समीर मिश्रा
कानपुर। डेढ़ साल से फरार एक लाख का इमानिया अपराधी विक्की आखिर एसटीऍफ़ के हत्थे चढ़ ही गया है। एसटीऍफ़ ने विक्की को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल किया है। इनामिया बदमाश विक्की तक पहुचने में भले एसटीऍफ़ को डेढ़ साल लगे और वह पुलिस के लिए सरदर्द बन चूका था। मार सही मायनों में विक्की की आशिकी ने एसटीऍफ़ का काम आसन कर दिया। एक लाख का इनामिया विक्की सोनी गर्लफ्रेंड के लगातार संपर्क में रहता था।
कानपुर का विक्की एक लाख का इनामिया बदमाश है। इसका नाम सबसे पहले चर्चा में तब आया था जब 29 अक्तूबर 2015 को इसने आवास विकास हंसपुरम में कुशवाहा होटल के पास हुए एक विवाद में रोहित भदौरिया नाम के शख्स को गोलियों से भून दिया था। इस हत्याकाण्ड में विक्की सोनी नाम के इस बदमाश ने दोनों हाथो से विदेशी असलहो से गोलियां चलाई थी। अचानक विक्की सोनी इस हत्याकाण्ड के बाद अपराध जगत में एक बड़ा नाम बन गया। पुलिस ने इस घटना में उसे उसके साथी रोहित बहेलिया और रामजी मिश्रा के साथ गिरफ्तार किया था। लगभग डेढ़ साल पहले विक्की पेशी के दौरान फरार हो गया था।
विक्की को फरार कराने में उसके साथी रामजी, रोहित बहेलिया के अलावा उसके बड़े भई दीपचंद्र, एक चचेरे भाई सुरेंद्र भी शामिल था। जिन्हें जेल भेजा गया था। विक्की फरारी के बाद से अपराध जगत में एक बड़ा नाम बन गया था और रंगदारी उतारने लगा था। पुलिस लाख कोशिशो के बाद भी विक्की को ट्रेस नही कर पा रही थी तो इसका एक कारण था उसका मोबाइल न रखना। किसी से बात करने एक लिए रास्ता चलते विक्की लोगो का मोबाइल मांग कर बात कर लेता था।
गर्लफ्रेंड बनाना पड़ गया भारी
विक्की को इश्क हो गया। उसके एक गर्ल फ्रेंड भी बन गई। इस इश्क के कारण ही वापस विक्की पुलिस के रडार पर आ गया। एसटीऍफ़ को विक्की की गर्ल फ्रेंड के बारे में जानकारी मिल गई। इस जानकारी के बाद एसटीऍफ़ ने विक्की की माशूका का फोन लिसनिंग पर डाल दिया। विक्की ऐसे ही रास्ता चलते लोगो से फोन मांग कर बात करता था और फिर फोन वापस कर देता था। मगलवार को एसटीऍफ़ को विक्की की लोकेशन मिली। वह कानपुर आया और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ घूम रहा था। इसके बाद उसको छोड़ कर विक्की पनकी कही रंगदारी वसूलने जा रहा था कि एसटीऍफ़ ने हलकी मुठभेड़ में विक्की को गिरफ्तार कर लिया।
कई बार आया था कानपुर
विक्की इश्क में एसटीऍफ़ के हत्थे चढ़ गया था। ये कोई पहली बार नही हुआ है कि गर्ल फ्रेंड के चक्कर में बदमाश पकडे गए हो। इसका सबसे बड़ा उदहारण पूर्वांचल का कुख्यात श्री प्रकाश शुक्ल था। पुलिस के लिए सरदर्द बना श्रीप्रकाश भी अपनी गर्ल फ्रेंड के कारण ही रडार पर आ सका था। वैसे ही विक्की भी अपनी गर्ल फ्रेंड के कारण रडार पर आ गया। गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारी और भी चौकाने वाली है। विक्की फरारी के डेढ़ साल एम तीस से चालीस बार कानपुर आ चूका था। विक्की बेख़ौफ़ आता और चला जाता था मगर पुलिस और एसटीऍफ़ को उसकी भनक तक नही पड़ती थी।
जेल से छूटा आरोपी था निशाने पर
एसटीएफ के मुताबिक विक्की का जेल में गैर जनपद निवासी एक बंदी से विवाद हुआ था। उसने विक्की को पीटा था। जेल वार्डन से भी विक्की का जमकर विवाद हुआ था। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जिस बंदी ने जेल में विक्की को कुटा था वह जेल से बाहर आया हुआ है। विक्की उससे जेल में हुई अपनी बेईज्ज़ती का बदला लेने के फिराक में था और उसकी खीज खबर ले रहत था। सूत्रों का यहाँ तक कहना है कि उसने एक पिस्टल भी खरीदी थी। अब एसटीएफ पता कर रही है कि फरारी के दौरान किसने-किसने उसकी मदद की। कहां-कहां वह ठहरा। किससे वसूली की। वैसे फरारी के दौरान नौबस्ता के बिल्डर महेश यादव से उसने 25 लाख की रंगदारी मांगी थी। कुछ दिन पहले उसे धमकाया भी था।
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