तारिक़ खान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रविवार को कुशीनगर में दिए गए एक बयान से उत्तर प्रदेश की सियासत में अब अब्बा जान की इंट्री हो चुकी है। बताते चले कि रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि “2017 के पहले अब्बाजान कहने वाले लोग सारा राशन खा जाते थे।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान की सियासी गलियारे में ज़बरदस्त आलोचना शुरू हो गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद कांग्रेस ने ज़बरदस्त पलटवार किया है। योगी के विवादित बयान पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पलटवार किया है। गौरव वल्लभ ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा है कि कैसे मां गंगा में लोगों की लाशें बहती दिखीं और कोई सुध लेने वाला नहीं था। उन्होंने कहा कि योगी ने 2017 के पहले की बात कही लेकिन 200 साल पहले भी ऐसा कभी नहीं हुआ कि गंगा में सैंकड़ों लाशें बहती दिख रहीं थी। योगी साहब आप कौन से जान हैं? आपके कौन से अब्बाजान हैं और कौन से भाईजान हैं? उन्होंने आगे कहा कि यह पूरे देश को पता है। पीएम ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन संघ की वजह से हटा नहीं पाए। जिस सरकार में हाथरस जैसी घटना हो जाए, सरकार को एक क्षण भी शासन में रहने का हक नहीं है।
बोली सपा : अपने शासनकाल को देखे योगी सरकार
वहीं सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि साढ़े चार साल में यूपी में सिर्फ घोटाले ही हुए हैं। योगी अपने साढ़े चार साल का काम नहीं गिना पा रहे हैं तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। चुनाव में इसबार भाजपा को झटका लगने वाली है।
भाजपा का यही चुनावी एजेंडा है : उमर अबदुल्ला
उधर, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी योगी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा यह कहा है कि भाजपा का कोई चुनावी एजेंडा नहीं है सिवाय मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने के। यहां एक सीएम का बयान जो सामने आया है उसमें उन्होंने दावा किया गया है कि मुसलमानों ने हिंदुओं के लिए सभी राशन खा लिए हैं।
क्या था मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुशीनगर बयान
योगी रविवार को कुशीनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज गरीबों को राशन मिल रहा है, ये राशन क्या 2017 के पहले भी मिलता था? 2017 के पहले राशन नहीं मिलता क्योंकि तब अब्बा जान कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे। आज इन गरीबों का राशन कोई नहीं खा सकता। अगर कोई खाएगा तो वो जेल जाएगा।
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