आदिल अहमद
कानपुर। कानपुर के बर्रा सीटीआई सरस्वती शिशु मंदिर के पास एक कार में युवक का शव मिलने से इलाके में हडकम्प मच गया। सुचना पर पहुची पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दिया है। मौके पर पुलिस के अलावा फारेंसिक की टीम भी पहुच चुकी है। मृतक युवक की शिनाख्त रेल बाज़ार थाना क्षेत्र के शांति नगर निवासी आशु यादव के रूप में हुई है। जिस गाडी में शव बरामद हुआ है वह गाडी आशु यादव की बताई जा रही है।
मृतक आशु यादव रेलबाज़ार थाना क्षेत्र के शांतिनगर का रहने वाला था। रेल बाज़ार थाने में इसके खिलाफ दस से अधिक मामले दर्ज है। शरीर में मजबूत और और मनबढ़ किस्म के युवक के तौर पर आशु यादव की पहचान थी। अपराधिक इतिहास के कारण आशु यादव जो पढ़ा लिखा युवक था खुद को नई पहचान देना चाहता था।
आशु यादव ने पिछले लगभग दो वर्षो से अपराधिक ज़मीन को छोड़ कर पत्रकरिता का दामन थाना था। “आशु यादव की खास रिपोर्ट” के तौर पर सोशल मीडिया पर आशु यादव बहुत जल्दी ही छा गया। आशु यादव की अच्छी पहचान इसके बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में बनने लगी थी। सीखने को हमेशा तैयार रहने वाले आशु यादव को भले ही उसकी मौत के बाद शहर में पत्रकार के नाम से न संबोधित करके उसको एक हिस्ट्रीशीटर का दर्जा दिया जा रहा हो, मगर एक समाचार पत्र के साथ जुड़कर आशु ने पत्रकरिता में अपना एक नाम कमाया था।
हुआ था स्थानीय पार्षद राजू सोनकर “अपना” के परिवार से से झगड़ा
आशु यादव के परिजनों ने आशु यादव की हत्या की आशंका जताई है। वाहन में शव को देखने से प्रतीत हो रहा था कि कुछ न कुछ तो अप्रिय आशु यादव के साथ हुआ था। शव गाडी के पिछली सीट पर पड़ा हुआ था। गाडी में देखने से लग रहा था कि सब कुछ तिरत बितर है। पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वही परिजनों और क्षेत्रीय नागरिको के अनुसार आशु यादव का क्षेत्रीय पार्षद राजू सोनकर “अपना” के पुत्र आदित्य सोनकर से झगडा हुआ था। इस दरमियान आशु यादव ने आदित्य की जमकर पिटाई कर दिया था। जिसके बाद आदित्य के पिता राजू सोनकर और उसके साथियों ने आदित्य के साथ मिलकर आशु यादव की पिटाई कर दिया था। स्थानीय थाने पर दोनों पक्षों के तरफ से तहरीर के आधार पर मुकदमा कायम हुआ था और पुलिस विवेचना चल रही थी।
परिजनों का आरोप है आदित्य सोनकर और राजू सोनकर “अपना” ने आशु यादव की हत्या की धमकी दिया था। इस घटना के बाद से आशु यादव को भी अपनी सुरक्षा पर खतरा महसूस हो रहा था। परिजनों की माने तो पुलिस ने राजू सोनकर और आदित्य सोनकर पर कोई कड़ी कार्यवाही नही किया जिससे उनका मनोबल बढ़ गया और उनके बेटे के साथ ऐसी घटना हो गई।
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