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नगर निगम के साहब, एक नज़र इधर भी – बरसात और सीवर के पानी में बह रहा है थाना आदमपुर, कल झंडारोहण कहा होगा साहब ?

शाहीन बनारसी/ ए जावेद

वाराणसी। साहब, ओ साहब, अरे नगर निगम के साहब जी। साहब हम ये कह रहे थे कि पिछले दिनों बारिश हुई थी। ज़बरदस्त बारिश थी तो “तारिक आज़मी की मोरबतियाँ” ने बताया था कि “ज़िन्दगी क्या है, एक कहानी है- घर के बाहर घुटनों के ऊपर तक सीवर का पानी है।” मगर साहब सही बताये आपके अधीनस्थ वाले साहब लोग है ऊ लोग समझते ही नहीं है। उनको लगता है कि कोर्री बकवास है। मगर हम कह रहे है साहब कि सच में स्थिति बहुत बुरी है।

नगर आयुक्त साहब, हम सच्ची मुच्ची बता रहे है कि आप जाकर देख ले कैसे सीवर का पानी में आदमपुर थाना डुबकी लगा रहा है। फरियादी तैर कर थाने के अन्दर जाने को मजबूर है। और तो और कुल पुलिस कर्मी पानी में होकर कार्य कर रहे है। इतना पानी है साहब कि पूरा इलाका नहा लेगा मगर पानी नही ख़त्म होगा। सब तो सब छोड़े साहब, हवालात में भी पानी भरा हुआ है। अगर पुलिस वाले कोई  अपराधी को पकड़ कर लाते है तो हवालात के हालात ऐसे है कि पाने में डूब कर आत्महत्या कर डाले व।

बैरिक के अन्दर तो और भी बुरे हालात हो चुके है साहब, नगर आयुक्त साहब, मैं कसम खा कर कहती हु कि बैरिक की स्थिति ऐसी है कि आप दो चार मिनट नही टिक सकते है। उस स्थिति में सिपाही आराम करते है। पानी की बदबू के कारण आपको साहब उलटी हो जायेगी। मगर साहब सच बताते है कि उस स्थिति में भी पुलिस वाले अपना जीवन यापन कर रहे है। बाथरूम से लेकर टॉयलेट तक में सीवर का और बारिश का पानी भरा हुआ है। पानी भी कही 8 इंच से लेकर 20 इंच तक का है।

नगर आयुक्त साहब, स्थिति ऐसी है कि प्रभारी थाना निरीक्षक खुद सड़क पर बैठ कर काम कर रहे है। फरियादियो की फ़रियाद सुन रहे है। पानी के कारण अन्दर जाने पर कपडे ख़राब हो जायेगे। पाँव के जूते भीग जाते है। मगर मज़बूरी है कि उनको जनता के हित में काम करना है। मगर आपका विभाग है कि इसके ऊपर ध्यान ही नहीं देता है। थाना प्रभारी सिद्धार्थ मिश्रा ने खुद हमसे बताया कि इस स्थिति से निपटने के लिये काफी नगर निगम में कई बार फोन करके आग्रह कर चुके है। मगर आपका विभाग है साहब कि सुनता ही नहीं है।

नगर आयुक्त साहब सच बताये कि कल की स्थिति का आप आकलन करे और सोचे। कल स्वतंत्रता दिवस है। आप खुद ही झंडारोहण करेगे। आपके लिए सुखी जगह मिलेगी। सब सुविधा होगी। झंडारोहण कल यहाँ भी होगा। हमको सोच सोच कर ही मन में अजीबो गरीब ख्याल आ रहा है कि हमारे देश की शान तिरंगा झंडा इस पानी के बीच में फहराया जाएगा। सोचिये जिस झंडे के मान सम्मान के लिए हम अपना सर कटवाने में भी पीछे नही हटेगे उस तिरंगे को इस पानी के बीच में फहराने के लिए यहाँ की पुलिस टीम को मजबूर होना पड़ेगा।

नगर आयुक्त साहब, वैसे आपका विभाग चाहे तो कुछ कर सकता है। मगर करेगा नही क्योकि जितनी मेहनत से आप काम कर लेते है आपके अधिनस्त के लिए उतनी मेहनत करना गवारा नही है। तनिक ख्याल करे साहब, हम कौन सा यहाँ कच्ची बाग़ में जमा बाढ़ नुमा सीवर पानी को निकालने की बात कर रहे है। हम तो सिर्फ आदमपुर थाने के लिए कह रहे है कम से कम फरियादियो को यहाँ आने के लिए इस सीवर और बारिश के पानी में डुबकी न लगाना पड़े।

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