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अफगानिस्तान पर हुआ तालिबान का कब्ज़ा, तख्ता पलट के पहले ही देश छोड़ दिया अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने

तारिक खान

काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपनी कोर टीम के साथ देश छोड़ दिया है। टोलो न्यूज ने रविवार को बताया कि तालिबान आतंकवादियों के राजधानी काबुल में प्रवेश करने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने यह फैसला लिया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि तालिबान विद्रोही “हर तरफ से” राजधानी में आ रहे थे, लेकिन उन्होंने और कोई जानकारी नहीं दी। कट्टरपंथी समूह पहले ही अफगानिस्तान के ज्यादातर शहरों और प्रांतों पर कब्जा जमाकर अपना वर्चस्व कायम कर चुका है। सिर्फ काबुल ही उसकी पहुंच से बाहर रह गया था। आज तालिबान ने काबुल पर भी कब्ज़ा करके तख्ता पलट कर दिया है।

अफ़ग़ान मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ख़बर कि अफ़ग़ान संसद के स्पीकर और राजनीतिक दलों के कई सदस्य काबुल से पाकिस्तान के लिए रवाना हो गए हैं। तालिबान की तरफ़ से अफ़ग़ान सरकार पर आत्मसमर्पण करने का दबाव बढ़ गया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन की तरफ़ से कहा गया है कि आम माफ़ी का ऐलान किया गया है। किसी के ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई नहीं होगी। अमेरिका ने भी चेतावनी दी हुई है कि अगर उसके मिशन और कर्मियों को नुकसान पहुंचाया तो फिर कठोर सैन्य कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि इसलिए भी तालिबान ठहरा हुआ है कि अमेरिकी काबुल से निकल जाएं। इस बीच अमेरिकी एंबेसी में अमेरिकी हेलिकॉप्टर उतरता देखा गया है। अमेरिकी सेना राजनयिकों को एयरलिफ्ट कर रही है।

भारत ने बनाया काबुल से कर्मचारियों को निकालने की व्यवस्था, रखे है पैनी नज़र

 भारत ने काबुल से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को निकालने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनायी हैं। दरसअल, तालिबान के रविवार सुबह राजधानी काबुल में प्रवेश करने की खबरों के बाद वहां लोगों में डर पैदा हो गया है। घटनाक्रम पर नजर रख रहे लोगों ने कहा कि भारत काबुल में भारतीय दूतावास के अपने कर्मचारियों और भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डालेगी तथा जरूरत पड़ने पर आपात स्थिति में उन्हें वहां से निकालने के लिए योजनाएं बना ली गयी हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘सरकार अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है। हम काबुल में भारतीय दूतावास में अपने कर्मचारियों की जान खतरे में नहीं डालेंगे।” हालांकि, अफगानिस्तान में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर भारत की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। यह पूछे जाने पर कि काबुल से भारतीय कर्मचारियों और नागरिकों को कब निकाला जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि जमीनी हालात को देखते हुए फैसले लिए जाएंगे। समझा जाता है कि भारतीय वायु सेना के सैन्य परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर के एक बेड़े को लोगों तथा कर्मचारियों को निकालने के लिए तैयार रखा गया है।

खून खराबे से बचने के लिए देश छोड़ा – अशरफ गनी

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि उन्होंने “रक्तपात” से बचने के लिए देश छोड़ दिया क्योंकि काबुल तालिबान के हाथों में चला गया है। आतंकवादी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में घुस गए हैं। अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में अशरफ गनी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अब से तालिबान अफगानिस्तान के लोगों के “सम्मान, धन और संरक्षण” के लिए जिम्मेदार होगा।

उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूह “तलवार और बंदूकों के दम” पर जीत गया, लेकिन वह अफगानिस्तान के लोगों का दिल नहीं जीत सका। उन्होंने कहा कि “अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो अनगिनत देशभक्त शहीद हो जाएंगे और काबुल शहर तबाह हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप छह मिलियन की आबादी वाले शहर में एक बड़ी मानवीय तबाही होगी।”

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