ए जावेद
वाराणसी। काशी के वरिष्ठ अधिवक्ता और समाजसेवक एड शशांक शेखर ने एक पत्र लिख कर काशी के “अक्षयवट” वृक्ष को संरक्षित करने की मांग किया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि यह काशी विश्वनाथ परिसर स्तिथ अत्यंत पौराणिक एवं दैवीय “अक्षयवट” वृक्ष है। अक्षय वट वृक्ष भारत मे 3 जगहों पर दर्शन हेतु उपलब्ध है। मुख्य अक्षयवट प्रयागराज में है, दूसरा काशी एवं तीसरा गया में है। अक्षयवट का धार्मिक महत्व शास्त्र-पुराणों में कहा गया है। चीनी यात्री ह्वेनसांग प्रयागराज के संगम तट पर आया था। उसने अक्षयवट के बारे में लिखा है- नगर में एक देव मंदिर पातालपुरी है। यह अपनी सजावट और विलक्षण चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के आंगन में एक विशाल वृक्ष अक्षयवट है, जिसकी शाखाएं, पत्तियां और जड़ें दूर-दूर (काशी और गया) तक फैली हैं।
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