तारिक आज़मी
वाराणसी। वाराणसी के विक्की शर्मा हत्या कांड का सफल खुलासा हो गया है। पुलिस ने मिलन विज जैसे पुराने शातिर अपराधी को जेल का रास्ता दिखा कर काल कोठारी के पीछे भेज दिया है। विक्की शर्मा की आत्मा को शांति मिली होगी। परिवार अपने एकलौते कामसुत पुत्र के वियोग में आंसू सुखा चूका है। मिलन विज ने जो कहानी पुलिस को सुनाई, वह उसकी शातिरपन को साफ़ झलकाती है।पुलिस को सुनाई अपनी कहानी में मिलन विज ने बड़े ही शातिर तरीके से अपने आका विश्वास नेपाली को सुरक्षित कर डाला। मगर ये घटना एक बार भी नई सड़क दालमंडी के बिल्डर और अपराधी गठजोड़ के खेला को सामने ला दी है।
भले ही मिलन विज ने जो कुछ भी बयान अपने कबूलनामे में पुलिस को दिया। मगर ये तो तय बात है कि मूल मुद्दा दबा कर मिलन विज ने अपने आका विश्वास नेपाली से अपने संबंधो को बचा लिया। साथ ही स्थानीय अपना दबदबा दुबारा हासिल कर डाला। मिलन विज शायद इस बात को समझता है कि ज़मानत पर आने के बाद उसका दबदबा कायम हो जायेगा। उसकी नज़र बिल्डिंग कंस्ट्रक्शंन लाइन पर है। मालूम नहीं पुलिस कभी इस कहानी तक पहुच पाएगी या फिर नही। खेला तो बड़ा था। मगर विक्की शर्मा शायद इस बात को शायद समझ नही पाया होगा कि किसी और के मुह का निवाला छीनना उसके लिए भारी पड़ जायेगा।
मिलन विज और विश्वास नेपाली गठजोड़
मिलन विज रिंकू गुप्ता के एनकाउंटर के बाद से अपना आका बदल बैठा था। कभी रिंकू गुप्ता और अन्नू त्रिपाठी गैंग के बीच आपसी अदावत नही थी, मगर दोनों गैंग अपने अपने तरीके से अपना काम करते थे। रिंकू गुप्ता मुन्ना बजरंगी के गैंग से अचानक एक मामले को लेकर नाराज़ हो गया। रिंकू गुप्ता की नाराजगी का निशाना बना था महेश यादव। महेश यादव की हत्या में रिंकू गुप्ता के गैंग के सदस्य इसी मिलन विज का नाम आया था। जानकारों की माने तो मुन्ना बजरंगी गैंग के अन्दर खुद के वर्चस्व के खातिर ये हत्याये हुई थी। भले वह बंशी यादव की वर्ष 2004 में हुई जेल में हत्या ही क्यों न हो ? बंशी यादव भी मुन्ना बजरंगी गैंग से सम्बन्धित था और एक मामले में जेल में बंद था।
इसके बाद रिंकू गुप्ता पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। शिवानन्द मिश्रा, राम स्वरुप वर्मा, शांतिमौली पाण्डेय और विजय राय तथा समीर झा की पुलिस टीम के निशाने पर रिंकू गुप्ता मलदहिया चौराहे पर आ गया था। वर्ष 2006 में मलदहिया चौराहे पर कुख्यात अपराधी रिंकू उर्फ रवि गुप्ता का एनकाउंटर हुआ था। इस एनकाउंटर के बाद मिलन विज खुद को लावारिस समझ बैठा था और नए आका की तलाश उसको भी थी। जानकार सूत्र बताते है कि फरारी पर चल रहे विश्वास नेपाली ने मिलन विज के पीठ पर हाथ धर दिया। सूत्र बताते है कि मिलन विज इसके बाद धीरे धीरे करके विश्वास का सबसे विश्वसनीय हो गया। एक सूत्र ने तो यहाँ तक दावा किया कि विश्वास ने अपने ससुरालियो का ख्याल रखने का विशेष टास्क भी मिलन विज को दे रखा है।
बिल्डिंग कंस्ट्रक्शं के काम में डाला हाथ
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मिलन विज ने बीते दिनों भवन निर्माण के क्षेत्र में भी हाथ डाल रखा है। दवाओं की सप्लाई के साथ भवन निर्माण के क्षेत्र में हाथ डालने वाले मिलन विज गैंग द्वारा भवन निर्माण का काम लेना शुरू कर दिया गया। इनके निशाने पर विवादित संपत्ति रहती है। विवादित संपत्तियों का विवाद अपने दम्भ पर हल करके फिर ठीक किसी अन्य ठेकेदार को देकर मलाई खा लेते है। सूत्र बताते है कि इसी तरीके की एक संपत्ति इस हत्याकांड की जड़ भी बनी है। (क्रमशः……भाग 2)
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