तारिक खान
मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद 98 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में बुधवार को उनका निधन हो गया। हिंदी फिल्म जगत में ‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार मंगलवार से हिंदुजा अस्पताल की गैर-कोविड गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती थे। दिलीप कुमार के निधन से फिल्म जगत समेत देशभर में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की दिग्गज हस्तियों ने दिलीप कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। आज शाम 5:00 बजे सांताक्रूज़, मुंबई में जुहू क़ब्रिस्तान में उनको सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जायेगा।
दो दिन पहले ही आया था हेल्थ अपडेट
दिलीप कुमार को पिछले एक महीने में दो बार अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पांच जुलाई को ही दिलीप कुमार के ट्विटर हैंडल से उनकी हेल्थ पर अपडेट दिया गया था। दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो द्वारा बयान में कहा गया था कि दिलीप कुमार की तबीयत में सुधार हो रहा है। वह अभी भी अस्पताल में ही हैं, आप उन्हें अपनी दुआओं में रखें। लेकिन इस हेल्थ अपडेट के दो दिन बाद ही दिलीप कुमार इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए।
पेशावर का युसुफ जो बन गया बॉलीवुड का ट्रेजेडी किंग
11 दिसंबर, 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में जन्मे में दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसुफ खान था। युसुफ खान ने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी, जहा राज कपूर उनके बचपन में ही दोस्त बन गए थे। मानो वहीं से दिलीप कुमार का सफर बॉलीवुड में शुरू हो गया था। करीब 22 साल की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी। 1944 में उन्होंने फिल्म ‘ज्वार भाटा’ में काम किया था, लेकिन उनकी इस फिल्म की अधिक चर्चा नहीं हो पाई थी।
“मुग़ल-ए-आज़म” फिल्म जगत की मील का पत्थर हुई थी साबित
वैसे तो दिलीप कुमार की काफी फिल्मे ऐसी है जिनका कोई सानी नही है। उनकी फिल्मे सुपर डुपर हिट होती थी। फिल्मो के किरदार में एक जान डालने वाले दिलीप कुमार सफलता की गारंटी के तौर पर देखे जाते थे। उनकी फिल्म “मुगले आज़म” ने सफलता में मील का पत्थर स्थापित किया था। पृथ्वीराज कपूर और दिलीप कुमार अभिनीत इस फिल्म की अदाकारा मधुबाला थी। मधुबाला और दिलीप कुमार की जोड़ी काफी चर्चित रही है। फिल्म जगत में हिट जोड़ी के तौर पर इन दोनों को देखा जाता था।
फिल्म “गोपी” जैसी सफलता को आज भी तरस रहा है फिल्म जगत
दिलीप कुमार की सफलता का अंदाजा उनकी फिल्म “गोपी” की सफलता से लगाया जा सकता है। दिलीप साहब के बड़े फैन लोहता निवासी इदरिस मिया ने उन वक्तो को याद करते हुवे बताया कि फिल्म “गोपी” 1970 में रिलीज़ हुई थी और यह फिल्म बनारस के “प्रकाश टाकीज” में लगी थी। इदरिस मिया ने बताया कि फिल्म का टिकट लेने के लिए पूरी पूरी रात लोग लाइन लगाये रहते थे। सुबह होते ही टिकट बिक जाते थे तो लोग लाइन तोड़ते नही थी बल्कि इंतज़ार दुसरे दिन के लिए होता था। उन्होंने खुद तीन रात लाइन लगा कर टिकट लिया था।
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