तारिक़ आज़मी
डेस्क। आरआरबी एनटीपीसी परिणाम को लेकर छात्रों का प्रदर्शन और अधिक उग्र होता जा रहा है। प्रशासन की हिदायत और रेल मंत्री के भरोसा देने के बावजूद छात्र मानने के लिए तैयार नहीं हैं। पिछले तीन दिनों लगातार अलग-अलग स्थानों पर ट्रेन की बॉगियों में आग लगाने से लेकर ट्रेन को रोके जाने की खबरें सामने आई हैं। साथ ही पुलिस और छात्रों के बीच कुछ जगह पथराव की भी खबरें सामने आई हैं। इन सबके बीच जो सूत्रों से बड़ी जानकारी निकल कर सामने आई है वह है कि शिक्षा जगत में युट्यूब पर क्रांति लाने वाले और करोडो सब्सक्राईबर रखने वाले पटना के खान सर समेत कई संस्थानों के खिलाफ पटना में एफआईआर(Fir) दर्ज की गई है।
हालांकि रेलवे की प्रेस वार्ता के बाद खान सर ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि आरआरबी ने जो भी फैसला लिया है, अगर वो 18 तारीख को ही ले लिया जाता, तो नौबत नहीं आती। लेकिन अब बोर्ड ने एक अच्छा कदम उठाया है कि छात्रों से 16 फरवरी तक सुझाव मांगा है। गौरतलब हो कि आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के परिणाम में धांधली के आरोप में छात्र संगठन आइसा व इनौस ने 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है। आइसा-इनौस नेताओं की मांग है कि रेल मंत्रालय सात लाख संशोधित रिजल्ट फिर से प्रकाशित करे। प्रदर्शनकारी बेरोजगार युवाओं का आरोप है कि आरआरबी एनटीपीसी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक सीबीटी-1 स्क्रीनिंग परीक्षा है। इसके अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाएंगे।
वही बेरोजगारों का आरोप है कि इसे क्लीयर करने वाले को ही सीबीटी-2 परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलेगा। चूंकि, पेपर स्नातक और इंटर पास के लिए एक समान स्नातक स्तर का आयोजित किया गया था। इसलिए, परिणाम में 2019 तक स्नातक कर चुके उम्मीदवारों का दबदबा ज्यादा रहा। अब ज्यादा अंक पाने वाले उम्मीदवार सभी स्लॉट की स्क्रीनिंग लिस्ट में चयनित हो गए। इससे बड़ी संख्या में एक ही उम्मीदवार का एक से अधिक स्लॉट में सीबीटी-2 के लिए चयन हो रहा है। जबकि वास्तविक हकदार उम्मीदवार को मौका नहीं मिल रहा।
जबकि रेलवे ने इस पूरे प्रकरण में साफ किया है कि रिजल्ट तैयार करने में किसी प्रकार की धांधली नहीं हुई है। सीबीटी-2 के लिए 20 गुना फॉर्मूले के तहत सात लाख उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। आरआरबी ने बताया कि किसी एक उम्मीदवार ने एक से अधिक स्तर के लिए नामांकन किया था और उसे अच्छे अंक प्राप्त हुए तो वह एक से अधिक स्तर के लिए चयनित हो सकता है। इसलिए, सूची में नाम रिपीट हो सकते हैं, लेकिन नौकरी एक ही पद पर मिलेगी।
कौन है “खान सर”
