तारिक़ खान
प्रयागराज: दारागंज में रचना शुक्ला हत्या कांड के अरोपीयों में से एक साजिद अली उर्फ लल्लन को सिविल लाइन्स पुलिस ने हत्या के पाँच साल बाद आज शुक्रवार को गिराफ्तार कर लिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसटीएफ़ ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया था। जबकी लल्लन फरार चल रहा था। पुलिस का दावा है कि आरोपी युवती की हत्या की साजिश में शामिल था और विवेचना के दौरान उसका नाम प्रकाश में आया।
वेणी माधव गली, दारागंज निवासी 19 वर्षीय रचना शुक्ला 16 अप्रैल 2016 को स्कूटी लेकर घर से निकली थी। इसके बाद से उसका पता नहीं चला। उसकी मां उमा शुक्ला ने दारागंज थाने में अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने मदद नहीं की थी। आखिर में बेटी की तलाश करने के लिए उमा ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई। हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही जांच के लिए एसटीएफ को लगा दिया गया। एसटीएफ ने रचना की हत्या का खुलासा कर उसके प्रेमी सलमान और लकी पंडा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद आज शुक्रवार को एसटीऍफ़ ने प्रेमी सलमान के पिता साजिद अली को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि आरोपी युवती की हत्या की साजिश में शामिल था और विवेचना के दौरान उसका नाम प्रकाश में आया।
मुकदमा वादिनी मृतका की मां उमा शुक्ला ने दारागंज पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अप्लीकेशन दी। जिसके बाद विवेचना सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को सौंप दी गई थी। इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों से पता चला कि हत्या की साजिश में मुख्य आरोपी सलमान का पिता साजिद निवासी बख्शी खुर्द भी शामिल था। जिसके बाद मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बताते चले कि इसके पहले एसटीएफ ने मृतका के प्रेमी सलमान और लकी पांडेय उर्फ लकी पंडा निवासी मीरागली को गिरफ्तार किया था जबकि हत्या में शामिल दो अन्य आरोपी अंजफ व शरीफ बाद में पकड़े गए।
पिछले साल एसटीएफ ने खुलासा किया कि 16 अप्रैल की रात में ही हत्या करने के बाद रचना का शव प्रतापगढ़ के हथिगवां में कौशाम्बी से बनारस जाने वाले हाईवे के किनारे फेंक दिया गया था। हत्यारों ने पहचान छिपाने के लिए शव को बोरे में भरा और पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी।
छह विवेचक बदले मगर चार साल तक नहीं ढूढ़ पाए थे युवती का सुराग
रचना शुक्ला के परिजनों के दर्द को समझना इतना आसान नही है। रचना के परिजनों को जितना दर्द उसके हत्यारों ने दिया, उससे कहीं ज्यादा पीड़ा उन्हें दारागंज पुलिस की कार्यप्रणाली से पहुंची। लापरवाही का आलम यह रहा कि एक एसओ समेत छह विवेचक चार साल तक उस युवती का पता नहीं लगा पाए, जिसकी गायब होने के कुछ घंटों बाद ही हत्या कर दी गई थी।
गौरतलब है कि केस दर्ज होने के बाद से एसआई सभाजीत मिश्रा, मोइनुद्दीन खां, शिवचरन राम, कमलेश कुमार, महावीर प्रसाद व आशुतोष तिवारी ने विवेचना की। लेकिन लापरवाही ऐसी कि विवेचना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी। बूढ़ी मां बेटी को तलाशने की गुहार लगाती रही और बार-बार उसे थाने से भगाया जाता रहा।
बाहुबली अशरफ का करीबी है साजिद
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार किया गया साजिद अतीक अहमद के भाई अशरफ का बेहद करीबी है। अशरफ के साथ उसकी कई तस्वीरें मिली हैं। यही नहीं वह असलहों का भी बेहद शौकीन है। हालांकि अशरफ से अपने रिश्तों के बारे में पूछने पर वह साफ इंकार करता रहा। लेकिन जब उससे तस्वीरों के बाबत पूछा गया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
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