तारिक़ आज़मी
डेस्क। भारत में कोरोना वायरस जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे भी ढेर तेजी से सोशल मीडिया पर फर्जी अफवाह और बाते फ़ैल रही है। अगर देश में आज 4 लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मिल रहे है तो उससे दोगुने तो वैध और हकीम सोशल मीडिया पर मिल जा रहे है। जिसको देखो कोई काम नही तो सोशल मीडिया पर ज्ञान बघार दे रहा है। ख़ास तौर पर सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी ने तो कमाल कर डाला है। रोज़ आपको तीन चार हज़ार डाक्टर और 8-10 हज़ार हकीम और वैद्य मिल जायेगे। आइये आपको व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के इन ज्ञानियों के फर्जी ज्ञान का दो सफल खुलासा बताते है।
5G टेस्टिंग से हो रही मौतों का फर्जी ऑडियो
आज कल व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में एक ऑडियो जमकर फ़ैल रहा है। यानी वायरल हो रहा है। जिसमे दो लोगो को बात करते हुवे ऑडियो के साथ चलती पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ये दोनो 5जी कंपनी के कर्मचारी है और आपस में बात किये है जिसका ऑडियो वायरल हो गया है। ऑडियो को गौर से सुनेगे तो सुनकर ही अंदाज़ लग जायेगा कि ऑडियो में बात करने वालो की भाषा बिहार अथवा पूर्वांचल से सम्बन्धित ग्रामीण इलाके के लोगो की है। इसमें दावा किया जा रहा है कि 5जी टेस्टिंग से मौते हो रही है और नाम कोरोना का दिया जा रहा है। मई के आखिर तक ये मौते रुक जाएगी।
अब वायरल करने वाले व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के ज्ञानियों को ये समझ नही आता कि दो कर्मचारी आपस में अगर बात किये है तो फिर आखिर ये वायरल कैसे हो गया। एक उसमे कहता है कि गला सुख रहा है न तो पानी पीते रहे। बगल में पानी रख कर सोये। असल में वो कहना चाहता होगा कि जाकर गाव के अन्दर तालाब में घर बना लो। पानी के अन्दर डुबकी मार कर रहो। आप उस ऑडियो को सुनकर वैसे हस तो ज़रूर दिए होगे और आपको हमारी बातो पर भी हंसी आ रही होगी। तो तनिक खुल के हस ले। ये व्हाट्सएप का ज्ञान है रोज़ रोज़ ऐसा मिल जाता है कोई न कोई।
हालांकि, जब इस वायरल ऑडियो की पड़ताल की गई तो इस दावे को पूरी तरह से फर्जी पाया गया। PIB की फैक्ट चैक टीम ने सोशल मीडिया पर वायरल इस दावे को फर्जी बताया है। पीआईबी ने लिखा है, ‘एक ऑडियो मैसेज में दावा किया जा रहा है कि राज्यों में 5G नेटवर्क की टेस्टिंग की जा रही है जिस कारण लोगों की मृत्यु हो रही है व इसे कोविड 19 का नाम दिया जा रहा है।’ PIB की Fact Check टीम ने पाया कि यह दावा फर्जी है। साथ ही टीम ने लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना काल में कृपया ऐसे फर्जी संदेश साझा कर के भ्रम न फैलाएं।
क्या फिटकरी से हो जायेगा कोरोना का इलाज
व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के एक ज्ञानी ने एक बाबा का वीडियो वायरल कर डाला। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि बाबा ज्ञान दे रहे है कि फिटकरी से कोरोना का इलाज हो जायेगा। फिटकरी को पानी में घोल कर पी जाओ। वैसे PIB की फैक्ट चेक टीम ने इस दावे को भी खोखला पाया है और कहा है कि ये दावा फर्जी है, कृपया बिना चिकित्सक की सलाह लिए कोई उपयोग न करे।
बेशक विज्ञान के अनुसार, फिटकरी लंग्स में मौजूद म्यूकस को कम करती है इसके साथ खांसी के वजह से आ रही उल्टी को भी कंट्रोल करती है। यह भी कहा जाता है कि, फिटकरी का काम गंदगी को साफ करना होता है। जब श्वास नली में म्यूकस जमा हो जाता है तब लोगों को अक्सर सांस लेने में दिक्कतें होती हैं। कभी-कभी गंदगी श्वास नली से चिपक जाती है जिसके बाद वह उससे बेहद पतला बना देती है। फिटकरी का उपयोग करने से यह गंदगी हट जाती है तथा श्वास नली साफ हो जाती है। आयुर्वेद में भी गले से संबंधित परेशानियों और खांसी को ठीक करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है। जानकार बताते हैं कि गले की खराश के पीछे छुपे इंफेक्शन को भी ठीक करने में फिटकरी काम आती है।
नुक्सान भी करती है फिटकरी
फिटकरी के गुण जहा आयुर्वेद विज्ञानं में है वही उसके नुक्सान भी ज़बरदस्त है। मानव वीर्य और शुक्राणु पर फिटकरी यानी एल्यूमीनियम पोटेशियम सल्फेट का प्रभाव पड़ता है। हालांकि, “इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी” 1998 में एक अध्ययन में कहा गया है कि फिटकरी की अलग अलग एकाग्रता का शुक्राणु, गतिशीलता / मौत और वीर्य के फ्रक्टोज स्तर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। इसका उच्च एकाग्रता में उच्च प्रभाव पड़ता है। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान फिटकरी के सेवन के प्रतिकूल या दुष्प्रभाव की जांच के लिए कोई पर्याप्त अध्ययन नहीं है। इसलिए इसके सेवन न करने की सलाह दी जाती है। मगर ध्यान रहे फिटकरी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर रखें।
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