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देखे – सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वाराणसी पुलिस द्वारा शर्मनाक हरकत का वीडियो, उठा बड़ा सवाल कि आखिर ये कैसी कार्यवाही किया इन कांस्टेबलो ने

मो0 सलीम

वाराणसी। एक तरफ जहा वाराणसी पुलिस जी जान लगा कर खुद की जान को खतरे में डाल कर इन्सानियत की मदद करती दिखाई दे रही है। खुद आदमपुर थाना प्रभारी सिद्धार्थ मिश्रा के द्वारा इन्सानियत की मदद रोज़ ही किया जा रहा है। कभी किसी ज़रुरतमंद को भोजन तो कभी किसी को दवा की व्यवस्था करवाई जा रही है। वही उन्ही के अधीनस्थ दो पुलिस कर्मियों द्वारा शर्मनाक हरकत का वीडियो कल देर रात से सोशल मीडिया के व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा है।

वीडियो आदमपुर थाना क्षेत्र के छित्तनपुरा (पठानी टोला) में कल रविवार के शाम 4:30-5:00 के मध्य का बताया जा रहा है। वीडियो में दो पुलिस वाले एक खाली दूकान जो फुटपाथ पर लगी है के दूकान से ब्रेड के पैकेट और खजूर का डिब्बा उठा कर ले जाते दिखाई दे रहे है। वीडियो में आसपास लोग आते जाते दिखाई दे रहे है। वीडियो देखने से आभास हो रहा है कि क्षेत्र के किसी युवक ने उधर से गुज़रते वक्त वीडियो बनाया होगा। इस वीडियो में क्लिप बनाने वाला युवक डरा भी महसूस हो रहा है और कह रहा है कि “देख लेगा तो और मरेगा।”

वीडियो सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस के इस कार्यवाही पर लोग जमकर कमेन्ट भी पास कर रहे है। एक यूज़र ने तो यहाँ तक लिखा है कि “आखिर पुलिस की ये कैसी कार्यवाही है। क्या पुलिस ऐसी भी होती है।” पुलिस की छवि को धूमिल करने वाला ये वीडियो शहर में चर्चा का माध्यम बन चूका है।

बेशक आदमपुर पुलिस इस आपदा काल में आम जनजीवन के लिए काफी प्रयास कर रही है। ज़रूरत मंद लोगो को भोजन तक उपलब्ध करवाने में प्रभारी निरीक्षक आदमपुर सिद्धार्थ मिश्रा और उनकी टीम नही चुक रही है। मगर उसी अधिकारी के अधीनस्थ पुलिस कर्मियों की ये हरकत बेहद निंदनीय है। बताते चले कि सिद्धार्थ मिश्रा की गिनती जनपद के तेज़ तर्रार और वसूल पसंद इस्पेक्टर के रूप में होती है। वह खुद देर रात तक कभी पैदल तो कभी जीप से क्षेत्र में गश्त किया करते है।

बेशक लॉक डाउन में इस प्रकार से दूकान खोल कर बैठना महामारी अधिनियम का खुला उलंघन है। मगर दो कांस्टेबल के द्वारा ये कार्यवाही सवालिया घेरे में है। अगर दूकान खोले रहने पर कोई कार्यवाही करना था तो उसी जगह वीडियो में नज़र आ रही सब्जी की दूकान पर भी कार्यवाही होनी चाहिए थी। और सीज पूरी दूकान ही करना चाहिए था। एक खजूर का डब्बा और चंद ब्रेड के पैकेट आखिर किस कार्यवाही के तहत आते है ?

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