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वाराणसी: “न दो गज की दुरी, न मास्क है ज़रूरी” की सोच लिए सपा नेता ने कोविड प्रोटोकाल रखा ताख पर, किया चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी में जमकर प्रचार

तारिक़ आज़मी

वाराणसी. वाराणसी में लगता है सपा नेता राजू यादव ने आचार संहिता और कोविड प्रोटोकाल का उलंघन करने की कसम खा रखा है। इसके पहले “संक्रांति” के दिन राजू यादव अपने लाव लश्कर के साथ सप्तसागर में कम्बल बाटने लगे थे। जानकारी कोतवाली पुलिस को हुई तो पुलिस ने न राजू यादव का लाव देखा न लश्कर सीधे मुकदमा दर्ज कर डाला था। इसके बाद भी सपा नेता को शायद कोई सबक नही मिला और वोट की चाहत ने उनको नियमो को ताख पर रखने की शायद आदत बना दिया है।

ताज़ा मामला कल बृहस्पतिवार का है। सपा नेता अपने लाव लश्कर के साथ चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी पहुच जाते है। नियम को दरकिनार करते हुवे नेता जी न दो गज की दुरी और न मास्क है ज़रूरी के तर्ज पर जमकर प्रचार करते है। न मास्क उनके लिए ज़रूरी था और न उनके लाव-लश्कर के लिए ज़रूरी था। नेता जी के साथ दालमंडी के 50 हज़ार वोटो का खुद को मालिक बताने वाले “नेता किस्म” के कार्यकर्ता भी थे। एक एक दूकान पर बिना मास्क के नेता जी प्रचार प्रसार करते दिखाई दिए।

अब सवाल ये उठता है कि क्या नेता जी के लिए कोविड प्रोटोकाल कोई मायने नही रखता है? क्या नेता जी मेरे मन को भाया के तर्ज पर अपना नियम, कायदा, कानून खुद बना बैठे है। आने वाले विधानसभा में हमारे प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले सपा नेता जनता की सुरक्षा को नही तरजीह दे रहे थे तो फिर भविष्य में उनका क्या रुख होगा? आखिर नियम तो उनके लिए भी उतने ही है जितने एक आम नागरिक के लिए है। कोविड प्रोटोकाल तो उनके ऊपर भी वही लागू होता है जो अन्य आम नागरिको के लिए लागू होता है। फिर आखिर नेता जी को ऐसी छुट क्यों?

“फ्री में बिजली देंगे 300 यूनिट” ये बात नेता जी ने हर एक दुकानदार और मिलने वालो को बताया ज़रूर। मगर नेता जी किसी से ये कहते हुवे नहीं दिखाई दिए कि कोविड नियमो का पालन करे, स्वस्थ और सुरक्षित रहे। नेता जी ने खुद न मास्क पहना था और न ही उनके लाव-लश्कर ने मास्क पहना हुआ था। फिर भी एक एक दूकान पर खुद खड़े होकर अपने लाव लश्कर के साथ प्रचार प्रसार कर रहे थे। क्या नेता जी को पता था कि उनके लाव लश्कर में कोई कोरोना संक्रमित नही हो सकता है?

आखिर इतनी लापरवाही नेता जी की क्यों? हमारे वोटो की चाहत रखने वाले और हमारे वोटो के ठेकेदार बने लोगो से हम ये आम सवाल तो कर ही सकते है। हम किसी दल के समर्थक नही है। फिर भी नियमो का पालन नही करना कहा तक की बुद्धिमानी है। क्या नियमो की धज्जियां उडाना ही सियासत बन चुकी है। सरकार और जिला प्रशासन डिजास्टर मैनेजमेंट हेतु नियम बनाती है। हमारी आपकी भलाई के लिए, अन्यथा वाराणसी जिलाधिकारी क्यों इतना परेशान होते, वो सिर्फ चाहते है कि हर एक नागरिक सुरक्षित रहे। मगर नेता ही शायद चाहते है कि ये नियम की धज्जियां उड़े। देखना होगा कि वाराणसी प्रशासन और चौक पुलिस कैसे ऐसे नेताओं पर अंकुश लगाती है।

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