फारुख हुसैन के इनपुट सहित शाहीन बनारसी
लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया की हिंसक घटना में मारे गए किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल करने का आरोप लगाते हुए परिजन ने युवक लवप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। मामले की खबर लगते ही भाकियू नेता राकेश टिकैत मंगलवार को वापस लखीमपुर लौटे और मझगईं के चौखड़ा फार्म में जाकर लवप्रीत सिंह के परिजन से मुलाकात की है। फिलहाल अभी परिजन के साथ उनकी बंद कमरे में वार्ता हो रही है। गौरतलब हो कि जिले के चौखड़ा फार्म निवासी किसान लवप्रीत सिंह का शव पोस्टमार्टम के बाद शाम को उसके घर पहुंच गया था। मंगलवार को सुबह 10 बजे उसका अंतिम संस्कार होना था। लेकिन जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का पता चला तो किसानों में गुस्सा भड़क उठा।
वायरल हुआ एक और वीडियो
तिकुनिया में बवाल के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें बर्बरता साफ नजर आ रही है। पीछे से आई थार ने पहले तो किसानों को टक्कर मारी और फिर फार्चूनर उन्हें रौंदती चली गई। आसपास खड़े किसान इन कारों की टक्कर से पत्थर की तरह हवा में उछलकर जमीन पर जा गिरे। तिकुनिया बवाल के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की तरफ से भले ही अपने बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को बचाने की कोशिशें की जा रही हो रही हो, लेकिन इस घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सारी सच्चाई बयां कर रहे हैं। इन वायरल वीडियो से किसानों के उस दावे की भी पुष्टि हो रही है, जिसमें वे अपनी हर बात के सच होने का सबूत होने की बात कह रहे हैं।
तिुकनिया बवाल के दो वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। पहले वीडियो में साफ दिख रहा है प्रदर्शनकारी किसान हाथ में झंडे लेकर सड़क से गुजर रहे हैं। इसी बीच पीछे से हूटर बजाती हुई तीन कारें वहां पहुंचती हैं। पहली थार जीप है, दूसरी फार्चूनर कार और तीसरी कोई अन्य है। तेज रफ्तार थार जीप से पहले तो किसानों को टक्कर मारी गई और फिर उन्हें रौंदती हुई आगे निकल गई। कुछ सेकेंड के अंतराल पर पीछे से आई फॉर्च्यूनर कार ने भी सड़क पर पड़े किसानों को रौंदा और जो किनारे खड़े थे, वे उसकी टक्कर लगने के बाद हवा में उछलकर दूर जा गिरे।
जीप के पीछे मंत्री का पोस्टर किसानों को पहले टक्कर मारने वाली थार जीप के पीछे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का पोस्टर भी लगा हुआ था। वायरल हुए करीब 30 सेकेंड के वीडियो में भी यह पोस्टर साफ नजर आ रहा है। दूसरी वीडियो में थार छोड़कर भागते तिकुनिया बवाल में एक अन्य वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें सड़क किनारे खड़ी थार जीप से दो युवक बाहर निकलकर भागते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो किसानों को कुचलने के बाद का बताया जा रहा है। किसानों को रौंदने संबंधी वीडियो विभिन्न लोगों के जरिये ट्विटर पर शेयर किया गया है। अब तक हजारों लोग इस वीडियो को रीट्वीट कर चुके हैं और लाखों लोग इन वीडियो को लाइक कर चुके हैं। इसके जवाब में कुछ लोग कार के ड्राइवर का फोटो भी ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं, जिसमें लिखा है कि पत्थर लगने से वह गाड़ी पर संतुलन खो बैठा। इसके बाद एक अन्य वीडियो भी यहां शेयर किया गया, जिसमें जीप के पास जमीन पर पड़े एक व्यक्ति को कुछ लोग लाठी-डंडों से पीट रहे हैं।
लिखते लिखते मिली जानकारी
इनरनेट सुविधा न होने के कारण लखीमपुर खीरी के पलिया निवासी हमारे संवाददाता फारुख हुसैन ने हमको फोन पर बात करते हुवे बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुवे किसानो ने शवो का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। इस बीच प्रशासन और किसान नेता राकेश टिकैत के बीच हुई बातचीत में निष्कर्ष निकला कि किसान अन्य तीन शवो का अंतिम संस्कार कर देंगे और चौथे किसान युवक नानापारा निवासी गुरविंदर सिंह का दुबारा पोस्टमार्टम किसी अन्य प्रदेश में करवाया जायेगा।
हमारे संवाददाता फारुख हुसैन ने कहा कि किसानो का आरोप है कि गुरविंदर सिंह को गोली भी लगी थी, परन्तु पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने नहीं आई है। इस कारण किसानो को लगता है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ हुई है। सुबह गर्म हुआ माहोल अब सामान्य स्थिति में बदलता दिखाई दे रहा है। अभी शांति व्यवस्था कायम है। मौके पर भारी फ़ोर्स की तैनाती की गई है।
किसानो में मीडिया के खिलाफ भी भड़का हुआ है आक्रोश
हमारे सम्वाददाता फारुख हुसैन ने बताया कि किसानो के अन्दर मीडिया के खिलाफ भी आक्रोश भरा हुआ है। कल दोपहर में समाचार कवरेज को गए पत्रकारों पर भी किसानो का गुस्सा दिखाई दिया था। किसानो ने एक न्यूज़ एजेंसी की गाडी में तोड़फोड़ भी किया था। जिसके बाद पत्रकार उक्त क्षेत्र में जाने से डर भी रहे है कि कही उनको किसानो के आक्रोश का सामना न करना पड़े। किसानो का आरोप है कि मीडिया अपनी भूमिका ईमानदारी से नही निभा रहा है। इस कारण किसान आक्रोशित है। उनका कहना है कि मीडिया सत्ता के दबाव में काम कर रहा है। आज सुबह किसान नेताओ के तरफ से मीडिया को बुलावा आने के बाद भी मीडिया कर्मी वहा जाने की हिम्मत नही जुटा पाए थे।
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