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9/11 आतंकी हमले की बरसी पर विशेष : दहशतगर्दी का वो दिन जब दहल उठी थी पूरी दुनिया

तारिक़ आज़मी/ शाहीन बनारसी

आज ही का वह मनहूस दिन था जब दहशतगर्दो की काली करतूत से पूरी दुनिया दहल उठी थी। आतंकियों ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को इस बार अपना निशाना बनाया था। आज से 20 साल पहले 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आतंकियों ने पूरा प्लेन ही क्रैश करवा दिया था। इस भीषणतम आतंकी हमले में 2,977 लोगों की जान चली गई थी। हमले की जिम्मेदारी उस समय अलकायदा ने ली थी। 9/11 के भीषण हमलों को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अमेरिकी इतिहास का काला दिन कहा था। आज भी जार्ज बुश का वो शब्द मुझको याद है जब उन्होंने अपने बयान में कहा था कि जो अमेरिका के साथ नही है वह आतंक के साथ है।

क्या हुआ था आज के दिन

आतंकी संगठन अलकायदा ने 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो अपहृत विमानों के जरिये हवाई हमला बोला था। सुबह 8:30 बजे के वक्त 45 मिनट के भीतर ही 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर होते देख दुनिया सन्न रह गई थी।  इससे पहले सुबह 7:59 और 8:42 बजे के बीच चार कॉमर्शियल फ्लाइट्स जिनमें से दो बॉस्टन, एक वाशिंगटन डीसी और एक नेवार्क से कैलिफोर्निया के लिए उड़ान भरी थी, उसे अलकायदा के आतंकियों ने अगवा कर लिया। सुबह 8:46 बजे अपहरणकर्ता आतंकियों ने अमेरिकी विमान संख्या 11 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकरा दिया। इस घटना को जब तक कोई समझ पाया होता कि आखिर हुआ क्या है तभी सुबह 9:03 बजे आतंकियों ने अगवा अमेरिकी विमान यूनाइटेड एयरलाइन्स की फ्लाइट संख्या 175 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटक के दक्षिणी टावर से टकरा दिया। इससे पूरा अमेरिका सन्न रह गया लेकिन दूसरी बार विमान के टक्कर से साफ हो गया था कि यह पूर्व नियोजित हमला है कोई हादसा नहीं।

इस घटना के दिन तत्कालीन अमेरिकन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश फ्लोरिडा के एक प्राथमिक विद्यालय में एक किताब का पाठ करने वाले थे, तभी उन्हें चीफ ऑफ स्टाफ एंड्रेयू कार्ड ने उन्हें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से दूसरे विमान के टक्कर के बारे में सूचना दी और बताया कि अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ है। इसके बाद 9:42 बजे अमेरिका विमान प्राधिकरण ने अमेरिका में सभी उड़ानें तत्काल प्रभाव से रोक दीं। 9:45 बजे के करीब सुरक्षाकर्मियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास व्हाइट हाउस और अमेरिकी संसद यूएस कैपिटॉल को खाली करवा लिया। बाद में अलकायदा आतंकियों ने दावा किया था कि उनका निशाना वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी संसद यूएस कैपिटॉल था।

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो विमान टकराने के बाद आतंकियों ने 10:03 बजे के करीब तीसरे विमान को वाशिंगटन डीसी के बाहर आर्लिंगटन, वर्जीनिया में अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में टकरा दिया। आतंकियों ने चौथे विमान को वाशिंगटन डीसी की ओर टारगेट किया लेकिन विमान के कुछ यात्रियों एवं चालक दल द्वारा विमान पर कंट्रोल कर लेने की कोशिश में वह ग्रामीण पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के पास एक खेत में क्रैश हो गया। 10:28 बजे के करीब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का नार्थ टावर भरभराकर गिर गया। इसके गिरने के बाद आसमान धुएं और धूल के गुब्बारे से भर गया। इसकी वजह से दस हजार से ज्यादा लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ा। इनमें से कई लंबे समय से सांस की बीमारी आज भी झेल रहे हैं, जबकि कई लोग कैंसर के मरीज हो गए। 11:02 बजे के करीब धूल और धुएं को देखते हुए न्यूयॉर्क के मेयर ने लोवर मैनहट्टन को खाली कराने का आदेश दिया था। सभी चारों उड़ानों में सवार सभी यात्री समेत चालक दल और अगवा करने वाले आतंकियों की मौत हो गई। इन हमलों में कुल 2996 लोगों की जान चली गई थीं, जिनमें 400 पुलिस अफसर और फायरफाइटर्स शामिल थे। मरने वालों में 57 देशों के लोग भी शामिल थे। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की पूरी इमारत करीब 2 घंटे में मलबे में तब्दील हो गई थी। मारे गए लोगों में केवल 291 शवों की ही पहचान की जा सकी थी।

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में लगी आग को काबू में करने और राहत-बचाव कार्य के लिए न्यूयॉर्क सिटी फायर डिपार्टमेंट के सैकड़ों कर्मी फौरन जुट गए। लेकिन लोगों की जान बचाते-बचाते इसमें 345 कर्मियों की मौत हो गई। अधिकांश की मौत मलबे में दबने से हुई। शाम में 5:20 बजे के करीब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की बिल्डिंग नंबर 7, जो ट्विन टावर के बगल में थी, वह भी ट्विन टावर का मलवा गिरने की वजह से ढह गई। 9/11 के हमलों में 10 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए। रात 8:30 पर राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने व्हाइट हाउस से जनता को संबोधित किया। इस दर्दनाक हमले के पीछे अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था। अमेरिका ने कार्रवाई करते हुए 2 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था।

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