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वाराणसी – एक बुज़ुर्ग ही नहीं जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी है मदनपुरा चौकी इंचार्ज के कहर का शिकार, एसपी (सिटी) से मिल किया दर्द बयान

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। हमारे समाचार वाराणसीमदनपुरा चौकी इंचार्ज पर बड़ा आरोप, 80 साल के बेकसूर मो0 ईसा को थाने पर बैठाला 4 घंटे, दहशत में घर से भाग रहा है ईसा का बेटा का संज्ञान उच्चाधिकारियों ने लिया और ट्वीटर के माध्यम से जाँच क्षेत्राधिकारी दशाश्वमेघ को सौपी। खबर का संज्ञान शायद चौकी इंचार्ज मदनपुरा को दोपहर में मिला होगा क्योकि नाईट ड्यूटी के बाद साहब जब उठे होंगे तब जानकारी मिली होगी। फिर क्या था साहब के समर्थको ने शाम को ट्रोल करने का प्रयास किया और उनके तारीफों के कसीदे पढने का सिलसिला शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर चौकी इंचार्ज के कथित समर्थको जिनको खुद इलाके में चौकी इंचार्ज मदनपुरा का ख़ास वरदहस्त हासिल है की टोली ने चौकी इंचार्ज मदनपुरा को भगवान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

मगर मामला थोडा आज उल्टा पड़ा। एक विरोध का स्वर क्या गूंजा आखिर चौकी इंचार्ज के ज़ुल्मो सितम से सताये हुवे लोग अपनी अपनी दर्द भरी दास्तान सुनने का क्रम शुरू कर दिए। इसी क्रम में आज सपा नेताओं और पार्षदों के एक प्रतिनिधि मंडल ने एसपी (सिटी) विकास चन्द्र त्रिपाठी से मुलाकात कर चौकी इंचार्ज मदनपुरा शमशाद साहब के ज़ुल्म-ओ-सितम की दास्तान उन्हें सुनाई और एक ज्ञापन सौपा। एसपी (सिटी) ने प्रतिनिधि मंडल को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

जन प्रतिनिधि भी है चौकी इंचार्ज के ज़ुल्म का शिकार

रिकार्ड मतो से भले ही आप स्थानीय निकाय चुनाव जीत जाए और सम्मानित नागरिक हो। मगर चौकी इंचार्ज अपने चापलूसों के लिए आपकी इज्ज़त दो मिनट में सड़क पर ही उतार देंगे। वो चौकी इंचार्ज मदनपुरा है। कोई छोटी बात थोड़ी है। भले ही अपराध और अपराधियों पर अंकुश के लिए उनके प्रयास कागजों तक ही सीमित रहे मगर क्षेत्र के सम्मानित लोगो को सड़क पर दो मिनट में अपमानित करने का हुनर दरोगा जी को बखूबी आता है। ये बाते हम नही बल्कि क्षेत्र के सम्मानित नागरिक ही कह रहे है।

जब जन प्रतिनिधि को ही बंद कर डाला

मामला दो बार के पार्षद रह चुके नासिर जमाल से जुड़ा हुआ है। पुराने सपाई और पूर्व पार्षद नासिर जमाल का अपने भाई शाहिद जमाल से कुछ पारिवारिक विवाद हुआ था। शाहिद जमाल जो स्थानीय मदनपुरा चौकी इंचार्ज शमशाद मिया के बहुत और बेहद ख़ास करीबी है के समर्थन में चौकी इंचार्ज शमशाद और उनके हमराही तथा कारख़ास अतुल यादव नासिर जमाल के घर पर धमक पड़ते है। आरोपों को आधार माने तो दरोगा जी यानी शमशाद अहमद और सिपाली अतुल यादव नासिर जमाल और उनके लड़के अल्ताफ फहमी को सड़क पर घसीट कर ले आये और दो चार हाथो में ही इज्ज़त सड़क पर उतार डाली।

नासिर जमाल ने हमसे बात करते हुवे कहा कि घटना 27 दिसम्बंर की है जब दरोगा शमशाद और उनके कारख़ास अतुल यादव ने मुझको मारा। उन्होंने बताया कि एक बाप के लिए मर जाने की स्थिति होती है जब उसके बेकसूर बेटे को उसके सामने ही पीट दिया जाए और वह बाप मजबूर होकर सिर्फ गुहार लगाता रहे। कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ था 27 दिसंबर को एक मामूली पारिवारिक विवाद में शमशाद अहमद और अतुल यादव ने मुझको सड़क पर बेइज्ज़त किया। उसके बाद थाने ले जाकर मेरे बेटे को मेरे सामने लाठियों से पीटा। मैं मजबूर सिर्फ उनसे गुहार करता रहा। इससे भी मन नही भरा उनका तो शमशाद अहमद और उनके कारखास अतुल यादव मेरे घर जाकर मेरी पत्नी को अश्लील गालिया देने लगे। इसका एतराज़ स्थानीय नागरिको ने किया और भीड़ जुट गई तो ये मौके से चले आये और इसकी नाराज़गी उन्होंने हमारे साथ थाने पर निकाला।

नासिर जमाल ने आरोप लगाते हुवे बताया कि मदनपुरा चौकी इंचार्ज शमशाद अहमद और उनके कारखास अतुल यादव ने केवल यह सब इसलिए किया क्योकि मैं उनके अवैध वसूली की मुखालफत करता हु। उनको एक मौका मुझको बेईज्ज़त करने का चाहिए था और उन्होंने कर डाला। मेरे बेटे को मेरे सामने थाने पर मारा गया। मेरी पत्नी को घर पर जाकर भद्दी भद्दी अश्लील गालियाँ दिया। ये सब कुछ सिर्फ इस लिए किया क्योकि मैं इनकी अवैध वसूली का विरोध करता हु। वही शाहिद जमाल इनका काफी करीबी है।

कौन है शाहिद जमाल

विश्वसनीय और अति गोपनीय सूत्रों की माने तो शाहिद जमाल इलाके में आने वाले हर एक चौकी इंचार्ज का खास हो जाता है। इसकी वजह है कट। क्षेत्रीय नागरिको की चर्चाओं को आधार माने तो इलाके से पुलिस की एगजाई शाहिद जमाल और इलाके के एक अन्य गोल मटोल शख्स के द्वारा एकत्रित किया जाता है।

सपाइयो ने जताया एतराज़, किया एसपी (सिटी) से मुलाकात

प्रकरण से नाराज़ सपा नेताओं और पार्षदों के एक दल ने इस मामले में आज एसपी (सिटी) वाराणसी से मुलाकात किया और अपनी गुहार लगाते हुवे लिखित शिकायत किया। वही पुलिस अधीक्षक (नगर) ने प्रकरण में उचित कार्यवाही का प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से विष्णु शर्मा, जगदीश यादव, रामबाबु यादव, राम शरण बिन्द, विकास यादव “बच्चा”, नासिर जमाल, इरशाद अहमद, हारून अंसारी आदि उपस्थित थे।

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