तारिक खान
नयी दिल्ली: भारतीय महिला मुक्केबाज लोवलिना बोरगोपैन ने जारी तोक्यो ओलंपिक खेलों में इतिहास रचते हुए मुक्केबाजी में शुक्रवार सुबह भारत के लिए पदक सुनिश्चत कर दिया। मतलब कांस्य आना पक्का हो गया। अब देखना यह है कि लोवलिना इस पदक को स्वर्ण या रजत में तब्दील कर पाती हैं या नहीं। पिछले कुछ दिनों से जा रहे सूखे को खत्म करते हुए लोवलिना ने सुबह ही क्वार्टरफाइनल मुकाबला जीतकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली। लोवलिना ने 69 किग्रा भार वर्ग में चीनी प्रतिद्वंद्वी चेन को 4-1 से हराकर अंतिम चार में जगह बनायी।निश्चित ही, लोवलिना से आगे उम्मीदें और भरोसा बहुत ही ज्यादा है क्योंकि इस भारतीय बॉक्सर ने उस चीनी निएन-चिन को मात दी, जिन्होंने साल 2018 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण और एशियन चैंपियनशिप 2019 में रजत पदक जीता था।
लोविलना ने यह पदक कुछ दिन पहले मीराबाई चानू के रजत जीतने के बाद सुनिश्चित किया, जब चानू ने वेटलिफ्टिंग के 49 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था। इसके बाद शूटरों और तीरंदाजों ने देश को खास निराश किया। और सौरभ चौधरी और मनु भाकर के प्रदर्शन से खेलप्रेमियों में निराशा का माहौल हो चला था, लेकिन शुक्रवार सुबह लोवलिना ने अपने मुक्के के प्रहारों का एहसास कराते हुए भारतीय खेमे और देशवासियों को सावन के महीनें में खुशी की बारिश से तर कर दिया।
वहीं, सिमरनजीत कौर (60 किलो) ओलंपिक खेलों में पदार्पण के साथ ही प्री क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंदी से हारकर बाहर हो गई। चौथी वरीयता प्राप्त सिमरनजीत को 0-5 से पराजय का सामना करना पड़ा। पहले दौर में प्रभावी प्रदर्शन करते हुए उसने प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाने की कोशिश की और अच्छे जवाबी हमले बोले। जजों ने हालांकि सर्वसम्मति से थाई मुक्केबाज के पक्ष में फैसला दिया जिससे दूसरे दौर में सिमरनजीत के प्रदर्शन पर असर पड़ा। पहले कुछ सेकंड में अति आक्रामकता का खामियाजा उसे भुगतना पड़ा। इसके साथ ही उसने रक्षण में भी चूक की। तीसरे दौर में उसने बराबरी की कोशिश की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।बताते चले कि थाई मुक्केबाज दो बार की विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता है और उसने 2018 एशियाई खेलों में भी रजत पदक जीता था।
आखिरी मिनटों में नवनीत कौर के गोल की मदद से भारतीय महिला हॉकी टीम ने ‘करो या मरो ‘ के मैच में आयरलैंड को 1-0 से हराकर तोक्यो क्वार्टर फाइनल में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखीं। पहले तीन क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद नवनीत ने मैच का एकमात्र गोल 57वें मिनट में किया। इससे पहले भारत को मिले 14 पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए। भारत को तीन मैचों में करारी हार के बाद भारत को इस मैच में हर हालत में जीत दर्ज करनी थी लेकिन विजयी गोल के लिये टीम को 57 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। भारतीय खिलाड़ियों ने गोल करने के कई मौके बनाये लेकिन फिनिशिंग तक नहीं ले जा सके।
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