अपनी पत्नी और मासूम बच्चो की हत्या करने के बाद शायद नींद की गोलियां खाकर गंगा में छलांग लगा दिया था डाक्टर ने
आदिल अहमद
कानपुर। कानपुर में अपनी पत्नी और अपने दो मासूम बच्चो की हत्या करने के बाद आरोपी डाक्टर सुशील कुमार ने खुद पहले नींद की गोलियां खाई और फिर गंगा में छलांग लगा दिया होगा। ये खुलासा डाकतार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में निकल कर सामने आया है। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का नजरिया है कि शायद उसने ऐसा इसलिए किया होगा कि उसकी मौत आसानी से हो सके। नींद की गोलियां बरामद होने की वजह से पुलिस को भी यह आशंका है। जैकेट की जेब में तीन पत्ते नींद की गोलियां (क्लोज 0.5) मिलीं। साथ ही मोबाइल, डेबिट कार्ड, कार की चाबी के अलावा गीतांजलि सॉल्यूशन का एक विजिटिंग कार्ड मिला है। पुलिस ने सभी दस्तावेज और मोबाइल सील कर दिया है। जिसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी।
गौरतलब हो कि पत्नी और बच्चों की लाशों के पास पुलिस को चाय के खाली कप मिली थी, साथ ही किचन में मूसल में पाउडर मिला था। फॉरेंसिक जांच में पुष्टि हुई थी कि चाय में पाउडर को मिलाकर तीनों को पिलाया गया था। ताकि वह बेहोश हो जाएं। सुशील के जैकेट से बरामद गोलियां देख पुलिस को आशंका है कि इन्हीं गोलियों को पीसकर सुशील ने पत्नी व बच्चों को दी होगी। बरामद पत्तों में कई गोलियां गायब हैं। आशंका है कि गंगा में कूदने से पहले उसने ये गोलियां खाईं होंगी।
हत्यारोपी डाक्टर के मोबाइल की जब पुलिस ने लोकेशन निकलवाया तो उसकी आखरी लोकेशन सरसैया घाट थी। जिसके बाद पुलिस ने गंगा में सर्च अभियान चलाया था। जल पुलिस व गोताखोरों की टीम रविवार को भी शव की तलाश कर रही थी। दोपहर करीब 12 बजे सिद्धनाथ घाट के पास बीच गंगा में जल पुलिस के सिपाही मोती व गोताखोर अर्जुन निषाद व दीपक गुप्ता को शव दिखा। शव बाहर निकाला गया। शव के जैकेट व पैंट की जेब की तलाशी लेने पर सभी दस्तावेज मिले।
हालांकि छलांग लगाते हुए फुटेज नहीं मिला, वहीं लोकेशन सरसैया की मिली। इससे थोड़ा मामला उलझ गया था। हालांकि शव मिलने के बाद साफ हो गया कि डॉक्टर का मकसद परिवार को खत्म करने के बाद आत्महत्या करने का था। वही किया भी। शव दस दिन पुराना है। पूरी तरह से सड़ चुका है। इसी कारण गोताखोर उसको उठाकर स्टीमर में डाल नहीं सके। एक कपड़े को उसमें बांधकर किसी तरह से नदी के किनारे पर लाए। डीसीपी पश्चिम का कहना है कि परिजनों ने शव की पहचान कर ली है। लेकिन, किसी तरह की कोई गुंजाइश न रहे और भविष्य में कोई सवाल न बाकी हो इसलिए डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा। इससे पूरी तरह से मुहर लग जाएगी।