Crime

वाराणसी – ऐसे ही थोड़ी न कहे जाते है दालमंडी के बाहुबली दुर्दांत बिल्डर, अदालत का स्टे ताख पर रखकर “कातिल बिल्डिंग” का दुर्दांत बिल्डर करवा रहा निर्माण

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। दालमंडी-नई सड़क के बिल्डर्स की दुर्दान्त हरकत एक और सामने आई है। जिसमे भवन पर अदालत का स्टे आदेश होने के बावजूद अदालती आदेश को ताख पर रखकर पुलिस की आँखों में धुल झोकते हुवे भवन पर निर्माण कार्य जारी है। इस दरमियान जब हमने बिल्डर से बात करने की कोशिश किया तो उन्होंने फोन नही उठाया।

क्या है मामला

प्रकरण ठठेरी बाज़ार स्थित भवन संख्या सीके0 21/30 का है। भवन के बड़ी संपत्ति है। अगर पुलिस बारीकी से पता करेगी तो इस भवन के निर्माण एग्रीमेंट के कारण ही विक्की शर्मा की हत्या होना सामने आएगा। मगर कहा पुलिस के पास इतना टाइम है कि वह विक्की शर्मा की हत्या में मुख्य जड़ तक पहुचे। दरअसल, पुलिस भी अब तने और पत्तियों से काम चला लेती है, जड़ तक जाने की ज़हमत कौन उठाये।

बहरहाल, भवन सख्या सीके0 21/30 जो एक ट्रस्ट की संपत्ति है का निर्माण एग्रीमेंट इसके ट्रस्टियो के द्वारा दालमंडी स्थित भीखाशाह गली निवासी एक दुर्दांत बाहुबली बिल्डर से किया गया था। इस एग्रीमेंट के अलावा इस संपत्ति पर एक और एग्रीमेंट ठठेरी बाज़ार निवासी बाबु बैटरी उर्फ़ नारायण दास के द्वारा भी किया गया था। मगर जब बाहुबली बिल्डर ने कुछ बड़े अपराधियों से मिलकर ये एग्रीमेंट अपने नाम करवा लिया गया तो नारायण दास उर्फ़ बाबु बैटरी के द्वारा अपना भी एग्रीमेंट इस बाहुबली बिल्डर को बेचान कर दिया गया। सूत्र बताते है कि बाहुबली बिल्डर ने इतना बड़ा ठेका पाने के बाद अपने सारे जुगाड़ लगा डाले। जो रास्ते में आये साफ़ करो के तर्ज पर मुख़्तार गैंग से भी हाथ मिल गया। इस बिल्डर एग्रीमेंट में सबसे बड़ी भूमिका विक्की शर्मा हत्या कांड के मुख्य अभियुक्तों की थी।

इसके बाद लाख अडचने होने के बावजूद नियम, कायदा, कानून को ताख पर रखकर बाहुबली बिल्डर के द्वारा निर्माण करवाया जाने लगा। इसी दरमियान विक्की शर्मा की हत्या हो जाती है। विक्की शर्मा इस भवन के निर्माण में मुख्य अड़चन था क्योकि सूत्र बताते है कि संपत्ति का एक ट्रस्टी जो बाहुबली के खौफ में था को सहारा विक्की शर्मा दे रहा था। अब जब विक्की शर्मा नाम की अड़चन दूर हो चुकी है तो बाहुबली बिल्डर एक बार फिर से सभी नियमो को ताख पर रखकर भवन निर्माण में काम लगा चुके है।

क्या है अदालत का आदेश

अदालत में इस सम्बन्ध में एक वाद दाखिल हुआ था। वाद संख्या 1592/21 के तहत वादी आदित्य ने धीरज को पार्टी बनाते हुवे अदालत से इस निर्माण और तोड़फोड़ की शिकायत किया। अदालत सिविल जज (जू0डी0) शहर वाराणसी (JO कोड UP2287) ने आदेश पारित करते हुवे इस संपत्ति पर किसी प्रकार के निर्माण, तोड़फोड़ पर रोक लगा दिया। आदित्य के मामले में धीरज सहित आदित्य ने सभी को पार्टी बनाया था। स्पष्ट तौर पर अदालत ने किसी भी प्रकार का निर्माण अथवा तोड़फोड़ को रोकते हुवे यथा स्थिति को बरक़रार रखने का आदेश सभी पक्षों को दिया। वादी का कहना है कि आदेश की कापी एसीपी दशाश्वमेघ को भी प्रदान किया गया।

क्या है स्थिति

वर्त्तमान में स्थिति कुछ इस प्रकार है कि बिल्डर साहब काम जारी रखे है। अदालत के आदेश को उन्होंने ताख पर रखकर खुद को अदालत से ऊपर समझ आकर निर्माण और तोड़ फोड़ जारी रखा है। सूत्र तो यहाँ तक बताते है कि पूर्वांचल के एक बड़े बाहुबली का संरक्षण प्राप्त इस बिल्डर ने अपराधियों को भी आसपास रख रखा है। काम जारी है, अदालत का आदेश ताख पर रखा है।

