राकेश भटनागर
रामपुर। रामपुर से सपा सांसद आजम खान पहले ही कई सारे मामलों में जेल में बंद है। अब उन पर चल रहे केसों में एक बड़े केस ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। यह मामला है उनके द्वारा रामपुर में चलाई जा रही मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की चकरोड की जमीन का। उन पर इस सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला चल रहा था। इस मामले में आजम खां को झटका लगा है। उपजिलाधिकारी की कोर्ट ने आजम खां के जौहर ट्रस्ट की अपील को खारिज कर दिया है। एसडीएम की कोर्ट ने तहसीलदार की अदालत द्वारा दिए गए चकरोड की जमीन से कब्जा हटाने के आदेश को सही माना है। तहसीलदार कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जौहर ट्रस्ट ने राजस्व परिषद में याचिका दायर की थी, जिसे राजस्व परिषद ने खारिज कर दिया था।
कुछ महीने पहले प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर इस यूनिवर्सिटी की तीन ओर से दीवारों को ध्वस्त कर किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने का रास्ता बना दिया था। जब उनकी दीवारें तोड़ी गई थीं तो इस कार्यवाही के विरोध में जौहर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2020 तक भवनों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी थी और तहसीलदार के आदेश के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में निगरानी दाखिल करने के आदेश दिए थे। एसडीएम ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जौहर ट्रस्ट की अपील को खारिज करते हुए तहसीलदार की कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।
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