तारिक आज़मी
वाराणसी के दालमंडी से संचालित होने वाले गैंग जिसका मुख्य काम फर्जी रेप अथवा पाक्सो का केस दर्ज करवा कर लोगो से वसूली करना अथवा किसी बिल्डर के इशारे पर किसी उसके काम के आड़े आ रहे व्यक्ति पर फर्जी रेप का आरोप लगा कर उसको बिल्डर के रास्ते से हट जाने का दबाव बनाने वाले गैंग का अब अगला निशाना इस गैंग का खुलासा करने वाला पत्रकार होगा। इसकी जानकारी आज हमको विश्वस्त सूत्रों ने दिया।
हम अपने सूत्र के सम्बन्ध में थोडा ये ज़रूर बता दे कि ये जानकारी उसी विश्वस्त सूत्र ने दिया है जिसकी पत्नी अथवा उसकी मासूम बेटी को सामने रख कर राशिद खान और बादशाह खान ये झूठा आरोप लगायेगे। उसी सूत्र ने ये भी बताया कि उनके इस काम में उनका सहयोग करने के लिए शहर के विवादित कथित पत्रकार का उनको सहयोग मिलेगा और जल्द ही वह पत्रकार उक्त षड्यंत्रकारियो के साथ आईजी जोन वाराणसी अथवा एसएसपी वाराणसी के पास जाकर खुलासा करने वाले पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करने की पैरवी करेगे। यही नहीं सोशल मीडिया पर राशिद खान और उसके मामा बादशाह अली का फर्जी बयान लेकर खबर चलवाने का भी इन कथित पत्रकारों ने दस हज़ार में ठेका ले रखा है। अब बादशाह अली और राशिद खान के झूठे बयानों को बनाकर सजा सवार कर उसको सोशल मीडिया पर वायरल करेगे। मौके पर मौजूद एक सूत्र ने तो यहाँ तक कहा कि दस हज़ार दिल चूका है। आज देर रात अथवा कल रात को ये खबर बनकर वो लोग चलायेगे भी।
दरअसल मामला कुछ इस प्रकार है कि दालमंडी से एक गैंग का सञ्चालन हो रहा है जो किसी पर भी फर्जी रेप अथवा पाक्सो का केस दर्ज करवा देता है। कभी खुद के आर्थिक लाभ हेतु अथवा कभी किसी बिल्डर के इशारे पर ये गैंग इस प्रकार के केस दर्ज करवाता है। केस दर्ज करने के लिए इनके पास ऐसी लडकियों और मासूम बच्चियों का सिंडिकेट है। इसका एक बड़ा उदहारण आदमपुर थाने में दर्ज अपराध संख्या 66/19 है जो भीखाशाह गली के रहने वाले एक बेकसूर और सीधे साधे युवक पर दर्ज करवाया गया। हमारे पास इसके पुख्ता साक्ष्य है कि केस ही पूरा फर्जी था और कथित पीडिता की माँ वादी मुकदमा को सरकार से डेढ़ लाख रुपया मुआवजा दिलवाने और सस्ती ज़मीन देने की लालच देकर झूठा मामला दर्ज करवाया गया था। हमारे पास वादी मुकदमा का वीडियो बयान भी उपलब्ध है जिसमे उसने साफ़ साफ़ कहा कि इस प्रकार की कोई घटना ही नही हुई थी, और राशिद ने ये झूठा मामला हमको दबाव बना कर लिखवाया था। हम मुकदमा नहीं लड़ना चाहते है और इस केस को खत्म करना चाहते है।
इस खुलासे के बाद राशिद और बादशाह अली द्वारा षड़यंत्र का एक और खुलासा हुआ जिसमे दालमंडी के रहने वाले संजय सहगल नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ कथित रूप से एक बिल्डर के इशारे पर झूठा रेप का आरोप लगाया गया। इस मामले में वादी मुकदमा बन कर आई महिला के बयान विरोधाभासी थे। पुलिस ने मामले में तहकीकात किया और मामला झूठा पाया था। इस सम्बन्ध में भी हमने खुलासा किया था कि जो महिला खुद को चंदौली जनपद के चौराहट की निवासिनी बता रही थी वह दरअसल धनबाद की रहने वाली है और उसकी एक नन्द ने धनबाद में भाजपा के एक इज्ज़तदार नेता पर भी रेप का मामला दर्ज करवाया था जिसमे ये बतौर गवाह थी। प्रकरण के खुलासे के बाद बादशाह अली का भांजा राशिद खान उस महिला को कथित रूप से लेकर भगा ले गया। महिला अपने दोनों मासूम बच्चो को छोड़ कर कथित रूप से अपने प्रेमी राशिद के साथ भाग गई थी।
