पुलिस को तहरीर देकर वसीम रिज़वी ने शिकायत करते हुवे कहा कि भीड़ ने उनकी गाडी पर हमला कर दिया जिसमे वह बाल बाल बचे
तारिक खान
लखनऊ: मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मान्यताओं के मुखालिफ दिए जाने वाले विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने आज आरोप लगाया है कि उनके ऊपर आज सोमवार को पुराना लखनऊ से गुज़रते समय भीड़ ने उन पर हमला किया है। जिसमें उनकी गाड़ी टूट गयी, लेकिन वह बाल बाल बच गए। यह आरोप वसीम रिज़वी ने खुद लगाया है।
घटना के सम्बन्ध में उनका कहना है कि वह शाम करीब साढ़े पांच बजे किसी काम से जा रहे थे। जब वह चौक मंडी से गुजरे तो उन्होंने देखा कि वहां भीड़ खड़ी है। पुराने लखनऊ में उन पर एक भीड़ ने हमला कर दिया। इसमें उनकी गाड़ी के आगे-पीछे के शीशे टूट गए, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। वसीम रिज़वी का कहना है कि उन्होंने इसकी लिखित शिकायत चौक कोतवाली में कर दी है। पुलिस ने तहरीर लेकर जाँच की बात कही है।
वैसे वसीम रिज़वी क़ुरआन के बारे में अपने बेतुके बयानों की वजह से काफी लोंगों के निशाने पर हैं। उन्होंने कुछ वक्त पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा था कि कोर्ट क़ुरआन की 26 आयतों को क़ुरआन से निकलवा दे क्योंकि उनमें आतंकवाद की शिक्षा दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने वसीम की याचिका खारिज कर के उनके ऊपर फाइन लगा दिया था। इसके बाद वसीम रिज़वी ये दावा करते रहे हैं कि खुदा की क़ुरआन में सुन्नी मुसलमानों के माने जाने वाले तीन खलीफाओं का हाथ है। बाद में वसीम रिज़वी ने क़ुरआन में से 26 आयतें निकाल कर और क़ुरआन की आयतों का क्रम बदल कर एक नया क़ुरआन बनाने का दावा कर डाला और इसको छपवा भी दिया है।
इस सभी बयानों के बाद वसीम रिज़वी का परिवार भी उनको छोड़ दिया है। उनके खुद के भाई ने एक वीडियो वायरल करके वसीम रिज़वी से खुद के और परिवार के अन्य सदस्यों का सम्बन्ध ख़त्म होने का दावा किया था। खुद वसीम रिज़वी ने अपना बयान जारी कर इस दावे की तस्दीक किया था कि उनके परिवार का हर एक सदस्य उन्हें छोड़ कर चला गया है। यहाँ तक कि उनकी पत्नी और बच्चे भी। जब वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कुरआन में रद्दोबदल की बात कही थी तब मुस्लिम समुदाय के आलिमो की एक बैठक में फैसला हुआ था कि वसीम रिज़वी को किसी कब्रिस्तान में जगह नही दी जायेगी और न ही कोई आलिम उनकी नमाज़ जनाज़ा पढाएगा।
वसीम रिज़वी इसके पहले मदरसों को आतंकवाद का अड्डा बता कर उन्हें बंद करने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर अयोध्या में राम लला का मंदिर नहीं बनेगा तो वह वहां जा कर आत्महत्या कर लेंगे। वसीम की इन बातों से मुसलमानों में उनसे काफी नाराज़गी है। तमाम मुसलमानों का यह मानना है कि वह यह सब मुसलमानों को दूसरे मज़हब के लोगों की नज़रों में क़ाबिल-ए-नफरत बनाने के लिए करते हैं। ताकि इसके नतीजे में होने वाले पोलराइज़ेशन से उनके राजनीतिक गुरुओं को सियासी फायदा हो सके।