तारिक खान/ संजय ठाकुर
नई दिल्ली: आज गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि ऐसा उन्होंने गुजरात में चल रहे कुछ सियासी समस्याओं के कारण किया है। मिली जानकारी के अनुसार आज शनिवार को दोपहर लगभग तीन बजे मुख्यमंत्री विजय रूपाणी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। वहाँ से उनके निकलने के कुछ देर बाद ही ये खबर मिली कि सीएम विजय रूपाणी ने इस्तीफ़ा दे दिया है।
गौरतलब है कि भाजपा को अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड औऱ गुजरात जैसे कई राज्यों में विधानसभा चुनावों का सामना करना है। गुजरात में बीजेपी दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से सत्ता में है। इस बीच रूपाणी का इस्तीफा हुआ है। इससे पहले उत्तराखंड में बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदला था। पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन बहुत कम समय में ही उन्हें हटाकर पुष्कर धामी को कमान सौंपी गई। कर्नाटक में भी बीजेपी ने वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा की जगह बोम्मई को कमान सौंपी है। बीजेपी में उम्र को देखते हुए सत्ता में बदलाव को लेकर कई बार पहल देखी गई है। हालांकि येदियुरप्पा की उम्र 78 साल थी और विजय रूपाणी 65 साल के ही हैं। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह नगर है औऱ ऐसे में वहां सत्ता में अपनी पकड़ बनाए रखना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। हालांकि रूपानी के इस्तीफे की सही वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। रूपाणी हालिया वक्त में बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें इस्तीफा देना पड़ा है।
भाजपा के नेता विजय रूपाणी ने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अप्रत्याशित इस्तीफे के कुछ क्षणों के बाद कहा कि गुजरात के विकास को एक नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि “मेरा मानना है कि गुजरात के विकास की यात्रा नए नेतृत्व, नए उत्साह और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़नी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है।” यह बात उन्होंने मीडिया को दिए गए बयान में कही है। वही जानकारों की माने तो विजय रूपाणी को हटाने की चर्चा काफी समय से पार्टी में चल रही थी। उस दरमियान आज उनके इस्तीफे ने जहा एक तरफ कई सियासी अटकलों को जारी कर दिया है, वही दूसरी तरफ उनके उत्तराधिकारी के नाम पर भी मंथन होने लगा है। रूपाणी ने मीडिया से बात करते हुवे कहा कि, “मैं आभारी हूं कि मेरे जैसे पार्टी कार्यकर्ता को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का महत्वपूर्ण मौका दिया गया।”
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