इस घटना के बाद उक्त महिला का पति क्षेत्राधिकारी दशाश्वमेघ अवधेश पाण्डेय से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई। उस पीड़ित व्यक्ति ने मीडिया को भी अपना बयान दिया और उस बयान के आधार पर हमने अपनी खबर को प्रकाशित किया था। पीड़ित व्यक्ति ने क्षेत्राधिकारी को रो-रोकर अपनी व्यथा सुनाई थी और आरोप लगाया था कि राशिद और बादशाह अली ने मिलकर उसकी पत्नी को सामने रख कर झूठे रेप के केस की तहरीर कई लोगो पर दिया था। उसने आरोप लगाया था कि इन्ही लोगो ने धनबाद में भाजपा नेता पर भी झूठा आरोप लगाया था और रेप के उस आरोप में इन लोगो ने भाजपा नेता से मोटी रकम भी लिया है।
इस सम्बन्ध में हमारे सूत्र बताते है कि बादशाह अली और राशिद खान उस मासूम बच्ची और उसकी माँ को खुलासा करने वाले पत्रकार का घर दिखा कर उसकी फोटो उसको पहचानवा रहे है कि देख लो और पहचान लो। सूत्र बताते है कि उस मासूम बच्ची को डरा धमका कर, अथवा उसको बहला फुसला कर उसको उस पत्रकार के खिलाफ बतौर अमोघ अस्त्र प्रयोग किया जायेगा और पाक्सो अथवा रेप का झूठा मामला दर्ज करवा कर पत्रकार पर कार्यवाही करवाना है। इस षड़यंत्र में शहर के दो विवादित कथित पत्रकार भी शामिल हो चुके है।
आज मौके पर मौजूद एक सूत्र ने हमको बताया कि बादशाह अली और राशिद खान ने दोनों विवादित कथित पत्रकार को बुला कर दस हज़ार में झूठे आरोपों की खबर चलाने के लिए दोनों कथितो को तैयार कर लिया गया है। खबर चलने के बाद कुछ और पैसे देने की बात भी किया गया है। दोनों कथित पत्रकारों ने बादशाह अली के कुछ गुर्गो का बयान मोबाइल से रिकार्ड किया है। अब जल्द ही खबर को सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद रेप के झूठे आरोप में पत्रकार को फंसाने का काम ये कथित करेगे।
बहरहाल, हमको वाराणसी पुलिस और उसकी कार्यप्रणाली पर पूरा विश्वास है। हमें अपने देश की न्यायपालिका पर भी विश्वास है। झूठे भले बहुत तेज़ दौड़े मगर एक न एक दिन वह मुह के बल गिरता है। हम “कर नहीं तो डर नहीं” के फार्मूले पर चलने वाले है। झूठा केस लगाने के लिए दोनों कथित पत्रकार षड्यंत्रकारियो के साथ आईजी ज़ोन के दफ्तर जा सकते है। वही दूसरा आप्शन इनके पास एसएसपी वाराणसी का भी है। वैसे एसएसपी वाराणसी का आप्शन यदि राशिद उस महिला के लिए चुनते है जिसको लेकर कथित रूप से वह भागा है तो एसएसपी वाराणसी उस महिला को अवश्य पहचान जायेगे क्योकि अभी कुछ दिनों पहले ही वह महिला एक अन्य व्यक्ति पर रेप का केस दर्ज करवाने के लिए उनके दरबार में गई थी जो मामला जाँच में झूठा साबित हुआ था। हाँ ये अवश्य है कि उस महिला की मासूम बच्ची को सामने करके अधिकारियो के आँखों में धुल ये दो बड़े षड्यंत्रकारी बादशाह अली और राशिद अली के साथ दो कथित पत्रकार कर सकते है। अब देखना होगा कि ये दो बड़े षड्यंत्रकारियो पर वाराणसी पुलिस प्रशासन आखिर कब सख्त होता है।
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