उत्तर प्रदेश – भाजपा के 16 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित, सपा मुखिया ने लगाया उनके उम्मीदवारों को बंधक बना लेने का आरोप, 11 सपा के जिलाध्यक्ष अपने पद से हटाये गए
आफताब फारुकी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पंचायत अध्यक्षो के पद पर चुनाव में बीजेपी के 16 ज़िला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुन लिए गए हैं। जबकि समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार ने पुलिस के ज़रिये उसके ज़िला पंचायत उम्मीदवारों को अपहृत और बंधक बना लिया और उन्हें नामांकन नहीं भरने दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इनमें से 11 जिलों के पार्टी अध्यक्षों को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है।समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को गोरखपुर में नॉमिनेशन केंद्र पर धक्कामुक्की का एक वीडियो ट्वीट किया।
उन्होंने कहा, “गोरखपुर व अन्य जगह बीजेपी सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है।यह हारी हुई बीजेपी का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है। बीजेपी जितने पंचायत अध्यक्ष बनाएगी, जनता विधानसभा में उतनी सीट भी नहीं देगी। जिस गोरखपुर का वीडियो अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है, वहां उन्होंने जितेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया था। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि आज जब जितेंद्र यादव अपना पर्चा दाखिल करने जा रहे थे तब पुलिस ने उन्हें ज़बरदस्ती रोक लिया और पर्चा नहीं दाखिल नहीं करने दिया। इससे वहां बीजेपी की साधना सिंह निर्विरोध चुनाव जीत गईं।
इसी तरह बलरामपुर ज़िले में बीजेपी उम्मीदवार 23 साल की आरती निर्विरोध चुनाव जीत गईं। बलरामपुर में सपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि पार्टी की उम्मीदवार किरन यादव को पुलिस सुबह पांच बजे उनके घर से उठा ले गयी और पर्चा नहीं दाखिल करने दिया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले में भी बीजेपी के मनोज राय निर्विरोध ज़िला पंचायत अध्यक्ष बन गए। सपा और बसपा के उम्मीदवारों ने नामांकन के पर्चे खरीदे थे लेकिन वे नामांकन करने नहीं पहुंचे। वहां भी सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके उम्मीदवार को गायब कर दिया है।
आगरा में बीजेपी की मंजू भदौरिया निर्विरोध चुनाव जीत गईं। यहां भी समाजवादी पार्टी की तरफ से कोई पर्चा दाखिल करने नहीं पहुंचा। श्रावस्ती में बीजेपी के पूर्व एमपी दद्दन मिश्र निर्विरोध चुनाव जीत गए। यहां भी समाजवादी पार्टी के उंम्मीदवार पर्चा दाखिल करने नहीं पहुंचे। यहां भी समाजवादी पार्टी के लोगों ने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवार को पुलिस के बल पर नामांकन नहीं करने दिया गया। पंचायत चुनावों में अपनी पार्टी के जिलाध्यक्षों की भूमिका से नाराज़ अखिलेश यादव ने शनिवार को 11 ज़िले अध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया। इनमें गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, नोएडा, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर ज़िले शामिल हैं।