बिहार के पटना वाले खान सर यू-ट्यूब की दुनिया के चर्चित शिक्षकों में से एक हैं। उनका चैनल खान जीएस रिसर्च सेंटर लोकप्रिय है। इसके करीब 1।45 करोड़ फॉलोवर्स हैं। वे करेंट अफेयर्स और जीएस के टॉपिक्स को इतनी सरलता से समझाते हैं कि हर कोई उनका दीवाना है। उनके पढाने और मुद्दों को समझने का तरीका लोगो को पसंद आता है। बड़े विषय पर बहुत ही सरल तरीके से समझाने वाले खान सर काफी कम वक्त में चर्चा में आ गए और लोग उनके वीडियो को डाउनलोड करके भी वायरल करते है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्मे खान सर कैसे पटना वाले खान सर बने इसको लेकर तो रहस्य है कि जबकि इस बात का भी रहस्य है कि उनका असली नाम क्या है? उनका चैनल खान जीएस रिसर्च सेंटर लोकप्रिय है। इसके करीब 1 करोड़ 45 लाख सब्सक्राईबर हैं। वे करेंट अफेयर्स और जीएस के टॉपिक्स को इतनी सरलता से समझाते हैं कि हर कोई उनका दीवाना है। वे पढ़ाते वक्त विद्यार्थियों और उम्मीदवारों से ठेठ देसी बिहारी अंदाज में ही बात करते हैं। खान सर की लोकप्रियता इसी से समझी जा सकती है कि उनके हर वीडियो को देखने वालों की संख्या लाखों में है। खान सर के कई वीडियो को दो से तीन करोड़ बार से ज्यादा देखा गया है। उनका जेल कैसी होती है और जेल के अंदर क्या-क्या होता है वीडियो 4 करोड़ 40 लाख से ज्यादा बार देखा गया है।
पुलिस पर भी साधते रहते है निशाना
खान सर अपने वीडियो के माध्यम से पुलिस पर भी निशाना साधते रहते है। वह थाने पर भी कमेन्ट पास कर देते है। उन्होंने एक वीडियो में दरोगा शब्द का भी पूरा आपरेशन किया था और कहा था कि “दरोगा” यानी “दा चाहे रो।।गा” उनका ये वीडियो काफी चर्चित और वायरल हुआ था। इस दरियान खान सर ने काफी शोहरत हासिल किया। मुसल्लापुर हार्ट के स्टूडियो में हमारे प्रतिनिधि से खान सर से मुलकात होती है। खुबसूरत स्टूडियो, सर पर तरतीब से झड़े हुवे बाल और बालो में तेल उनकी पहचान हुई थी।
खान सर ने साफ़ साफ़ बातो को बताया कि हमारा सपना सेना में जाने के लिए था। मगर बच्चो में गरीबो की शिक्षा पर ध्यान दिया। खान सर ने बताया कि हम उन गरीब बच्चो को पढाते है जिस परिवार में दो भाई है। एक भाई एक सप्ताह मजदूरी करता है और दुसरे सप्ताह पढाई। पहले भाई जिस सप्ताह पढाई करता है उस सप्ताह दूसरा भाई मजदूरी करता है। उन्होंने बताया कि हम 11 रुपयों में भी बच्चो को शिक्षा दे चुके है। हमारा उद्देश्य गरीबो को शिक्षा देना है। खान साहब से हमने उनके असली नाम का ज़िक्र किया तो उन्होंने साफ साफ कहा कि हमारे छात्रो के लिए हम खान सर है तो खान सर है। मेरी पहचान खान सर ही है। मैं वही हु। इसके अलावा इस देश का एक नागरिक हु। खान सर के नाम से जाना जाता हु तो खान सर हु।
क्या खान सर की बढ़ेगी मुश्किलें
फिलहाल खान सर का नाम एनटीपीसी और आरआरबी हेतु चल रहे विवाद में सामने आ रहा है। उनके युट्यूब चैनल पर भी कोई वीडियो वह अपलोड नही कर सकते है और ट्वीट पर भी कोई गतिविधि नही कर सकते है। माना जा रहा है कि पुलिस शायद खान साहब पर शिकंजा कसे। मगर दूसरी तरफ जब खान साहब पर सख्ती आसान भी नही दिखाई दे रही है। क्योकि खान सर को चाहने वालो की कमी नही दिखाई देती है। खान सर को एक प्रकार से मिनी गूगल भी माना जाता है। हर एक विषय पर अथाह ज्ञान रखने वाले खान सर के जीवन में अगले कुछ दिन कैसे होंगे इसकी कयास ही लगा सकते है। मगर मुद्दे में सबसे बड़ी बात ये है कि खान सर ने शिक्षा को एक नया आयाम दिया है इससे कोई इंकार नही कर सकता है।
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