आरटीआई का जवाब न देने पर अधिशासी अधिकारी पर सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना
सरताज खान
गाजियाबाद (लोनी)। उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने आवेदकों की आरटीआई का जवाब नहीं देने पर लोनी नगरपालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने यह निर्णय अपने 26 नवम्बर को निर्गत आदेश में दिया था। जिसने जिलाधिकारी गाजियाबाद को भी आदेश पत्र की प्रति भेजते हुए जुर्माने की राशि अधिशासी अधिकारी के वेतन से काटने के निर्देश दिए है।
गौरतलब हो कि उक्त मामला 2017 में अंकुर विहार निवासी वी गणेसन व विनोद कुमार आदि की आरटीआई से जुड़ा है, जिसमे उन्होंने अपने क्षेत्र में नगरपालिका द्वारा बनाई गई घटिया गुणवत्ता वाली सड़को के निर्माण से सम्बंधित किए गए आदेश आदि की कॉपी मांगी थी, लेकिन नगरपालिका द्वारा आरटीआई एक्ट के उल्लंघन करते हुए कोई जबाब नही दिया गया।
प्रथम अपील डालने पर कोई जवाब नही आने पर आरटीआई आवेदनकर्ता ने संदर्भ में उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में अपील दायर की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए सूचना आयोग द्वारा बार-बार बुलाये जाने पर भी अधिशासी अधिकारी ने लगातार कानून का उल्लंघन किया और सूचना आयोग में कोई जबाब नही दिया, जिस पर अब सूचना आयोग ने कार्यवाही करते हुए अपना निर्णय दिया है।
आरटीआई कर्ता का कहना है कि आयोग के इस निर्णय के बाद अब लोग और अधिक जागरूक होंगे तथा उनका विश्वास आयोग व कानून पर बढेगा। साथ ही नगरपालिका द्वारा विकास को लेकर कराए जा रहे निर्माण कार्यों में अभी भी इसी प्रकार घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो इस निर्णय के बाद जागरूक नागरिक नगरपालिका से जवाब मांग सकेंगे।