तारिक़ आज़मी
कड़क वर्दी, कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए सख्त लहजा, प्रशंसा योग्य काम करने पर अपने अधिनस्थो की सराहना करना, और कुछ गलत करने पर सख्त रुख अख्तियार करना। ये सभी वाराणसी के अपर पुलिस कमिश्नर आईपीएस सुभाष चन्द्र दुबे की पहचान में शुमार है। कभी भी किसी भी वक्त रियलिटी चेक करने मौके पर पहुच जाना उनकी कार्यशैली का एक हिस्सा है। अमूमन लोग उनको एक सख्त अधिकारी समझते है।
उनकी बेबसी आईपीएस सुभाष चन्द्र दुबे को देखी नही गई। अपने साथ दो कम्बल खुद के इस्तेमाल हेतु लेकर चलने वाले सुभाष चन्द्र दुबे ने दोनों कम्बल अपने हाथो में लिया और लेकर ट्रेन से उतर कर प्लेटफार्म पर आये। प्लेटफार्म पर बिना कैमरों की चकाचौंध के उन्होंने अपने खुद के दोनों कम्बल उन दो लोगो को दे दिया। यही नही खुद का खाने के लिए मंगवाया हुवा खाने का पैकेट और पानी की बोतल भी उनको दे दिया। इसके बाद वापस ख़ामोशी से आकर अपनी सीट पर बैठ गए। जब वह कम्बल दे रहे थे, उस वक्त प्लेटफार्म पर खड़े किसी युवक ने आहिश्ता से उनकी तस्वीर निकाल लिया। अब ये तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ कमा रही है।
बेशक, हम पहले खुद को देखते है, उसके बाद दुसरे को देखते है। मगर इस आईपीएस ने खुद को न देख कर पहले उन गरीबो को देखा और उनको अपना कम्बल और खाने का पैकेट दे डाला। आप समझ सकते है कि पुरे सफ़र में उन्होंने अपने लिए तकलीफे ही उठाई होंगी। इस सर्द रातो में वह बिना कम्बल के अपने सफ़र पर निकल पड़े, मगर दो लोगो को उनके हिस्से की गर्माहट दे दिया। सोशल मीडिया पर इन तस्वीरो की तारीफों का पुल बंध रहा है। काफी लोग पहचान भी नही रहे थे कि आखिर ये कौन है? इसी दरमियान एक यूज़र ने उन तस्वीरो को पहचाना। आईपीएस सुभाष चन्द्र दुबे के इस कार्य को देख कर आप कह सकते है कि कड़क वर्दी में नर्मदिल इंसान है सुभाष चन्द्र दुबे।
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