वारे से कहा गया, “अगर अभी हम चूक गए तो फिर हमें कभी भी यह मौका नहीं मिलेगा। यह हमारे अधिकारों की लड़ाई है।”
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन से जुड़े कई मामलों की एकसाथ सुनवाई करते हुए सितंबर 2020 में संसद द्वारा पारित किए गए तीनों नए कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने चार सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया, जो किसानों की समस्याओं को सुनकर, सरकार की राय जानकर और किसान कानूनों की समीक्षा कर कोर्ट को अपनी सिफारिशें सौंपेगा।
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