Categories: Morbatiyan

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ – “रोशन करेगा बेटा सिर्फ एक ही कुल को, दो दो कुलो की लाज होती है बेटियाँ”

तारिक़ आज़मी

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। हम अपनी बातो की शुरुआत करने के पहले आपको इस दिन का इतिहास बताते चलते है। सबसे पहले 1909 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 से मनाना शुरू किया। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

दरअसल, 1908 में 15000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क सिटी में वोटिंग अधिकारों की मांग के लिए, काम के घंटे कम करने के लिए और बेहतर वेतन मिलने के लिए मार्च निकाला। एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी की घोषणा के अनुसार 1909 में यूनाइटेड स्टेट्स में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को मनाया गया। 1910 में clara zetkin (जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला ऑफिस की लीडर) नामक महिला ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का विचार रखा, उन्होंने सुझाव दिया की महिलाओ को अपनी मांगो को आगे बढ़ने के लिए हर देश में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाना चाहिए।

एक कांफ्रेंस में 17 देशो की 100 से ज्यादा महिलाओ ने इस सुझाव पर सहमती जताई और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना हुई, इस समय इसका प्रमुख उद्देश्य महिलाओं को वोट का अधिकार दिलवाना था। 19 मार्च 1911 को पहली बार आस्ट्रिया डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। 1913 में इसे ट्रांसफर कर 8 मार्च कर दिया गया और तब से इसे हर साल इसी दिन मनाया जाता है। इसके बाद फिर 1975 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसको मनाना शुरू कर दिया।

अब बात करते है मौजूदा हालात की। मौजूदा वक्त में हर एक गाव से लेकर शहरों तक में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आज भारत में इसको बड़े धूम धाम से मनाया गया। एक दिन महिलाओं के लिए। ये कहकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई वो भी देते सोशल मीडिया पर आपको दिखाई दे जायेगे जो कल रात तक किसी महिला के पोस्ट पर उसको अपशब्द कह रहे थे। बहरहाल, ये उनका अपना व्यक्तिगत मामला है क्योकि जिसके पास जो होता है दुसरे को वह वही देता है के तर्ज पर ऐसे लोगो के पास तहजीब तो होती ही नही तो दुसरे को अदब देंगे कहा है। ऐसे लोगो के मसायल पर बात करना भी बेईमानी है।

वापस हम अपने मुद्दे पर आते है। महिलाओं के सम्मान के लिए साल का एक दिन हो ये सही तो नही समझ आता है। महिला के महत्व को बताने के लिया शायद साल के 365 दिन भी कम पड़ जायेगे। आप खुद सोचिये ईश्वर, अल्लाह, भगवान ने भी महिलाओं का महत्व इतना ही दिया है कि जन्नत बाप के पास नही बल्कि जन्नत जैसी नेमत माँ के कदमो के नीचे डाल दिया है। दुसरे शब्दों में कहे तो स्वर्ग माँ के कदमो में है। स्वर्ग अथवा जन्नत शब्द ही कानो में मिठास घोलने के लिए काफी है। ऐश-ओ-इशरत का ख्याल इस लफ्ज़ को सुनकर आ जाता है। वह भी ईश्वर ने माँ के कदमो में डाल दिया है। अब इससे बढ़कर अजमत महिला की क्या हो सकती है।

लोग एक बेटे को लालायित रहते है। मगर हकीकत का आईना देखे हुजुर, भले आप कहे कि बेटा वंश चलाता है तो दोस्त बेटा तो कंस भी था जो वंश चलाया नही पूरा बर्बाद कर डाला। मगर बेटी की अजमत ही अलग है। दस बेटे मिलकर अपने वालिदैन का उतना ख्याल नही रख सकते है जितना ख्याल एक बेटी रख सकती है। बेटी को सशक्त बनाए साहब। जब आप सुबह सो रहे होते है तो बेटी जिस मासूमियत से आपको जगाती है उस एक लम्हे का आप बयान अपने लफ्जों में नही कर सकते है। आपको तकलीफ होती है आंसू बेटी की आँखों में आ जाता है। उस लम्हे को समझे।

सिर्फ बेटी ही क्यों, पूरी कायनात बिना औरत के आप तसव्वुर भी नही कर सकते है। एक बहन अपने लाख बुरे भाई को भी दुनिया का सबसे सीधा और सबसे मासूम बताती है। भले भाई उसके साथ जितना भी बुरा बर्ताव करे मगर बहन के नज़र में वो दुनिया का सबसे अच्छा भाई होता है। एक माँ अपने बेटे की तकलीफ को एक लम्हा नही देख पाती है। एक पत्नी अपने पति को दर्द में नहीं देख पाती है। ये स्नेह का ह्रदय सिर्फ महिला को ही मिला है। याद रखे “रोशन करेगा बेटा सिर्फ एक ही कुल को, दो दो कुलो की लाज होती है बेटियाँ।” मुनव्वर राणा साहब के इस कलाम को दूर तक सोचे। बेटियों की अजमत पर रमेश कवल ने एक बहुत ही उम्दा शेर अर्ज़ किया है कि “बेटियों को बचा कर रखिये कँवल, इनको पाने में बहुत वक्त लगता है।” याद रखियेगा कि ज़रूरी नहीं कि रौशनी चरागों से हो, बेटियाँ भी घर में उजाला करती है। याद रखियेगा किसी ने बहुत ही खूब कहा है कि कोई भी मुल्क तरक्की के बुलंदी पर तब तक नही पहुच सकता, जब तक उस मुल्क की महिलाये कंधे से कन्धा मिला कर न चले।

pnn24.in

Share
Published by
pnn24.in

Recent Posts

गजब बेइज्जती भाई…..! फरार अपराधी पर पुलिस ने घोषित किया ‘चवन्नी’ का ईनाम, अभियुक्त भी सोचे कि ‘चवन्नी’ लायक है क्या …!

फारुख हुसैन डेस्क: बड़े बड़े इनामिया अपराधी देखा होगा। कई ऐसे होते है कि गर्व…

14 hours ago

कांग्रेस ने पत्र लिख चुनाव आयोग से किया शिकायत कि झारखण्ड के गोड्डा में राहुल गाँधी का हेलीकाप्टर रोका गया

ईदुल अमीन डेस्क: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को झारखंड के गोड्डा मेंएक चुनावी सभा…

15 hours ago

स्पेन: केयर होम में आग लगने से 10 की मौत

आफताब फारुकी डेस्क: स्पेन के उत्तर पूर्वी इलाके के ज़ारागोज़ा के नज़दीक एक केयर होम…

19 hours ago

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जारी किया पीसीएस प्री के परीक्षा की नई तारीख

अबरार अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने बताया है कि पीसीएस-प्री की…

19 hours ago

एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले निर्दल प्रत्याशी नरेश मीणा पर हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा हुआ दर्ज

आदिल अहमद डेस्क: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ़्तारी के बाद…

20 hours ago