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मध्य प्रदेश: अजब बिजली विभाग की गज़ब कहानी, न खम्भा न तार, न घरो में बिजली, फिर भी पहुच रही हर महीने बिल

तारिक खान/शाहीन बनारसी

डेस्क। दो साल पहले एक घोटाला सामने आया था। जिसमे आदिवासी बहुल डिंडौरी जिले में सौभाग्य योजना के नाम पर बिजली विभाग के अफसरों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर करीब 9 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। तब सूबे में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। दोषी अधिकारीयों को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए गए थे। दो साल बाद भी इस चर्चित घोटाले की जांच पूरी नहीं हो पाई है। और तो और, सौभाग्य योजना के तहत कागजों पर बने लाभार्थियों को अब तक घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं हो पाया है।

अब सरकारी कागजों में आदिवासी बाहुल्य कुछ गाँवों में आदिवासियों के घरो में विभाग ने कागज़ पर खम्भे गाड दिए और बिजली भी पंहुचा दिया। हर महीने बिजली विभाग बिल भेज दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिन बिजली घरो में बिल भेजने में तनिक भी विभाग कसर नही छोड़ रहा है। उदहारण के तौर पर सरई टोला में रहने वाले जयसिंह को पिछले एक साल से हर महीने बिजली का बिल बिना नागा किया मिल रहा है। सितंबर 2021 का बिजली बिल 2,123 रुपये तक पहुंच चुका है। जबकि उनके गाँव में बिजली का खम्भा तक नही है। बिजली विभाग का कर्मचारी उप-सरपंच के घर उनका बिजली बिल छोड़कर जाता है।

यही नही पास के ही गाँव खुर्री टोला में तो कई ग्रामीण ने कहा कि बिजली का कनेक्शन तो पहुंचा नहीं, हर महीने बिल जरूर भेजा जा रहा है। खुर्री टोला में रहने वाले झनक लाल नेटी का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने संबंधित विभाग तथा जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क भी किया था, पर कोई फायदा नहीं हुआ।

देवकरा गांव से लगे वनग्राम टिकरा टोला में बिजली विभाग ने तीन साल पहले तीन खंबे गाड़े थे। बस खम्बे गाड कर अपनी ज़िम्मेदारी से मुह फेर लेने वाले बिजली विभाग ने खंबों पर तार नहीं टांगे है। इसके बाद भी इलाके के 25 घरों में एक साल से हर महीने बिजली बिल भेजा जा रहा है। गांव के बुजुर्ग गुलाब सिंह धुर्वे ने बताता कि तीन साल पहले पोस्ट ऑफिस का कर्मचारी उनके गांव आया था। बिजली लगाने के नाम पर ग्रामीणों से कुछ दस्तावेज ले गया था।

यहाँ बिजली के नाम पर उनके मोहल्ले में सिर्फ तीन खंबे ही लगे हैं। इस सम्बन्ध में इलाके के कार्यपालन अभियंता एसडी सिंह ने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत ग्रामीणों को बिजली कनेक्शन देना था। कागजों में इन्हें लाभार्थी बना दिया, परंतु उन्हें कनेक्शन नहीं मिला है। उनके पास फरवरी और मार्च में भी ऐसी शिकायतें आई थी, जिनका निराकरण कर दिया है। तीन-चार छोटे गांवों से शिकायतें मिल रही है, जिनका जल्द ही निराकरण जल्द कर दिया जाएगा।

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