Crime

जाने कौन है भुलेटन का इफ्तेखार, जिसको तलाश रही चौक पुलिस और वो है फरार, जाने कैसे है उसका बिहार के बाहुबली से सीधा सम्पर्क

तारिक़ आज़मी

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की चौक पुलिस आज भुलेटन निवासी मुख्तार के पुत्र इफ्तेखार को बड़ी ही शिद्दत के साथ तलाश कर रही है। मगर इफ्तेखार तो घर ही नही बल्कि मोहल्ले से फरार है। बड़ी शान-ओ-शौकत का मालिक इफ्तेखार विगत कुछ दिनों से बिल्डर बन चूका है और रेशम कटरा क्षेत्र में स्थित एक मठ की संपत्ति पर कुछ कथितो के साथ मिल कर निर्माण कर रहा है। इसको इत्तेफाक कहेगे या फिर कुछ और सूत्र बताते है कि इफ्तेखार का एक पार्टनर शैलेन्द्र भी है। ये वही शैलेन्द्र सिंह है जिसको एसटीऍफ़ ने भारी मात्रा में मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया था। मिली जानकारी के अनुसार शैलेन्द्र सिंह अभी जेल में है।

मिल रही जानकारी और पुलिस सूत्रों की माने तो चौक पुलिस को एक किलो 300 ग्राम चरस इसके एक्टिव से बरामद हुई है। चौक पुलिस इसी मादक पदार्थ तस्करी के सम्बन्ध में इफ्तेखार की तलाश कर रही है। सूत्र बताते है कि इफ्तेखार की तलाश में कई बार चौक पुलिस न केवल उसके आवास पर गई है, अपितु उसके सम्भावित ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है। वैसे पुलिस द्वारा अभी तक मादक पदार्थ के सम्बन्ध में स्पष्ट कुछ भी नही बताया गया है। मगर सूत्र बताते है कि एसीपी दशाश्वमेघ के निर्देशन और प्रयास से चौक पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता हाथ लग चुकी है।

कौन है इफ्तेखार

भुलेटन के निवासी मुख़्तार का बेटा इफ्तेखार ख़ासा चर्चा का केंद्र रहा है। एक बिल्डर पर जानलेवा हमले के सम्बन्ध में इफ्तेखार पर अपराधिक मामला दर्ज होने के बाद ये खास तौर पर चर्चा में आया था। छोटी बड़ी साईट पर बिल्डर्स से एग्रीमेंट करवा कर उसका कट लेने वाला इफ्तेखार आज अपनी अच्छी खासी धौस में रहता है। इधर बीच अचानक इफ्तेखार अब बिल्डर बन गया। सूत्रों की माने तो उसने तीन लोगो के साथ मिल कर एक साझेदारी में रेशम कटरा मठ की संपत्ति का एग्रिमेंट किया हुआ है और साईट पर रुक-बंद की स्थिति में काम चल रहा है।

सूत्र बताते है कि इफ्तेखार का एक पार्टनर शैलेन्द्र भी है। ये वही शैलेन्द्र है जिसको एसटीऍफ़ ने विगत दिनों भारी मात्रा में मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया था और वर्त्तमान में वह जेल में है। वैसे अभी तक पुलिस का मानना है कि इफ़्तेख़ार अपने साझेदार शैलेन्द्र का काम पूरा देखने लगा है। मगर हमारे सूत्र बताते है कि ये पूरा कारोबार इफ्तेखार का है और शैलेन्द्र इस कारोबार में उसका साझीदार है। अभी इफ्तेखार घर छोड़ कर फरार है। चौक पुलिस उसके घर पर और सभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। मगर पुलिस के हाथ से वह फिसल गया है।

बिहार के सिवान से जुडा है कनेक्शन

बिहार के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन जिसकी मृत्यु विगत दिनों कोरोना संक्रमण के कारण हुई थी, सिवान में दहशत का दूसरा नाम था। इसमें भले ही स्थानीय पुलिस था जैसे शब्द लगा कर काम चला सकती है, मगर हकीकत में हमारे सिवान से जुड़े सूत्र बताते है कि आज भी हनक शहाबुद्दीन के नाम की वहा कायम है। शहाबुद्दीन का सबसे करीबी आदमी और शूटर है जिसको “हाजी” कहा जाता है। सूत्रों की माने तो इफ्तेखार की पत्नी बानो हाजी की सगी बहन है। हाजी अक्सर फरारी के वक्त इफ्तेखार के घर आकर शरण लेता था ये बात भी सूत्र दबी जबान से बताते है। इस रिश्ते के कारण ही इफ्तेखार ने बहुत ही कम समय में काफी दौलत कमा लिया है।

यही नही इफ्तेखार ने अपने बेटे को भी शातिर बना रखा हुआ है इस बात को तो दबी जबान से चौक पुलिस भी मानने को तैयार हो जाएगी। आज सद्दाम को चौक पुलिस ने काफी लम्बे समय तक बहला फुसला कर, समझा कर उसके बाप इफ्तेखार का पता करने की कोशिश किया मगर शातिर बाप का बेटा कुछ भी नही बताया। सूत्रों की माने तो सद्दाम इलाके में अपने उम्र के लडको में अपना दबदबा बनाये हुवे है।

कौन है शरणदाता ?

सूत्र बताते है कि सिवान से कनेक्शन के अलावा शहर में कुछ सफ़ेदपोश बनने वाले अन्दर से अपराध का इतिहास रखने वाले इसके शरणदाता है। इफ्तेखार का सबसे एक तथाकथित “बुलेट राजा” है। ये “बुलेटराजा” इफ्तेखार के हर अच्छे बुके कामो पर पर्दा डालने की कोशिश करता है। यही नही “बुलेटराजा” के साथ मिल काम कर रहे दो बिल्डर्स के साझेदारी में निर्माणाधीन अर्दली बाज़ार के एक बड़ी बिल्डिंग में इफ्तेखार ने बुलेटराजा के कहने पर अपना पैसा भी लगाया था। अगर इफ्तेखार के पिछले दो साला के काल रिकार्ड निकाल कर सख्ती से छानबीन हो जाए तो ये “बुलटराजा” जैसे खुद को सफ़ेदपोश कहने वाले कई कथितो के काले चिट्ठे भी खुल सकते है।

पुलिस द्वारा इफ्तेखार के घर पर छापेमारी की बात सुनकर “बुलेटराजा एंड कंपनी” ने चौक थाने पर सेटिंग करने का प्रयास किया। मगर शायद “बुलटराजा एंड कंपनी” ये भूल चुकी थी कि मामला ऊपर तक है और इस बार उनका सामना एसीपी अवधेश पाण्डेय से है जो “बुलेटराजा एंड कम्पनी” के भौकाल में नहीं आयेगे। कल काफी रात तक “बुलटराजा एंड कंपनी” चौक थाने के आसपास ही मंडरा रही थी। मगर सफलता उनको मिलनी नही थी। बहरहाल, वो कहावत है कि “वन का गीदड़, जायेगा किधर” तो ये भी हकीकत है कि आखिर कब तक इफ्तेखार भागेगा और कब तक छिपेगा। आज नही तो कल वह पुलिस के हत्थे चढ़ेगा ही ज़रूर। आखिर लोग कहते है कि पुलिस के हाथ काफी लम्बे है। तो हकीकत में ये लम्बे हाथ आम के पेड़ से फल तोड़ने के लिए नही बल्कि ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए है।

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