क्या कहते है बाहुबली बिल्डर साहब

बड़ी तहजीब से नाम लेना पड़ेगा बिल्डर साहब का। बाहुबली जो ठहरे। जान की सलामती जो चाहे वह इन बाहुबली बिल्डर साहब के मुह न लगे। बिजली विभाग के जेई पर जानलेवा हमला करने और करवाने के बाद भी स्थानीय पुलिस बिल्डर साहब को हाथ तक नही लगा पाई थी। बड़ी पहुच के कारण बिल्डर साहब का कुछ नही हो पाया था इसका ध्यान हम सबको रखना पड़ेगा। अड़चन पैदा कर रहा विक्की शर्मा आज ख़ाक हो चूका है ये भी ध्यान देने वाली बात है। भले उसके हत्यारोपी सभी जेल जा चुके है तो क्या ज़मानत नही होगी ?

नियम पूरा करते हुवे हमने बिल्डर साहब का भी वर्जन डालने की कोशिश किया। काफी फोन किये मगर बिल्डर साहब ने फोन नही उठाया। बड़ी मुश्किल से रास्ता चलते महाबली बिल्डर साहब के दर्शन विशेष हुवे तो हमने इस सम्बन्ध में सवाल किया। वो बोले कि “काम तो होता रहेगा। स्टे का क्या है होता रहता है। आपको जो लिखना है लिख दे। हम ऊपर तक पहुच रखते है।” हम भी “ऊपर तक की पहुच” शब्द को सुन कर तनिक चिन्घुड गये थे क्योकि बाहुबली बिल्डर साहब की पहुच “भगवान” तक है, ये बात तो हमको पता है। अब वो भगवान से शिकायत कर डालेगे तो फिर “भगवान” कही अपने पास न बुला ले। इसका खौफ हर एक को होना ही चाहिये। होगा भी क्यों नही, जैसे जान है तो जहान है, वैसे ही जान है तो पत्रकारिता है। यकीन नही आता तो विपिन को देख ले। खुद के भाजे विक्की को खो बैठे विपिन आज पत्रकारिता पर ध्यान न देकर इन बाहुबलियों से अपनी जान बचाते फिर रहे है। हालात आपके सामने है। इस बाहुबली बिल्डर की पकड़ और खौफ को आप समझ सकते है,

क्या कहती है पुलिस

इस सम्बन्ध में हमने चौक पुलिस से बात करना चाहा। थाना प्रभारी निरीक्षक मेडिकल लीव पर है। इस सम्बन्ध में जब हमने स्थानीय ब्रह्मनाल चौकी प्रभारी प्रकाश सिंह से बात किया तो उन्होंने संपत्ति पर स्टे की जानकारी होने से इन्कार करते हुवे बताया कि “स्टे की जानकारी थाना स्थानीय को नही हुई है। न ही वादी मुकदमा ने जानकारी दिया है। आपके द्वारा संज्ञान आया है, मौके पर तत्काल काम रोका जा रहा है। नियमो के मुखालिफ कोई भी काम नही होगा। वादी मुकदमा को स्टे की प्रति थाने पर देना चाहिए।”

क्या कहते है वादी मुकदमा

इस मामले में हमारी बात मुक़दमे में एक पक्ष धीरज से हुई। धीरज ने हमको जो विस्तार से बताया तो उनकी समस्या हम समझ सकते है। धीरज को भी अपनी जान का डर इस बाहुबली बिल्डर से सता रहा है। वह घर के बाहर भी निकलने से पहले खौफ खा रहे है। आखिर डर बड़ी बात होती है। डर होगा भी क्यों नही, इतिहास उठा कर देख ले जो भी इस बाहुबली बिल्डर के मुखालिफ आया वह आज कहा है ?

छपते छपते क्या हुआ

हमने जब इस सम्बन्ध में ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह से बात किया था तो स्टे की जानकारी स्थानीय पुलिस को नही थी। जानकारी होने के तत्काल अगले ही पल में प्रकाश सिंह अपने दल बल के साथ मौके पर पहुचे और काम कर रहे मजदूरों और उनको डायरेक्शन दे रहे बाहुबली बिल्डर के डायरेक्टरो से मौके पर काम तुरंत बंद करवा दिया। डायरेक्टरो को सख्त हिदायत दिया गया कि बिना अदालत के आदेश हुवे कोई काम तो दूर एक चुटकी बालू भी न रखा जायेगा न ले जाया जायेगा। पुलिस की त्वरित कार्यवाही से बाहुबली बिल्डर बड़ा बेचैन दिखाई दे रहा है। लगता है अब वह अपना अगला निशाना हमारे ऊपर सेट करेगा।

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