आफताब फारुकी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त करने के बाद गुरुवार को अपने दिल्ली आवास पर जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ लगातार तीन घंटे तक बातचीत की। इस बातचीत में राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कुल 14 नेता शरीक हुए।
बैठक में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह और एनएसए अजीत डोभाल में शामिल रहे। सूत्रों के मुताबिक, ‘पीएम ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सही समय पर जम्मू कश्मीर फिर राज्य बनेगा।’ सूत्रों के मुताबिक पीएम ने कहा कि दिल्ली की दूरी के साथ दिल की दूरी भी कम करना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बैठक का फ़ोकस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूत करना था।
पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। डीडीसी चुनाव के सफल संचालन की तरह ही विधानसभा चुनाव कराना हमारी प्राथमिकता है। पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक मौत भी दर्दनाक है, युवा पीढ़ी की रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। हालांकि इस बैठक का कोई विशिष्ट एजेंडा अब तक सामने नहीं आया है लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन या पुनर्निर्धारण इसमें शामिल हो सकता है क्योंकि जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद विधानसभा चुनाव की दिशा में यह पहला कदम है।
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