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रक्षाबंधन – रेशम की कच्ची सी डोर पर, पक्का रिश्ता

शाहीन बनारसी

भाई-बहन के प्रेमपूर्वक संबंध से तो आप सभी बखूबी वाकिफ होंगे। भाई-बहन जो बचपन से साथ रहते है, साथ खेलते है और साथ बड़े होते है। इस रिश्ते जैसा प्यार किसी और रिश्ते में नही होता। ये कहा भी जाता है कि एक भाई से अच्छा कोई दोस्त नही होता। एक बहन अपने भाई की जितनी हमदर्द होती है उतना ही एक भाई भी अपने बहन के प्रति होता है। देखा जाए तो दुनिया मे सबसे अच्छा और प्यार रिश्ता भाई-बहन का ही होता है। क्योकि इस रिश्ते मे कोई मतलब नही होता।

हर साल सावन के महीने में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। लोग कहते है कि भाई-बहन के रिश्तों का ये एक दिन होता है। लेकिन मेरा मानना ये है कि भाई बहन के प्यार भरे रिश्ते के लिए कोई दिन नही होता। इस रिश्ते में तो हर दिन प्यार दिखाई पड़ता है। रक्षा बन्धन के दिन बहने अपने भाइयों को राखी बांधती है। शादी शुदा बहने भी अपने ससुराल से मायके आती है अपने भाई को राखी बांधने के लिए। भाई भी बहनो से राखी बंधवाने के लिए उनके घर जाते है। राखी बंधवाने के बाद हर भाई अपने बहनो को तोहफा देते है। कुछ ऐसी भी बहने होती है जो अपने भाई को राखी खुद के ज़रिये नही बाँध पाती है और उसके लिए उन्हें कुरियर सर्विस का सहारा लेना पड़ता है। एक बहन होने के नाते मैं उस पल,  उस लम्हे के दर्द और बोझ को समझ सकती हु। इस तकलीफ को महसूस किया जा सकता है, एक ऐसा दर्द जिसके लिए लफ्ज़ अपने अंदाज़-ए-बयाँ न मिल पाने की मज़बूरी दिखा बैठते है। हम सिर्फ यही दुआ करते है कि भगवान इस दिन को किसी भी बहन के लिए न लाये।

वैसे तो राखी महज़ रेशम की एक डोर होती है। लेकिन इन रेशम के तारों की कीमत तब बढ़ती है जब एक बहन इसे अपने हाथो में लेती है और उसको अपने हाथों से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। राखी जिसमे मामूली से कुछ रेशम के धागे होते है, उसको बांधते वक़्त किया गया वायदा बहुत बड़ा होता है। शायद दुनिया के सारे वायदों से बड़ा। राखी बांधते वक़्त हर भाई अपने बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है। सिर्फ एक भाई ही नही बल्कि बहन भी अपने भाई से वायदा करती है कि वह अपने भाई का साथ हर सुख में, हर दुख दर्द में देगी। एक बहन की राखी बहुत अनमोल होती है। क्योंकि दुनिया मे हर शय का मोल होता है। मगर एक बहन की मुहब्बत का कोई मोल नही होता है। राखी जो सिर्फ चंद धागो से बनी होती है, लेकिन इन चंद धागो में चमक और खूबसूरती तो भाई-बहन के प्यार भरे रिश्ते से आती है। अगर इस राखी का संबंध इतने पवित्र रिश्ते से न होता तो शायद ये राखी नही चंद मामूली धागा ही कहलाती। इस धागे को मजबूत भी तो (बांधते वक़्त किया गया वायदा) भाई-बहन का रिश्ता ही बनाती है।

आपने इस रिश्ते के प्यार के बारे में सुना होगा, तो तकरार के बारे मे भी सुना होगा। क्योंकि इस रिश्ते में जितना प्यार होता है ना उसी तरह तकरार भी होता है। भाई-बहन के बीच झगडे तो लगभग हर दिन होते ही रहते है। ये झगड़ा भी बड़ा अलग होता है क्योकि आपने देखा ही होगा झगड़ा करने के कुछ पलों ही बाद प्यार भी उमड़ आता है, एक-दूसरे के लिए। नाराज़गी भी होती है मगर पल दो पल के लिये। भला नाराज़गी की क्या मजाल जो भाई-बहनों के बीच क्षण भर के लिए भी टिक जाए। इस रिश्ते में प्यार तो बहुत होता है मगर नज़र तब आता है जब भाई-बहन दोनो में से किसी एक पर भी जब कोई मुसीबत आती है। तब प्यार और चिंता अपने आप ही उमड़ आता है। इस रिश्ते में दिखावा तो बिल्कुल नही होता। यही रिश्ता दुनिया का एक ऐसा रिश्ता होता है जो बगैर किसी मतलब बल्कि प्यार और विश्वास के बुनियाद पर टिका होता है। लड़ना, झगड़ना और फिर प्यार से एक-दूसरे को मनाना, फिर थोड़ी देर बाद लड़ने लगना यही तो इस रिश्ते की खासियत है। भाई-बहन जो सिर्फ आपस मे लड़ते झगडते है एक-दूसरे से प्यार से कोई चीज़ मांगने के बजाय छिनते है लेकिन एक-दूसरे पर वैसे ही जान भी छिडकते है।

लेखिका शाहीन बनारसी एक युवा पत्रकार है

तू तो मेरी तरफ प्यार से देखता भी नही भाई,
मगर तेरे जैसा प्यार मुझसे करता भी नही कोई।

राखी शब्दो की ही नही बल्कि दिलो की पवित्रता का भी प्रतीक होता है। भाई-बहनों के बीच का परस्पर विश्वास होता है ये राखी। राखी, राखी तो रिश्तो के मीठेपन का अहसास होता है। एक भाई-बहन के बीच प्यार के डोर की तरह होती है राखी। भाई-बहन के इस रिश्ते के महत्व को, पवित्रता को, प्यार को, विश्वास को और राखी के इस त्यौहार को लफ़्ज़ों में बयां कर पाना बहुत ही मुश्किल है। भाई-बहन सुनने में छोटा लगने वाला ये शब्द हमारे जिंदगी में बड़ा महत्व रखता है। या यूं कहा जाए कि खुश किस्मत होते है वो लोग जिनके सरो पर भाई-बहन का साया होता है। एक बहन होने के नाते हर बहनों के भाइयों के लिए मेरी तरफ से ये दुआ है कि “कलाई खाली न हो भाई कभी तुम्हारी।”

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